Best SIP Date जिसमें आपको फायदा ज्यादा हों
अगर आप Mutual Fund में SIP अनुशंसित ब्रोकर के माध्यम से इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आप जरूर जानते होंगे की SIP Date बहुत ही मायने रखता है। कई लोग इसे नहीं मानते हैं। उनका मानना है महीने में किसी भी दिन में SIP करें कोई फर्क नहीं पड़ता।
लेकिन कई वित्तीय सलाहकार इसे गलत मानते हैं। उनका मानना है कि यदि SIP Date आप सोच समझ कर रखते हैं तो आप का लाभ दो से तीन प्रतिशत बढ़ सकता है। जो लंबी अवधि में लाखों का फायदा करा सकता है।
यदि आप SIP करते हो उसमें एक SIP Date देना आवश्यक होता है। जिस तारीख को आपका पैसा आपके अकाउंट से कटकर Mutual Fund में जाएगा उसी दिन का मार्केट वैल्यू के अनुसार आपको यूनिट मिलता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि मार्केट में प्रत्येक दिन उतार-चढ़ाव होता रहता है। जब स्टॉक मार्केट का संवेदी सूचकांक कम होती है और हमें ज्यादा यूनिट मिल जाता है। ठीक उसी प्रकार जब मार्केट का सूचकांक ऊपर रहता है समय Mutual Fund का एनएवी ज्यादा होने के कारण हमें कम यूनिट प्राप्त होता है।
इस प्रकार आप समझ गए होंगे कि जब भी स्टॉक मार्केट का संवेदी सूचकांक ऊंचाई पर रहता है अनुशंसित ब्रोकर उस समय यदि हम Mutual Fund में निवेश करते हैं तो हमें कम यूनिट प्राप्त होता। आखिर ऐसा कौन सा SIP Date चुने जब अपेक्षाकृत स्टॉक मार्केट नीचे रहता है और हमें ज्यादा यूनिट मिल जाए ज्यादा फायदा हो सकता है।
SIP Date में ब्रोकर की सलाह
आप किसी भी ब्रोकर कर के पास जाओगे तो वह हमेशा आपको एक ही सलाह देगा कि आप अपना SIP Date 1 तारीख को रखें। कई बोलेगा आप महीना के शुरुआत हफ्ते यानी एक से लेकर 5 तारीख तक SIP Date रखें।
वह आपको रिच डैड पुअर डैड पुस्तक की कहानी बताएगा और कहेगा अपनी कमाई में से पहले वेतन अपने आप को दे। कुछ बोलेगा कि आप खर्च होने से पहले निवेश करें। इसमें आपको यह फायदा है वह फायदा है। लेकिन वास्तव में इसमें ब्रोकर का फायदा होता है।
क्योंकि ब्रोकर सोचता है कि वेतन मिलने के पहले दिन या 4 दिन तक हमारे अकाउंट में पैसा पड़ा रहता है। इस तारीख को पैसा कट कर SIP में निवेश हो जाता है।
कई बार घर के खर्चे ज्यादा होने के कारण हमारे खाते में पैसे नहीं बच पाते हैं। जिसके कारण SIP में निवेश नहीं हो पाता। SIP में निवेश नहीं होने के कारण ब्रोकर को कमीशन नहीं मिलता जिसे कारण उसे नुकसान हो जाता है। इसलिए वह हमेशा महीने के 1 तारीख को निवेश करने की सलाह देता है।
SIP Date क्या होनी चाहिए
जैसा कि आप जानते हैं SIP दौरा Mutual Fund में निवेश सबसे अच्छा माना गया है। आप यह भी जानते हैं कि Mutual Fund is subject to market risk.
Mutual Fund स्टॉक मार्केट से जुड़ा हुआ है। स्टॉक मार्केेट (Stock Market) ऊपर जाना या नीचे आना Mutual Fund को प्रभावित करता है। आपका लाभ इस बात पर निर्भर करता है कि स्टॉक मार्केट (Stock Market) कितना ऊपर नीचे गया।
दोस्तों यह जानना तो मुश्किल है की स्टॉक मार्केट (Stock Market) कब ऊपर जाएगा या कब नीचे आएगा। कोई वित्तीय सलाहकार या स्टॉक मार्केट के बड़े जानकार नहीं बता सकते।
यदि आप स्टॉक मार्केट (Stock Market) में निवेश करते हैं तो आप जानते हैं कि हर महीने की 25 तारीख को ऑप्शन ट्रेडिंग का एक्सपायरी होती हैै। यदि किसी कारणवश 25 तारीख को स्टॉक मार्केट बंद है तो उससे पहले वर्किंग डे।
यदि पिछले 25 सालों का रिकॉर्ड देखें तो महीना के आखिरी दिनों में स्टॉक मार्केट का सूचकांक लगभग नीचे जाता है। आप अपना SIP Date 21 से 30 तारीख के बीच में रखें तो आपके लिए लाभदायक हो सकता है।
SIP Date संबंधित विशेष सलाह
आप SIP Date संबंधी कुछ बातें पर विशेष ध्यान दें
1. यदि आप एक से अधिक Mutual Fund में SIP
करते हैं तो कभी भी दो SIP Date समान नहीं होना चाहिए।
2. SIP Date उसी तारीख को रखें जिस तारीख को आपके अकाउंट में पैसे जरूर होना चाहिए।
3. SIP Date वाले दिन आपके अकाउंट में पैसे नहीं है तो बैंक द्वारा भी चार्ज लगाया जाता है तथा आपका निवेश भी बाधित होता है।
4. यदि आपका 5 SIP चल रहा है इसमें तीन SIP Date 20 तारीख और 30 तारीख के बीच में रखने का प्रयास करें।
5. यह पूरा प्रयास करें कभी भी आप का SIP पैसे कम होने के कारण बंद नहीं होना चाहिए।
संक्षेप में
स्टॉक मार्केट संबंधित आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमारे वेबसाइट स्टेशन गुरुजी पर जाकर हमसे पूछ सकते हैं। जैसे गूगल पर जाकर स्टेशन गुरुजी से पूछो शेयर बाजार में निवेश कैसे करें?
