RBI ने डिजिटल रुपया जिसे ई-रूपी भी कहा जाता है उसका concept नोट जारी किया. साथ ही साथ ये भी साझा किया कि CBDC 2022 यूनियन बजट में लॉन्च किया जाएगा. आइये समझने की कोशिश करते हैं कि RBI का नया डिजिटल रुपया आम जनता पर कैसे असर डालेगा इसमें क्या खास होगा. ये प्रोसेस अभी डेवलपिंग स्टेज में ही है तो आगे कई बदलाव होने की संभावना है.

क्रिप्टो मुद्रा में उछाल

क्रिप्टो करेंसी भुगतान का एक वैकल्पिक रूप हैं. इनके मामलों में वित्तीय भुगतान गुप्त व सुरक्षित टैक्नॉलॉजी के ज़रिये डिजिटल माध्यमों से किया जाता है जिन्हें ब्लॉकचेन कहा जाता है.

क्रिप्टो करेंसी कोविड-19 महामारी के दौरान, दुनिया भर में बहुत तेज़ी से बढ़ी, जिससे पहले से ही मौजूद चलन और भी ज़्यादा मज़बूत हो गया. इस समय दुनिया भर में लगभग 19 हज़ार क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं.

वर्ष 2021 में आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? क्रिप्टो करेंसी रखने वाली आबादी के मामले में, शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? वाले 20 देशों में से, 15 देश विकासशील देश थे.

इस सूची में 12.7 प्रतिशत के साथ यूक्रेन सबसे ऊपर था, उसके बाद रूस 11.9 प्रतिशत और वेनेज़ुएला 10.3 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.

उतना स्वर्णिम नहीं

अंकटाड का कहना है कि बाज़ार में हाल के समय में डिजिटल मुद्रा को लगे झटकों से झलकता है कि क्रिप्टो करेंसी रखने के निजी जोखिम तो हैं ही, मगर केन्द्रीय बैंक, वित्तीय स्थिरता की हिफ़ाज़त करने के लिये हस्तक्षेप करते हैं तो ये समस्या सार्वजनिक बन जाती है.

उससे भी ज़्यादा, अगर क्रिप्टो करेंसी भुगतान के एक माध्यम के रूप में विकसित होना जारी रखती है, और यहाँ तक कि अनौपचारिक रूप में घरेलू मुद्राओं की जगह भी ले लेती है, तो भी देशों की वित्तीय सम्प्रभुता ख़तरे में पड़ सकती है.

कर चोरी का भय

अंकटाड के एक नीति पत्र में बताया गया है कि क्रिप्टो करेंसी विकासशील देशों में किस तरह से घरेलू संसाधन सक्रियता को कमज़ोर करने का एक नया चैनल बन गई है, और साथ ही इस बारे में, बहुत कम कार्रवाई और उसमें भी देरी करने के जोखिमों के बारे में भी आगाह किया गया है.

अंकटाड ने आगाह किया है कि क्रिप्टो करेंसी से वैसे तो विदेशों से अपने मूल स्थानों को रक़म भेजना आसान होता है, मगर उनसे कर चोरी व अवैध वित्तीय लेनदेन के ज़रिये टैक्स से बचाना भी शामिल हो सकता है. बिल्कुल टैक्स स्वर्ग कहे आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? जाने वाले स्थानों की तरह, जहाँ धन का स्वामित्व स्पष्ट नहीं होता है.

