कमोडिटी ब्रोकर
एक वस्तु दलाल एक फर्म या एक व्यक्ति जो आदेश को खरीदने या बेचने के लिए निष्पादित करता है वस्तु ठेके ग्राहकों और उन्हें प्रभार एक की ओर से कमीशन । एक फर्म या व्यक्ति जो अपने खाते के लिए व्यापार करता है, व्यापारी कहलाता है । कमोडिटी अनुबंधों में वायदा , विकल्प और इसी तरह के वित्तीय डेरिवेटिव शामिल हैं । कमोडिटी अनुबंधों का व्यापार करने वाले ग्राहक या तो जोखिम का प्रबंधन करने के लिए डेरिवेटिव बाजारों का उपयोग करने वाले हेजर्स हैं , या सट्टेबाज जो लाभ की उम्मीद में हेजर्स से उस जोखिम को मानने को तैयार हैं। [1]
ऐतिहासिक रूप से, कमोडिटी ब्रोकरों ने अनाज और पशुधन वायदा अनुबंधों का कारोबार किया। आज, कमोडिटी ब्रोकर न केवल अनाज और पशुधन के आधार पर वित्तीय डेरिवेटिव्स की एक विस्तृत विविधता का व्यापार करते हैं, बल्कि खाद्य पदार्थों, धातुओं , ऊर्जा , स्टॉक इंडेक्स , इक्विटी , बॉन्ड , मुद्राओं और अन्य अंतर्निहित संपत्तियों की लगातार बढ़ती सूची के आधार पर डेरिवेटिव भी व्यापार करते हैं। . 1980 के दशक के बाद से, व्यापार किए जाने वाले अधिकांश कमोडिटी अनुबंध वित्तीय डेरिवेटिव हैं जिनमें वित्तीय अंतर्निहित परिसंपत्तियां जैसे स्टॉक इंडेक्स और मुद्राएं हैं। [२] २०१४ में वोल्कर नियम के लागू होने के बाद, कमोडिटी ट्रेडिंग हाउस और व्यक्तिगत दलालों की संख्या घट गई है। [३]
1869-1870 मैकॉन, जॉर्जिया निर्देशिका से एक पृष्ठ जिसमें दो कंपनियां हैं जो कमीशन व्यापारियों के रूप में विज्ञापन करती हैं
फर्म और व्यक्ति जिन्हें अक्सर सामूहिक रूप से कमोडिटी ब्रोकर कहा जाता है, उनमें शामिल हैं:
फ्लोर ब्रोकर / ट्रेडर: एक व्यक्ति जो कमोडिटी एक्सचेंज के फ्लोर पर कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट्स का ट्रेड करता है । एक कमीशन के बदले में एक ग्राहक की ओर से ट्रेडों को निष्पादित करते समय वह एक दलाल की भूमिका में कार्य कर रहा है। अपने स्वयं के खाते की ओर से या अपने नियोक्ता के खाते के लिए व्यापार करते समय, वह एक व्यापारी की भूमिका में कार्य कर रहा है। फ्लोर ट्रेडिंग कमोडिटी एक्सचेंज के गड्ढों में खुली चीख-पुकार के माध्यम से की जाती है । एक फ्लोर ब्रोकर "कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर फ्लोर ट्रेडर" से अलग होता है, वह एक्सचेंज के फ्लोर पर भी काम करता है, अपने खाते के लिए प्रिंसिपल के रूप में ट्रेड करता है। [४]
फ्यूचर्स कमीशन मर्चेंट (FCM): एक फर्म या व्यक्ति जो एक्सचेंज पर ट्रेड किए गए कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए ऑर्डर मांगता है या स्वीकार करता है और क्लाइंट फंड्स को सिक्योरिटीज ब्रोकर-डीलर के समान मार्जिन पर रखता है । अधिकांश व्यक्तिगत व्यापारी सीधे एफसीएम के साथ काम नहीं करते हैं, बल्कि आईबी या सीटीए के माध्यम से काम करते हैं। [५]
