क्यों इतना अहम होता है सिम का रोल?

SIM-Swap

स्वैप क्या है

ब्याज दर स्वैप

यह एक वित्तीय लेनदेन है जिसमें दो प्रतिपक्ष अनुबंध के पूरे समय में नकदी प्रवाह की स्वैप क्या है स्ट्रीमस का विनिमय करने के लिए सहमत होते हैं जिसमें एक पक्ष एक अनुमानित मूलधन पर एक निश्चित ब्याज दर का भुगतान करता है और दूसरा उसी राशि पर एक अस्थायी दर का भुगतान करता है, जिसे फ्लोटिंग से फिक्स्ड और फिक्स्ड से फ्लोटिंग आईआरएस के रूप में जाना जाता है। आईआरएस फ़्लोटिंग टू फ़्लोटिंग भी हो सकता है जिसमें कोई एक फ्लोटिंग हों।

आईआरएस का मूल उद्देश्य घटकों के ब्याज दर जोखिम को स्वैप क्या है हेज करना है और उन्हें अपने संबंधित नकदी प्रवाह के लिए सबसे उपयुक्त संपत्ति/देयता प्रोफ़ाइल की संरचना करने में सक्षम बनाना है।

ब्याज-दर स्वैप अलग-अलग उत्पाद हैं जो सीधे मूल ऋण से जुड़े नहीं हैं, जिसके संबंध में ग्राहक ब्याज दर जोखिम को हेज करना चाहता है, लेकिन इसका उद्देश्य उन ऋणों पर भुगतान किए गए ब्याज की स्थिरता सुनिश्चित करना है।

SIM SWAPPING FRAUD: आपके ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके आपको ही लगा दिया जाएगा चूना, इस तरह करें सिम स्वैपिंग से खुद का बचाव

Sim Swapping

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2022,
  • (Updated 19 जुलाई 2022, 6:54 PM IST)

इसमें आपका स्वैप क्या है मोबाइल नंबर ही आपसे ले लिया जाता है

जैसे-जैसे लोगों में टेक्नोलॉजी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है वैसे-वैसे फ्रॉड की खबरें भी बढ़ रही है. इसी कड़ी में अब सिम स्वैपिंग को लेकर चर्चा तेज हो गई है. बता दें सिम स्वैपिंग में व्यक्ति की निजी जानकारी और बैंक अकाउंट से जानकारी फ्रॉड करने वाले के पास चली जाती है. और वो इससे जिसका सिम स्वैप किया है उसको लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा सकता है. अगर आप खुद को बचाने के लिए कोई उपाय नहीं करते हैं तो कोई भी आसानी से आपका डेटा चोरी कर सकता है.

क्या है सिम स्वैपिंग?

दरअसल, सिम स्वैपिंग का मतलब ये नहीं है कि किसी ने आपका सिम बदल दिया है. बल्कि इसमें आपका मोबाइल नंबर ही स्वैप क्या है आपसे ले लिया जाता है और वो भी बिना आपकी जानकारी के. इसमें फ्रॉड करने वाला आपका नंबर जब अपने नाम से करवा लेता है तब वो सबसे पहले आपके नंबर से जूड़े एकाउंट से पैसे निकालने और आपके पर्सनल डेटा को चोरी करता है. कभी-कभी ये इससे भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.

क्या है SIM Swap Fraud?

आजकल सभी यूजर्स के बैंक अकाउंट्स आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से लिंक होते स्वैप क्या है हैं, जिसकी वजह से यूजर्स आसानी से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर पाते हैं। इसके लिए यूजर को ट्रांजैक्शन करने के लिए OTP यानी वन टाइम पासवर्ड एंटर करना होता है। सिम स्वैप (SIM Swap) तकनीक के जरिए साइबर अपराधी यूजर का सिम कार्ड बदलकर अपने डिवाइस पर OTP मंगाते हैं और ठगी को अंजाम देते हैं।

साइबर अपराधी यूजर के डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके टेलीकॉम कंपनी से एक ही नंबर का डुप्लीकेट सिम कार्ड जारी करवाकर इस घटना को अंजाम देते हैं। सिम स्वैप की वजह से यूजर के बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड आदि का कंट्रोल साइबर अपराधी के हाथ में चला जाता है। किसी यूजर का सिम स्वैप करने के लिए स्कैमर्स टेलीकॉम ऑपरेटर बताकर उनसे संपर्क करते हैं।

यूजर से नेटवर्क में आ रही दिक्कत, या 5G के लिए नई सिम या MNP के नाम पर नया सिम इश्यू करवाने के लिए कहते हैं। जो यूजर इन साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं, वो स्कैमर्स को अपना डॉक्यूमेंट दे देते हैं। जिसके बाद साइबर अपराधी सिम स्वैप फ्रॉड की घटना को अंजाम देते हैं।

SIM Swap Fraud से कैसे बचें?

