Written By: ANISH KUMAR SINGH
Updated on: November 20, 2022 21:52 IST

शेयर मार्केट का फंडा क्या है – शेयर बाजार को कैसे समझें?

ज ब कभी बाज़ार में निवेश करने का मुद्दा उठता है तो सवाल यहीं से शुरू होता है कि हम सब रिस्क या खतरा उठाने के लिए कितने तैयार रहते हैं? एक आसान-सा प्रयोग करक देखिए और आपको अपने इस सवाल का जवाब मिल जाएगा। किन्हीं जुड़वां बच्चों से एक ही सवाल पूछिए ‘देखो बच्चों तुम्हारे सामने तीन विकल्प हैं। पहले में तुम्हें 30 रुपए का इनाम निश्चित ही मिलेगा, दूसरे में इनाम में 500 रुपए मिल सकते हैं, लेकिन में मिलने की संभावना 20 फीसदी ही है और तीसरे में 50 रुपए मिलने की 50 प्रतिशत संभावना है। अब बताओ, तुम क्या चुनोगे?’ आपके इस एक ही सवाल के जवाब आपको अलग-अलग मिलेंगे। खतरा उठाने की वृत्ति दो लोगों में, भले वे दोनों एक ही परिवार के हों, बेहद अलग होती है। अलग-अलग व्यक्तियों में, अलग-अलग समय पर खतरा उठाने की अलग-अलग वृत्ति होती है। आज इस लेख में हम जानते हैं कि शेयर मार्केट का फंडा क्या है – शेयर बाजार को कैसे समझें ? आइए विस्तार से जानें :–

शेयर बाजार का खतरा और आपकी प्रकृति

आप खतरा उठाने के लिए जितने तैयार होंगे, उसी अनुसार, आप निवेश के लिए कंपनियों का चुनाव भी करेंगे। निवेश की आपकी पूरी योजना ही रिस्क ले सकने की आपकी वृत्ति पर आधारित होती है। जहां तक निवेश का सवाल है, तो अपने आप से पूछिए कि क्या उसे लेकर आप बहुत संकोची हैं, या बहुत सोच-समझ कर चलने वाले हैं, या आप खुलकर निवेश करते हैं? आपकी इस वृत्ति के आधार पर यह निर्धारित होगा कि आप किस तरह के निवेशक हैं।

1- कम जोखिम वाले शेयर

सबसे पहले बात करते हैं, उन लोगों की जो जरा से जोखिम से घबराकर दुखी हो जाते हैं। वे ऐसा निवेश चाहते हैं, जहां से उन्हें एक निश्चित रकम मिलती रहे। ऐसे निवेशक हमेशा उन उपायों की तलाश में रहते हैं जिनसे इनके निवेश पर कोई खतरा नहीं आए। ये लोग ऐसी कंपनियों को पसंद करते हैं, जहां से ज्यादा से ज्यादा डिविडेंड मिलता है या फिर ऐसी कंपनियां इन्हें आकर्षित करती हैं, जो आनुपातिक रूप से ज्यादा रकम देती हैं। ये लोग ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनका लाभ कमाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा हो ताकि उनके पास पैसा आने का क्रम वैसा ही बना रहे जैसा तयशुदा बॉण्ड्स से आता है। अपने निवेश की सुरक्षा के प्रति ये इतने सावधान रहते हैं कि ये ऐसी कंपनियों को प्राथमिकता देते हैं, जिनके शेयरों की कीमत से ज्यादा उनकी बुकवैल्यू होती है। ऐसे शेयरों को ये लोग सस्ता मानते हैं, क्योंकि उन्होंने जितनी कीमत दी है उससे ज्यादा उन्हें मिल रहा होता है। जिन शेयरों की कीमत कम है उन्हें ये ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि उनमें बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। शेयर मार्केट का फंडा क्या है

2- जोखिम के साथ अधिक कमाई

दूसरी ओर हैं, समझ-बूझ के साथ चलने वाले निवेशक। वे ऐसी अच्छी कंपनियों की तलाश में रहते हैं जिनकी बिक्री, कमाई और संपत्ति की वृद्धि का प्रमाण लगातार अच्छा रहा हो। ऐसी कंपनियां अच्छी तरह चलाई जाती हैं और उनका प्रबंधन भी व्यवस्थित होता है। जरूरी नहीं कि ऐसे निवेशक सिर्फ डिविडेंड पर ही ध्यान दें। वे यह भी देखते हैं कि कंपनी सारे आर्थिक पैमानों पर विकसित हो रही है या नहीं। कंपनी कितना देगी, इसकी तुलना में वे यह देखते हैं कि शेयर मार्केट में बढ़ती कीमत के कारण होने वाला फायदा क्या है।