इंट्रोड्यूसिंग ब्रोकर (आईबी): एक फर्म या व्यक्ति जो एक्सचेंज पर ट्रेड किए जाने वाले कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए ऑर्डर मांगता है या स्वीकार करता है। आईबी वास्तव में ग्राहक निधि को मार्जिन कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर पर नहीं रखते हैं। क्लाइंट फंड टू मार्जिन आईबी से जुड़े एक एफसीएम द्वारा आयोजित किया जाता है। [6]
कमोडिटी ट्रेडिंग एडवाइजर (सीटीए): एक फर्म या व्यक्ति, जो मुआवजे या लाभ के लिए, कमोडिटी अनुबंधों के व्यापार पर दूसरों को सलाह देता है। वे कमोडिटी पूल को सलाह देते हैं और प्रबंधित वायदा खातों की पेशकश करते हैं। एक आईबी की तरह, एक सीटीए ग्राहक निधि को मार्जिन पर नहीं रखता है; वे एक FCM में आयोजित किए जाते हैं। सीटीए अपने ग्राहकों के खातों पर विवेक का प्रयोग करते हैं, जिसका अर्थ है कि उनके पास ग्राहक के व्यापारिक उद्देश्यों के अनुसार ग्राहकों के खाते में व्यापार करने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी है। एक सीटीए आम तौर पर एक वित्तीय सलाहकार या म्यूचुअल फंड मैनेजर के बराबर कमोडिटी है । [7]
कमोडिटी पूल ऑपरेटर (सीपीओ): एक फर्म या व्यक्ति जो सीटीए द्वारा सलाह दी गई कमोडिटी पूल संचालित करता है। कमोडिटी पूल अनिवार्य रूप से म्यूचुअल फंड के समकक्ष कमोडिटी है। [8]
पंजीकृत कमोडिटी प्रतिनिधि (RCR) / संबद्ध व्यक्ति (AP): FCM, IB, CTA, या CPO का कर्मचारी, भागीदार या अधिकारी, FCM, IB, CTA, या CPO की गतिविधियों का संचालन करने के लिए विधिवत पंजीकृत और लाइसेंस प्राप्त। यह एक पंजीकृत प्रतिनिधि के समतुल्य वस्तु है । [९]
एक एकल फर्म या व्यक्ति पंजीकृत हो सकता है और एक से अधिक क्षमता में कार्य कर सकता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, उपरोक्त किसी भी भूमिका में काम करने वाले व्यक्ति को वित्तीय उद्योग नियामक प्राधिकरण (एफआईएनआरए) द्वारा प्रशासित श्रृंखला 3 राष्ट्रीय कमोडिटी फ्यूचर्स परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी । कुछ अपवादों को छोड़कर, अधिकांश व्यक्तियों, जो एक FCM, आईबी, सीटीए, और सीपीओ, साथ ही उनके RCR / APs के रूप में कार्य के साथ, के साथ पंजीकृत होना पड़ता है कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (CFTC), और का सदस्य होना राष्ट्रीय फ्यूचर्स एसोसिएशन ( एनएफए)। फ्लोर ब्रोकर/व्यापारी जो कमोडिटी एक्सचेंज के सदस्य या कर्मचारी हैं, उन्हें आम तौर पर एनएफए के सदस्य होने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि वे एक्सचेंज द्वारा विनियमित होते हैं।
कमोडिटी ब्रोकर विभिन्न एक्सचेंजों पर वस्तुओं का व्यापार कर सकते हैं, जो एक निश्चित कमोडिटी प्रकार के व्यापार में विशेषज्ञ होते हैं। आम कमोडिटी एक्सचेंजों में न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (एनवाईएमईएक्स) शामिल है जो विभिन्न वस्तुओं में व्यापार करता है , शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओटी) जो गेहूं, चावल, सोयाबीन, जई, मक्का, चांदी, सोना और इथेनॉल में व्यापार करता है, और इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) जो कच्चे तेल, बिजली और प्राकृतिक गैस में व्यापार करता है। अन्य में सीएमई ग्रुप , कैनसस सिटी बोर्ड ऑफ ट्रेड , लंदन इंटरनेशनल फाइनेंशियल फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस एक्सचेंज और न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड शामिल हैं ।