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Stock Market के ब्रोकर पर बैंकों की बड़ी चोट, अब बिना गारंटी वाले इंट्राडे फंडिंग पर लग सकती है रोक, जानिए क्या होगा असर
Stock News Hindi: भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में ही देश के चार निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों को कहा है कि ब्रोकर को बिना गारंटी के दिया जाने वाला इंट्राडे क्रेडिट बंद करने की व्यवस्था करें. आरबीआई ने कहा है कि अगर इस तरह की रकम देनी है तो उसका कम से कम 50 फ़ीसदी ब्रोकर से फिक्स डिपॉजिट या मार्केटेबल सिक्योरिटीज के रूप में रखा जाए. दो सीनियर बैंकर ने इकनॉमिक टाइम्स को यह जानकारी दी है.
शेयर बाजार में कामकाज कर रहे बहुत से ट्रेडर गारंटी के बिना मिलने वाले इस लोन की मदद से खासी कमाई करते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में ही देश के चार निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों को कहा है कि ब्रोकर को बिना गारंटी के दिया जाने वाला इंट्राडे क्रेडिट बंद करने की व्यवस्था करें. आरबीआई ने कहा है कि अगर इस तरह की रकम देनी है तो उसका कम से कम 50 फ़ीसदी ब्रोकर से फिक्स डिपॉजिट या मार्केटेबल सिक्योरिटीज के रूप में रखा जाए. दो सीनियर बैंकर ने इकनॉमिक टाइम्स को यह जानकारी दी है.
अगर कोई ब्रोकर रोजाना इंट्राडे फंडिंग के रूप में बैंक से 500 करोड़ रुपए लेता है तो उसे ढाई सौ करोड़ रुपए का कॉलेटरल बैंक के पास रखना पड़ेगा. इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, "शेयर बाजार में कारोबार करने वाले ब्रोकर को कॉलेटरल की व्यवस्था करनी पड़ेगी. कुछ छोटे ब्रोकर को इससे काफी दिक्कत हो सकती है. आरबीआई के इस प्रावधान के बाद ब्रोकर का ट्रेडिंग कॉस्ट बढ़ जाएगा क्योंकि अब उन्हें फिक्स डिपाजिट करने की व्यवस्था करनी पड़ेगी."
शेयर बाजार में ट्रेडिंग में इस समय स्ट्रांग मार्जिंस सिस्टम और अन्य चेक एंड बैलेंस हैं जो शेयर बाजार और क्लीयरिंग हाउस लगाते हैं. शेयर बाजार में कारोबार कर रहे ट्रेडर को अब तक इस तरह का दिया जाने वाला लोन कर्ज की कैटेगरी में नहीं आता था.
यह वास्तव में एक ग्रे एरिया था जिसे ना तो बैंक कैपिटल मार्केट एक्सपोजर में गिनती करते थे और ना ही रेगुलेटर का अब तक ध्यान इस तरफ गया था. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे ब्रोकर को दिए जाने वाले इंट्राडे फंडिंग का कम से कम 50 फ़ीसदी बैंक के पास गिरवी के रूप में रखें.
Top five stock broker accounts in India : (स्टॉक ब्रोकर ट्रेंडिंग)
नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं शेयर मार्केट से जुड़े एक बहुत ही रोचक और जरूरी विषय के बारे मे। जैसा की stock broker, meaning, stock broker india, हम सभी जानते हैं की आजकल शेयर मार्केट किस कदर चर्चे का विषय बना हुआ है।
हर कोई शेयर मार्केट मे निवेश करना चाहता है। लेकिन यदि आपको किसी बड़ी कंपनी मे निवेश (invest) करना है जैसे की apple, google, facebook, इत्यादि, तो आपको एक broker/ legal advisor की आवश्यकता होगी।
यह वोह इंसान या संस्था होती है जो की निवेशकों को राय देती है की उन्हे किस सतो आईये जानते हैं की ब्रोकर क्या है, यह आपके लिए कैसे सहायक है और top 5 broker accounts कौन कौन से हैं।
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क्या है ब्रोकर? (What is a broker?)
ब्रोकर किसी third party का नाम है जो आपके और आपके द्वारा खरीदे गए शेयर के बीच का लिंक बनता है। यह आपके सभी trading transactions को आसान बनाता है।
एक ब्रोकर का काम होता है आपके behalf पर शेयर मार्केट मे शेयर्स खरीदना और बेचना। आपका ब्रोकर आपको यह भी suggest करता है की आपको कौनसा शेयर खरीदना चाहिए और कौनसा नही। इस काम के लिए यह ब्रोकर आपसे अपनी commission मांगता है।
एक ब्रोकर कोई इंसान भी हो सकता है और कोई financial body भी, जैसे की बैंक जो की आपके बदले मे
आपके सारे स्टॉक मार्केट के transactions करता है।
यह सारे काम हालाँकि आपकी मर्ज़ी सेही किये जाते हैं पर इनको करने वाली याही third party होती है।
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