यह तबका अच्छी कंपनियों के शेयरों पर नज़र रखता है और अगर बाज़ार में उनके मनपसंद शेयरों की कीमत अचानक ही ज्यादा गिर जाती है तो वे उन शेयरों को खरीदने का अच्छा मौका मानते हैं। उनके पोर्टफोलियो में शेयर हों तो भी वे कम कीमत के ज्यादा शेयर खरीद कर अपने पास मौजूद शेयरों की औसत कीमत को संतुलित करने का प्रयत्न करते हैं। इन लोगों की दिलचस्पी स्मॉल और मिडकैप में भी होती है, क्योंकि इनकी नज़र बाज़ार में उभरने वाली रिलायंस जैसी कंपनियों पर होती है। शेयर मार्केट का फंडा क्या है

3- आक्रामक शेयर धारक

कुछ निवेशक होते हैं जो हमेशा तेज रफ्तार में रहते हैं। वे हमेशा तेज शेयरों को पकड़ते हैं, ये लोग अपना बहुत सारा समय इस अध्ययन में लगाते हैं कि बाज़ार के बड़े शेयरों में उठने-गिरने का सिलसिला कैसा व किस तरह रहा है, और फिर वे सबसे ऊंची लहर पर सवार हो जाते हैं। ये लोग कम कीमत वाले ऐसे शेयरों की खोज में रहते हैं जिनमें कम निवेश से ज्यादा कमाई की संभावना होती है। इस तरह के निवेशक बाज़ार की खबरों पर पैनी नज़र रखते हैं, कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं और इनके मामले मेंअफवाहों का भी शेयरों की कीमत पर असर होता है। शेयर मार्केट का फंडा क्या है

4- ठंडे दिमाग वाले शेयर धारक

इन तीन तरह के निवेशकों के बीच कहीं वे निवेशक भी आते हैं जो बड़े ठंडे मन से निवेश की योजना बनाते हैं। वे यह तो मानते हैं कि उनके पोर्टफोलियो में शेयर जरूर होने चाहिए और जिसे वे अच्छी कंपनी मानते हैं उनके शेयर खरीदते भी हैं, लेकिन एक बार खरीदने के बाद वे उनका खास कुछ करते नहीं हैं।

शेयर मार्किट के फायदे और नुक्सान को समझें

इन सभी तरह के निवेशों के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। कोई कंपनी किसी निवेशक को किसी मामले में अच्छी लगती है, तो दूसरे को नहीं लगती। जो कंपनी अच्छा डिविडेंड देती है, उसे सावधानी से निवेश करने वाला निवेशक पसंद करेगा, लेकिन वह निवेशक पसंद नहीं करेगा जो यह मानता है कि कंपनी का काम शेयर धारकों को नकद पैसे बांटना नहीं है बल्कि कमाई को व्यवसाय में लगाकर, कंपनी का विकास करना है। वह शेयर बाज़ार की तरफ देखता है तो यह देखता है कि कौन से शेयर की कीमत बढ़कर, उसके निवेश पर ज्यादा लाभ देगी। इसी तरह जिन शेयरों में उतार-चढ़ाव ज्यादा तेज होता है, सावधान निवेशक उसे खतरनाक मानता है।

शेयरों की सूची बनाएं और अध्ययन करें

बहरहाल निवेश में खतरे को लेकर आपका रवैया चाहे जो भी हो, जब आप खरीदने के लिए शेयर चुनते हैं तो कुछ सरल, सामान्य नियमों का ध्यान रखें। आप शेयरों की एक सूची बनाइए-‘सबसे तेज चढ़ने वाले’, ‘सबसे अधिक डिविडेंड देने वाले’ या ‘तेज शेयर’। शेयर मार्केट का फंडा क्या है

इंटरनेट पर आपको यह जानकारी बिना किसी खर्च के मिल जाएगी। एक बार आपकी यह सूची बन जाती है तो शेयरों के चयन के सामान्य नियमों का पालन करें। कुछ आधारभूत विशेषताओं को देखिए, जैसे उस कंपनी की बिक्री, लाभ और संपत्ति में वृद्धि कितनी हुई। उसका अच्छा व्यावसायिक ढांचा और अच्छी प्रशासकीय व्यवस्था पहली जरूरत है। उसके पिछले 3 से 5 साल का विवरण देखें तो इसका पूरा अंदाज मिल जाता है कि यह कंपनी वैसे ही पैसा लगाने वाले किसी पूंजीपति का शौक भर है या कि इसके पांव मजबूत हैं।