कमोडिटी मार्केट में करनी है ट्रेडिंग तो इन बातों का ना करें नजरअंदाज
ब्रोकर का चुनाव करने से लेकर सौदा लेने तक की पूरी डिटेल्स पर बात होगी।
अगर आप कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं या फिर ट्रेडिंग शुरु करने का मन बना रहे हैं तो आज के खास एपिसोड में हम आपको कमोडिटी में कारोबार से जुड़ी हर बारीकियां बताने वाले हैं। ब्रोकर का चुनाव करने से लेकर सौदा लेने तक की पूरी डिटेल्स पर बात होगी। साथ ही कमोडिटी एक्सचेंज किस तरह से काम करता है और BUY/SELL की स्थिति में भुगतान और डिलिवरी को लेकर क्या नियम हैं, इसपर भी चर्चा करेंगे।
कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए गाइडलाइंस
कमोडिटी में सिर्फ एक्सचेंज में रजिस्टर्ड ब्रोकर के जरिए ही ट्रेडिंग करें। ट्रेडिंग शुरू करने से पहले KYC करना जरूरी होता है। सभी ट्रेड Unique Client Code के जरिए करना चाहिए। अपना मोबाइल नंबर और E-Mail जरूर रडिस्टर्ड करें। SMS, E-Mail के जरिए एक्सचेंज ट्रेड की जानकारी देता है। एक्सचेंज की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी मिलती है।
इन बातों का रखें ध्यान
मार्जिन भुगतान समय पर करें, ब्रोकर से रसीद जरूर लें। BUY/SELL पर कमोडिटी/रकम का भुगतान समय पर करें। ब्रोकर से कमोडिटी/पैसे के भुगतान का दस्तावेज जरूर लें। दस्तावेज में तारीख, Commodity Quantity लिखी होती है। बैंक/रीमैट में जमा फंड और वेयरहाउस रसीद भी चेक करें।
एक्सचेंज कैसे करता है काम
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BUY/SELL पर एक कामकाजी दिन में भुगतान/डिलीवरी होता है। 24 घंटे के अंदर एक्सचेंज हर ट्रेड की डिटेल्स भेजता है। एक्सचेंज ये डिटेल्स SMS, E-Mail के जरिए ट्रेड डिटेल्स भेजता है। एक्सचेंज हर 7 कामकाजी दिन में वीकली स्टेटमेंट देता है। वीकली स्टेटमेंट में फंड बैलेंस/डिलीवरी डिटेल्स होती है। ट्रेड डिटेल्स गलत होने पर 15 दिन में शिकायत की सुविधा मिलती है। ब्रोकर समाधान नहीं निकाले तो एक्सचेंज में शिकायत करें। अगर किसी कारणवंश एक्सचेंज के समाधान से संतुष्ट ना होने पर SEBI में जाएं।
इन बातों का भी ख्याल रखें
कमोडिटी ट्रेडिंग के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है जैसे समय-समय पर एक्सचेंज वेबसाइट चेक करते रहना चाहिए। ट्रेडिंग शुरू करने से पहले ब्रोकर की पूरी डिटेल्स पता करें। ब्रोकर की डिटेल्स एक्सचेंज वेबसाइट पर है या नहीं चेक करें। ट्रेडिंग वाली कमोडिटी के फंडामेंटल की जानकारी रखेंअफवाहों और मार्केट टिप्स पर भरोसा नहीं करें।
कमोडिटी मार्केट में क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट ?