  • SIM Swap फ्रॉड से बचने के लिए यूजर्स को अपना डॉक्यूमेंट्स किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी तरह के फर्जी टेलीकॉम कॉल को इग्नोर करना चाहिए। अगर, किसी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के नेटवर्क में दिक्कत है तो 198 पर कॉल करके कस्टमर केयर पर इसकी शिकायत करनी चाहिए।
  • जैसे ही, फ्रॉड नया सिम कार्ड एक्टिवेट करेंगे आपका सिम कार्ड डिएक्टिवेट हो जाता है। ऐसे में तुरंत टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करना चाहिए।
  • कई बार साइबर क्रिमिनल्स जान-बूझकर आपको बार-बार कॉल करेंगे ताकि आप अपना नंबर स्विच ऑफ कर लें। साइबर अपराधी या जालसाज इसी के इंतजार में रहते हैं, ताकि पुराना नंबर ऑफ होने पर नया नंबर एक्टिवेट किया जा सके। ऐसे में बार-बार कॉल आने पर फोन स्विच ऑफ करने से बचें।
  • साइबर फ्रॉड होने पर आप https://cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

Cyber Security: सिम स्वैपिंग क्या है, कैसे मिनटों में खाली हो जाता है आपका बैंक अकाउंट?

Cyber Security: सिम स्वैपिंग क्या है, कैसे मिनटों में खाली हो जाता है आपका बैंक अकाउंट?

डीएनए हिंदी: अगर आपकी आदत अपने फोन को कहीं भी छोड़ देने की है तो इसे बदल दीजिए. आपके फोन में कितनी भी सिक्योरिटी क्यों न हो, जरा सी लापरवाही आप पर बहुत भारी पड़ सकती है. लॉक आपके फोन में लगा होता है सिम में नहीं. ऐसे में अगर किसी के हाथ आपका सिम लगा तो टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Authentication) और वेरिफिकेशन मेथड (Verification) , आपको पूरी तरह से कंगाल कर सकता है.

जब भी ठगों के हाथ आपका सिम लगता है, बेहद आसानी से वे आपकी बैंकिंग डीटेल्स से लेकर सोशल मीडिया खातों तक आसानी से एक्सेस हासिल कर लेते हैं. न ऑथेंटिकेशन काम आता है, न ही वेरिफिकेशन. सिम स्वैप दो तरीके से हो सकता है. पहला तरीका सीधे आपके फोन से सिम निकालकर हेरफेर करने का है. दूसरा तरीका है सिम डीलर से संपर्क करके आपकी प्राइवेसी में सेंध लगाकर. आइए समझते हैं.

मुद्रा विनिमय (Currency Swap) का इतिहास

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मुद्रा विनिमय (Currency Swap) का निर्माण 1970 में यूनाइटेड किंगडम में विदेशी मुद्रा नियंत्रणों से बचने हेतु किया गया था । उस वक्त, ब्रिटेन की कंपनियों को अमेरिकी डॉलर का कर्ज प्राप्ति हेतु प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होता था। इससे स्वयं को बचाने के लिए, ब्रिटेन की कंपनियों ने स्टर्लिंग चाहने वाली संयुक्त राज्य अमेरिका की कंपनियों के साथ कई ऋण समझौते किए | लेकिन अब मुद्रा विनिमय पर इस प्रकार के प्रतिबंध दुर्लभ हो चुके हैं, तुलनात्मक फायदे की वजह से ऋण से अभी भी बचत उपलब्ध हैं |

मुद्रा ब्याज दर विनिमय (Currency Swap) वर्ष 1981 में विश्व बैंक (World Bank) स्वैप क्या है द्वारा आईबीएम (IBM) के साथ नकद प्रवाह का विनिमय कर स्विस फ़्रैंक और जर्मन मार्क प्राप्ति हेतु किया गया। इस सौदे के लिए सालोमन ब्रदर्स ने 210 मिलियन डॉलर्स की अनुमानित राशि एवं दस वर्षों से अधिक के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये।

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