शेयर मार्किट के उतार चढ़ाव को समझें

शुरू के थोड़े वक्त में ऐसा होता है कि निवेशकों की सामूहिक मनोस्थिति शेयरों की कीमतों में फर्क लाती है। ज्यादातर ऐसा होता है कि अच्छा नतीजा आने से शेयर की कीमत गिर जाती है, क्योंकि बाज़ार में वैसी ही अपेक्षा बनी हुई थी, इसलिए जब ऐसा होता है तो बाज़ार उसे कम करके आंकता है। कोई भी एक नई खबर कीमत को ऊपर या नीचे लाने का कारण बन जाती है। जब किसी प्रतिकूल खबर की आशंका हो तो उससे भी कीमत बढ़ जाती है, क्योंकि माना जाता है कि इस कंपनी का बुरा वक्त बीत रहा है और अब कुछ अच्छा घटित होगा। भले आपको लगे कि इस बात पर कैसे भरोसा किया जाए पर यह सच है कि बाज़ार में हर निवेशक के नजरिये का संयुक्त असर पड़ता है।

शेयर बाजार की सावधानी

हर सामान्य आदमी इस बाज़ार के बारे में परेशान रहता है, क्योंकि यहां की कोई बात उसे समझ में नहीं आती है। उन सब को मेरी सलाह है कि आप अपने मन की सुनिए। निवेश के बारे में सबसे सही फैसला आपकी अपनी समझ ही कर सकती है। वैसे शेयर न खरीदें, जिन्हें आपकी बुद्धि और समझ पसंद नहीं कर रही हो और इस बात का ध्यान रखें कि आपका सारा पैसा एक ही कंपनी में निवेश न किया गया हो। बाज़ार में उड़ती अफवाहों पर ध्यान मत दीजिए। अफवाहें बना-बनाया खेल बिगाड़ देती हैं ।।

कामकाजी लोग समय दिए बिना अच्छे शेयर सस्ते दाम पर कैसे खरीदें, आसान भाषा में समझें

जब मार्केट ऊपर चढ़े तो आप चादर तानकर सोइए, लेकिन जब मार्केट गिरना शुरू हो तब आप उठिए और अच्छे-अच्छे शेयर को GTT जैसे फीचर के जरिए पकड़िए।

ANISH KUMAR SINGH

Written By: ANISH KUMAR SINGH
Updated on: November 20, 2022 21:52 IST

Stock Market- India TV Hindi

Photo:FILE Stock Market

अच्छे शेयर को अच्छे दाम पर खरीदना आसान नहीं, उसमें भी शेयर को इन्वेस्टमेंट के लिहाज से खरीदना थोड़ा टफ है। क्योंकि आप शेयर्स की डिलीवरी उठाते हैं लॉन्ग टर्म के लिए, शॉर्ट टर्म के लिए नहीं। ऐसे में आपको अच्छे शेयर के गिरने का इंतजार करना चाहिए, मतलब उसके कम कीमत पर उपलब्ध होने का इंतजार करें, और एक बार अगर आपने ये तय कर लिया कि आपको कौन सा शेयर लेना है तो अब बात आती है उसे कितने भाव पर और कैसे खरीदें, इसे जानने की। इसके लिए कुछ ब्रोकरेज कंपनी के डीमैट अकाउंट में GTT का ऑप्शन होता है। जिसे Good Till Trigger कहते हैं। जिसके इस्तेमाल करने का तरीका आप बेहद आसान भाषा में यहां समझेंगे।

GTT लगाएं, अच्छे शेयर कम कीमत पर पाएं

GTT मछली पकड़ने वाली उस जाल की तरह है जिसे मछुआरे पानी में लगाकर अपने घर चले जाते हैं, और जब कुछ दिन बाद वापस आते हैं तो उसमें मछलियां फंसी हुई मिलती हैं। यहां मछुआरा का मतलब Invester यानी आप हैं, मछली का मतलब शेयर से है और मछली पकड़ने वाली जाल है GTT..अब आपको आसानी से समझ आ जायेगा कि ये GTT नाम की बला आपके लिए क्या काम करने वाली है।