इसके बिना आप कमोडिटी बाजार में किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकते हैं
इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं . इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
कमोडिटी ट्रेडिंग में खुद सौदे करने से पहले ब्रोकर के माध्यम से सौदे करने से जोखिम घटता है. अगर खुद सौदे करना चाहते हैं तो पहले कुछ दिन मॉक ट्रेडिंग कर सकते हैं. एमसीएक्स में ज्यादातर नॉन एग्री और एनसीडीईएक्स पर एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है. कमोडिटी मार्केट में निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है किस एक्सचेंज किन-किन कमोडिटीज का कारोबार होता है.
मसलन, देश के सबसे बड़े नॉन एग्री कमोडिटी एक्सचेंज में बुलियन, क्रूड, बेस मेटल्स का कारोबार होता है. इसके अलावा कुछ एग्री कमोडिटीज जैसे मेंथा तेल, क्रूड पाम तेल (सीपीओ) की ट्रेडिंग होती है. इसी तरह कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर ज्यादाातर एग्री कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है. एनसीडीईएक्स पर ग्वार, चना, जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, कैस्टर, जीरा, हल्दी समेत अन्य कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है.
कमोडिटी मार्केट में क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट ?
इसके बिना आप कमोडिटी बाजार में किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकते हैं
इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं . इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
कमोडिटी ट्रेडिंग में खुद सौदे करने से पहले ब्रोकर के माध्यम से सौदे करने से जोखिम घटता है. अगर खुद सौदे करना चाहते हैं तो पहले कुछ दिन मॉक ट्रेडिंग कर सकते हैं. एमसीएक्स में ज्यादातर नॉन एग्री और एनसीडीईएक्स पर एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है. कमोडिटी मार्केट में निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है किस एक्सचेंज किन-किन कमोडिटीज का कारोबार होता है.
मसलन, देश के सबसे बड़े नॉन एग्री कमोडिटी एक्सचेंज में बुलियन, क्रूड, बेस मेटल्स का कारोबार होता है. इसके अलावा कुछ एग्री कमोडिटीज जैसे मेंथा तेल, क्रूड पाम तेल (सीपीओ) की ट्रेडिंग होती है. इसी तरह कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर ज्यादाातर एग्री कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है. एनसीडीईएक्स पर ग्वार, चना, जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, कैस्टर, जीरा, हल्दी समेत अन्य कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है.
Commodity Market से घटेगा जोखिम, बढ़ेगी आय
Commodity उन महत्वपूर्ण पदार्थों और स्रोतों को कहा जाता है जिनसे या जिनकी मदद से इस्तेमाल के लायक उत्पाद तैयार किए जा सकें। कमोडिटी मार्केट में उत्पाद की खपत और उत्पादन भी मांग और आपूर्ति की तरह कीमतों पर लगातार असर डालते रहते हैं।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। बाजार में निवेश के लिए पहला कदम रखने वालों को सबसे पहले शेयर बाजार दिखता है और वो उसी में पैसा लगाते है, हालांकि निवेशकों के लिए एक नहीं कई ऐसे बाजार मौजूद हैं, जहां कमाई उतनी ही आकर्षक है जितना शेयर बाजार से मिलने वाला रिटर्न। इन बाजारों में एक प्रमुख बाजार है commodity market। ऐसे निवेशकों की कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर कोई कमी नहीं है जो बेहतर रिटर्न के लिए अपने निवेश का मुख्य हिस्सा कमोडिटी मार्केट में लगाते हैं। कमोडिटी मार्केट में कारोबार के अपने कई फायदे होते हैं। अगर आप भी commodity market में निवेश करना चाहते हैं तो पढ़े निवेश से जुड़ी सभी प्रमुख बातें
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क्या होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?