एजेंसी ने कहा है कि इस तरह से, क्रिप्टो करेंसी मुद्रा नियंत्रणों की प्रभावशीलता को भी कमज़ोर कर सकती है, जोकि विकासशील देशों को उनके नीतिगत स्थान और छोटे पैमाने पर आर्थिक स्थिरता के लिये एक अहम उपकरण है.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की चेतावनी-अगला फाइनेंशियल क्राइसिस क्रिप्टो से आ सकता है

आरबीआई गवर्नर ने एक प्रोग्राम में बताया कि दुनियाभर के ज्यादातर देश गंभीर आर्थिक मंदी की चपेट में आ गए है. हालांकि, भारत की आर्थिक गतिविधियों में मजबूती कायम है. हालांकि, न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के एक सर्वे मे 70 फीसदी अर्थशास्त्रियों ने अमेरिका में मंदी की बात मानी है. उनका कहना है कि साल 2023 में आर्थिक मंदी आ सकती है. हालांकि, भारत में आर्थिक मंदी की बातों को वर्ल्ड बैंक और कई बड़ी एजेंसिया खारिज कर चुकी है.

उन्होंने कहा-सख्त आर्थिक नियमों से देश की ग्रोथ पर असर होगा. आने वाले दिनों में डिपॉजिट रेट और बढ़ सकते है. बैंक जमा दरों में 1.5% तक की बढ़ोतरी देखी गई है. अगर आसान शब्दों में कहें तो एफडी पर दरें बढ़ने की उम्मीद है .

क्रिप्टो बनेगी आर्थिक मंदी की वजह? RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि डिजिटल करेंसी भविष्य की करेंसी होगी. दुनियाभर के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देंगे. लेकिन क्रिप्टो करेंसी दुनियाभर में आर्थिक मंदी की वजह बन सकती है. क्योंकि क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह अनुमान पर आधारित है. बीते कई महीने में कई एक्सचेंज बंद हो चुकी है. अगर भाव की बात करें तो कई क्रिप्टोकरेंसी इस साल 60-90 फीसदी तक लुढ़क गई है. बिटकॉइन ने मार्च में 30 हाजर डॉलर को पार किया था. उसके बाद से शुरू हुई गिरावट में ये 14000 डॉलर पर आ गई है.

जानें क्या है डिजिटल रुपया जिसकी आज से शुरुआत करेगा RBI, कैश पर कैसे डालेगा असर

RBI to Launch E-Rupee: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? पर डिजिटल रूपये की शुरुआत करने जा रहा है, आइये एक नजर इसके फायदे और फीचर्स पर डालते हैं.

  • 9 बैंकों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया
  • जानें क्या है डिजिटल रुपये के फायदे

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जानें क्या है डिजिटल रुपया जिसकी आज से शुरुआत करेगा RBI, कैश पर कैसे डालेगा असर

RBI to Launch E-Rupee: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले महीने एक बहुमुखी प्रोजेक्ट डिजिटल रूपये (E-Rupee) को जल्द से जल्द शुरू करने का ऐलान किया आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? था जिसकी शुरुआत आज (एक नवंबर) से होने जा रही है. आरबीआई इसकी शुरुआत एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करने जा रहा है, जिसके सफल होने के बाद इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने पर भी विचार किया जा सकता है. 1 नवंबर से शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत आरबीआई होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रूपये की शुरुआत करेगा.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का मानना है कि डिजिटल करेंसी की शुरुआत से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लोगों के बीच ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को पहुंचने में मदद मिलेगी. साथ आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? ही घर पर पैसे की जमाखोरी करने वालों से भी छुटकारा मिलेगा.

RBI ने पायलट डिजिटल करेंसी लॉन्च की: कैश रखने की जरूरत नहीं, 9 बैंकों के साथ CBDC होलसेल की शुरुआत

RBI ने आज यानी 1 नवंबर को देश की पहली डिजिटल करेंसी लॉन्च की। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेंट्रल बैंक आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? डिजिटल करेंसी ( CBDC) जारी की गई है। इसके लिए SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश बजट के दौरान डिजिटल करेंसी जारी करने का ऐलान किया था।

दो तरह की डिजिटल करेंसी
डिजिटल करेंसी दो तरह की है- CBDC होलसेल और CBDC रिटेल। 1 नवंबर से शुरू हो रही डिजिटल करेंसी CBDC होलसेल है। इसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय संस्थान जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थान करेंगे। इसके बाद CBDC रिटेल जारी होगी। इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे।

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