GTT लगाना है बेहद आसान

मान लिया कि आपने किसी शेयर ABC को सलेक्ट किया। अभी उसकी प्राइस 1000 रुपये प्रति शेयर है। आप इस शेयर को कम कीमत पर खरीदकर भविष्य के लिए छोड़ देना चाहते हैं। तो आप Create GTT के ऑप्शन में जाइए। वहां आपको Trigger price लिखा हुआ मिलेगा। आपको बस इतना करना है कि आप अपने शेयर को जितनी कीमत पर खरीदना चाहते हैं उसकी प्राइस वहां डाल दें। अगर शेयर 1000 के प्राइस पर है तो आप इसके हर 5 फीसदी की गिरावट पर buy करने की GTT लगा सकते हैं। इसके लिए आप Trigger price में 950 रुपये भरें। नीचे 2 ऑप्शन और आएंगे, पहला ऑप्शन Price का दिखेगा उसमें आप 950 ही रहने दें और दूसरा ऑप्शन Quantity का दिखेगा। आप अपने बजट के हिसाब से Quantity भर सकते हैं। और फिर नीचे Create GTT पर क्लिक कर दें। लीजिए हो गया आपका काम। ये GTT अगले 1 साल तक आपके सोते-जगते अपना काम करता रहेगा। एक चौकीदार की तरह प्राइस के 950 के लेवल तक आने का इंतजार करेगा। और जैसे ही शेयर 950 के लेवल पर आएगा या उसे छूकर भी निकलेगा आपका काम हो जाएगा। और आप उस शेयर को ऑटोमेटिक खरीद लेंगे। इसके लिए आपको रोज-रोज उस शेयर को देखते रहने की भी जरूरत नहीं है। बस आपके डीमैट अकाउंट में उतने पैसे होने चाहिए। मानकर चलिए अगर आपने 950 के लेवल पर 20 शेयर और 900 के लेवल पर 40 शेयर की quantity सेट की है तो आपको अपने डीमैट अकाउंट में करीब 55 हजार रुपये रखने होंगे।

साल भर तक पैसे ब्लॉक करने की नहीं जरूरत

अब आप कहेंगे कि 55 हजार रुपये डीमैट अकाउंट में साल भर तक ब्लॉक रहेंगे तो क्या फायदा। इसका जवाब है- आपको साल भर तक इतने पैसे ब्लॉक करने की जरूरत ही नहीं है। आपका पसंदीदा शेयर जरूरी नहीं कि आपने जब इसे खरीदने का मन बनाया है ये उसी दाम पर उपलब्ध हो ही। हो शेयर मार्केट को कैसे समझें सकता है इसकी प्राइस ऊपर जा रही हो, सही और फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग शेयर का प्राइस धीरे-धीरे ही सही लेकिन ऊपर बढ़ता रहता है। लेकिन कभी-कभी करेक्शन फेज में आने के चलते इनके प्राइस नीचे भी गिरते हैं। और कोरोना जैसे डीप करेक्शन फेज में तो हर शेयर ही काफी नीचे के प्राइस पर उपलब्ध हो जाते हैं। आपको ठीक उसी वक्त का इंतजार करना है। तभी पैसे डालने हैं। जब मार्केट ऊपर चढ़े तो आप चादर तानकर सोइए, लेकिन जब मार्केट गिरना शुरू हो तब आप उठिए और अच्छे-अच्छे शेयर को GTT जैसे फीचर के जरिए पकड़िए। बहुत लोगों के पास इतना टाइम नहीं होता कि वो रोज-रोज शेयर मार्केट के मूवमेंट को नजदीकी से निहारें और उसपर अमल करें। ऐसे में GTT जैसा फीचर उन लोगों के लिए सचमुच काफी उपयोगी साबित होता है।

Investment Tips: शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? आपका भी है यही सवाल? ये 7 जवाब

अमित कुमार दुबे

पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? (Photo: Getty Images)

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दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. (Photo: Getty Images)

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यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि शेयर बाजार से 90 फीसदी से ज्यादा रिटेलर पैसा नहीं बना पाते हैं, हर रिटेल निवेशक को शेयर बाजार में कदम रखने से पहले इसे आंकड़े को ध्यान में रखना चाहिए. लेकिन एक इसमें एक अच्छी बात यह है कि 10 फीसदी रिटेल निवेशक पैसे बनाने में सफल रहते हैं. क्योंकि वे नियमों को फॉलो करते हैं. (Photo: Getty Images)

शुरुआत कैसे करें:

अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं.