Commodity उन महत्वपूर्ण पदार्थों और स्रोतों को कहा जाता है जिससे या जिसकी मदद से इस्तेमाल के लायक उत्पाद तैयार किए जा सकें। इनका अपना आकार या वजन होता है या फिर इन्हें मापा जा सकता है। इन पदार्थों और स्रोतों का कारोबार ही कमोडिटी ट्रेडिंग कहलाता है और जिस जगह ये कारोबार होता है उसे कमोडिटी मार्केट कहते हैं।
Share market और commodity market ट्रेडिंग का मुख्य अंतर ये होता है कि कमोडिटी मार्केट में उत्पाद की खपत और उत्पादन भी मांग और आपूर्ति की तरह कीमतों पर लगातार असर डालते रहते हैं। यानी commodity market में किसी उत्पाद की कीमतें इस बात पर भी निर्भर करती हैं उसका उत्पादन और खपत किस स्तर पर है। यहां मांग न होने पर भी कमोडिटी का उत्पादन घटने पर कीमतें बदलना आम है। कच्चे तेल में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है। हालांकि शेयर बाजार में कारोबार का प्रमुख हिस्सा एक ही शेयर की बार बार बिक्री और खरीद पर आधारित होता है। शेयरों की संख्या बढ़ना या घटना एक तय प्रक्रिया का हिस्सा होता है और ये आम घटना नहीं होती। ऐसे में कई बार ऐसे स्टॉक जिनकी बाजार में मांग नहीं होती वो निचले स्तरों पर ही लंबे समय तक बने रहते हैं। कहा जा सकता है कि commodity market कई मायने में शेयर बाजार के मुकाबले ज्यादा एक्शन वाला बाजार साबित होता है जिससे यहां कारोबारियों के लिए लगातार मौके बने रहते हैं।
Commodity को 4 वर्गों में बांटा जाता है. इसमें पहला मेटल कमोडिटी होती है जिसमें लोहा, स्टील, कॉपर, सोना और चांदी आदि आते हैं। वहीं दूसरा एनर्जी कमोडिटी होती है जिसमें तेल, गैस, कोयला आदि आते हैं। तीसरी कैटेगरी में एग्री प्रोडक्ट आते हैं जिसमें अनाज आदि आते हैं वहीं चौथा कार्बन क्रेडिट, कार्बन एनर्जी सर्टिफिकेट आते हैं जो कि पर्यावरण से जुड़े हैं।
क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर का फायदा?
Commodity कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव आम है इससे एक कारोबारी के लिए इसमें कई मौके बनते रहते हैं। वहीं अगर आपको कमोडिटी मार्केट की अच्छी जानकारी है तो आप छोटी रकम लगाकर ऊंचे फायदे कमा सकते हैं। कमोडिटी में निवेश करने से किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियों में विविधता आती है। इससे न केवल लोगों को आय बढ़ाने के मौके मिलते हैं साथ ही अनिश्चतता की स्थिति में जोखिम से सुरक्षा मिलती है। हालांकि ये भी सच है कि कमोडिटी मार्केट में लोगों को काफी नुकसान भी हो सकता है ऐसे में आपको बाजार के जानकार की मदद से commodity market में निवेश करना चाहिए। 5paisa के एप की मदद से आप कमोडिटी मार्केट से ऊंचा मुनाफा भी उठा सकते हैं।
कैसे करें कमोडिटी में ट्रेडिंग?
Commodity market में आप एक डीमैट खाते की मदद से ट्रेड कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी जानकार शेयर ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खुलवाना होगा। इसके साथ ही commodity market की जानकारी भी रखनी होगी। आप शुरुआती रकम के साथ commodity market में अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। आप 5paisa के साथ अपने पोर्टफोलियों मे विविधता ला सकते हैं और जोखिम घटाने के साथ रिटर्न भी बढ़ा सकते हैं। 5paisa के साथ आप बिना कोई शुल्क दिए डीमैट अकाउंट खोलकर कमोडिटी मार्केट में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
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