1. शुरुआत कैसे करें: शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे.

छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत


2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत: ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. (Photo: Getty Images)

टॉप कंपनियों को चुनें

3. टॉप कंपनियों को चुनें: शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं.

 निवेशित रहने की जरूरत

4. निवेशित रहने की जरूरत: जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है. (Photo: Getty Images)

पैनी स्टॉक्स से रहें दूर

5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर: रिटेल निवेशक अक्सर शेयर मार्केट को कैसे समझें सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो.

 गिरावट में घबराएं नहीं

6. गिरावट में घबराएं नहीं: शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं. (Photo: Getty Images)

 कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश


7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई शेयर मार्केट को कैसे समझें के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. (Photo: Getty Images)

शेयर बाजार के उतार चढ़ाव को कैसे समझें

शेयर बाजार से प्रॉफिट कमाने के लिए बाजार के उतार-चढ़ाव को समझना आवश्यक है मार्केट के उतार-चढ़ाव के बारे में यदि आप पूर्वानुमान लगाने में असमर्थ हैं तो आप शेयर बाजार से कमाई नहीं कर सकते हैं स्टॉक मार्केट से बेहतर रिटर्न पाने के लिए मार्केट के सभी पहलुओं पर ध्यान रखना होगा एक अनुभवी निवेशक शेयर बाजार में तेजी हो या मंदी दोनों ही परिस्थितियों में प्रॉफिट कमाता है

स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव को समझना इतना आसान नहीं होता किंतु असंभव भी नहीं होता है यदि आप शेयर मार्केट में लगातार ट्रेडिंग कर रहे हैं और समय दे रहे हैं भारतीय शेयर बाजार सहित ग्लोबल स्टॉक मार्केट पर भी आप नजर बनाए रख रहे हैं सोने चांदी की कीमत से लेकर डॉलर करेंसी आदि के बारे में यदि जानकारी रखते हैं तो स्टॉक मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव को आप आसानी से समझ सकते हैं स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव के इस पूर्वानुमान का हुनर जिन निवेशकों को आता है वह निवेशक शेयर बाजार से अच्छी खासी कमाई करते हैं

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को कैसे समझें

मार्केट के उतार-चढ़ाव को कैसे समझें

शेयर बाजार कब गिरेगा और कब बढ़ेगा इस बात को समझने के लिए आपको भारतीय शेयर बाजार अतिरिक्त विश्व के प्रमुख शेयर बाजारों पर नजर बनाए रखनी होगी भारत में हो रहे तत्कालीन घटनाओं पर भी नजर रखनी होगी साथ ही शेयर की कंपनी की मौजूदा परिस्थितियों को भी देखना होगा उदाहरण के तौर पर एक सामान्य ट्रेडिंग के दिन यदि अमेरिका सहित दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों में तेजी बनी हो तो भारतीय शेयर बाजार में भी बढ़त होना तय है और यह इसके विपरीत यदि ग्लोबल मार्केट में मंदी छाई है तो भारतीय शेयर बाजार पर भी दबाव देखने को मिल सकता है इसीलिए शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के पूर्वानुमान के लिए ग्लोबल स्टॉक एक्सचेंज पर नजर बनाए रखना अति आवश्यक है

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को कैसे समझें

पूर्वानुमान के लिए कैसे तैयार रहें

एक सामान्य परिस्थिति में शेयर बाजार में 200 - 300 पॉइंट के उतार-चढ़ाव के बाद विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए

देश दुनिया में यदि स्टॉक मार्केट के लिए कोई बड़ी नेटिव खबर नहीं है सामान्य परिस्थिति में मान लीजिए भारतीय शेयर बाजार में 200-300 पॉइंट का उतार-चढ़ाव यदि हो गया है तो मार्केट के विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को कैसे समझें

मार्केट में समझदारी से करें निवेश

शेयर बाजार में समझदारी से निवेश करना ही सफलता का मूल मंत्र है यदि स्टॉक मार्केट में आपने बिना सोचे समझे आंख बंद करके निवेश किया है तो नुकसान होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है इसीलिए मौजूद मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्टॉक मार्केट मैं निवेश करें

निवेशकों को चाहिए कि वह शुरुआती दो शॉर्ट टर्म एंड लोंग टर्म के लिए ही निवेश करें इंट्राडे निफ़्टी फ्यूचर ऑप्शन का ट्रेड अनुभव होने के बाद ही करें

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