डीमैट खाते 10 करोड़ के पार | अगस्त 2022 में खुले सबसे ज्यादा डिमैट खाते?
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सी.डी.एस.एल. और एन.एस.डी.एल. द्वारा जारी आंकड़ों में यह बात निकलकर सामने आई है कि देश में पहली बार अगस्त 2022 में डीमैट खातों की संख्या 10 करोड़ के जादुई आंकड़े को पार कर गई है. इनके मुताबिक गत माह यानी अगस्त 2022 में 22 लाख डीमैट खाते खोले गए हैं जोकि पिछले 4 महीनों का सबसे अधिक आंकड़ा दर्शाता है.इन 22 लाख डिमैट खातों की संख्या में खुदरा/रीटेल यानि छोटे निवेशकों का योगदान सर्वाधिक है. डीमैट खातों की संख्या में इस अप्रत्याशित तेजी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है की देश में शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
डीमैट खाता क्या है
जब शेयर या सिक्योरिटी निवेशकों द्वारा खरीदे जाते हैं तो यह शेयर या सिक्योरिटी इलेक्ट्रॉनिक रूप से जिन खातों में रखे जाते हैं उन्हें डीमैट खाता कहा जाता है.स्टॉक एक्सचेंज जैसे कि निफ़्टी या सेंसेक्स या फिर कोई भी एक्सचेंज हो अगर आपको कोई स्टॉक खरीदना या बेचना है तो डीमैट खाता होना अत्यंत जरूरी है.डीमेट अकाउंट, डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट का संक्षिप्त नाम है.आजकल कई स्टॉक ब्रोकर आपको अपने म्युचुअल फंड्स को डीमैट फॉर्मेट में रखने की सुविधा भी प्रदान करते हैं.
डीमैट खातों की संख्या क्यों बढ़ रही है
डिमैट अकाउंट खोलने की प्रवृत्ति में इधर तेजी से इजाफा हुआ है जिसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हो सकते हैं-
- जैसा कि कुछ दिनों पहले जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत जी ने बताया था की आधार से डिमैट अकाउंट का खोला जाना ब्रोकिंग के कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? क्षेत्र में क्रांतिकारी सिद्ध हुआ और इस प्रक्रिया के आने से लोगों ने डिमैट अकाउंट तेजी से खुलवाए.
- अब डिमैट खाते खुलवाने के लिए आपको कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? किसी ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ती है यह घर बैठे 15 से 20 मिनट में आप अपने मोबाइल या लैपटॉप के द्वारा आसानी से ओपन कर सकते हैं.यह भी डिमैट खातों की संख्या बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ.
- करोना कॉल में काफी लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा था, ऐसे लोगों ने नए अवसरों की तलाश में स्टॉक मार्केट का रुख किया इस कारण भी डिमैट अकाउंट की संख्या में वृद्धि देखने को मिलती है.
- भारतीय स्टॉक मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकरों के आ जाने से प्रतियोगिता बहुत बढ़ गई है, दिन प्रतिदिन यह नए डिस्काउंट ब्रोकर नई तकनीकों के साथ और कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? नए ऑफर्स के साथ आते रहते हैं , डिमैट अकाउंट की संख्या बढ़ने के पीछे यह भी एक प्रमुख कारण है.
- बचत के माध्यमों जैसे कि एफ़.डी.; पी.पी.एफ. इत्यादि पर ब्याज की दर निरंतर कम होती जा रही है और महंगाई दर नित नई ऊंचाइयां छू रही है इस परिस्थिति में लोगों को ज्यादा रिटर्न पाने के लिए एक बेहतर माध्यम की तलाश थी और यह खोज डिमैट अकाउंट पर जाकर रूकती है जहां पर निवेशक ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.बचतों/सेविंग्स पर कम ब्याज दर भी डिमैट खातों की संख्या बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है.
सी.डी.एस.एल. के पास में कितने डीमैट खाते हैं
सार्वजनिक आंकड़ों के अनुसार सी.डी.एस.एल. जोकि भारत की दो डिपॉजिटरीज में से एक है,के पास 7.16 करोड़ डीमैट खाते हैं.
एन.एस.डी.एल. के पास में कितने डीमैट खाते हैं
एन.एस.डी.एल. जोकि भारत की दूसरी डिपॉजिटरीज है,के पास 7.16 करोड़ डीमैट खाते हैं.
डीमैट खातों की संख्या बढ़ना क्या संकेत करता है
भारतीय बाजार में डीमैट खातों की बढ़ती संख्या हर्ष का विषय है क्योंकि इनमें से अधिकतर डीमैट खाते खुदरा निवेशकों यानी रिटेल निवेशकों की बाजार/स्टॉक मार्केट में भागीदारी बढ़ने का संकेत है. खुदरा निवेशकों के बढ़ने से फायदा यह होगा की हमारी निर्भरता विदेशी निवेशकों पर घटेगी और ऐसा होने से बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को कम मिलेगा.
निष्कर्ष
बढ़ती तकनीकी और तकनीकी के विस्तार के कारण स्टॉक मार्केट में लोगों द्वारा भारत के कोने-कोने से निवेश किया जा रहा हैं, और यह संख्या क्रमबद्ध तरीके से लगातार बढ़ती ही जा रही है. आने वाले कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? समय में जब बिजली के साथ-साथ नेटवर्क का विस्तार भी दूर तलक हो जाएगा तब डिमैट अकाउंट की यह संख्या और तेजी से बढ़ेगी.
आज की तारीख लोगों में निवेश को लेकर सोचने का नजरिया और जागरूकता मल्टीमीडिया के उपयोग के कारण लगातार बढ़ता जा रही है, अभी तक हमारे देश में जनसंख्या के प्रतिशत के हिसाब से स्टॉक मार्केट में निवेश करने वालों की संख्या काफी कम कहीं जा सकती है,इस संख्या के भविष्य में बढ़ने की अपार संभावनाएं प्रतीत होती हैं,और जब ऐसा होगा तो यह भारत के निर्माण एवं भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा.
डीमैट अकाउंट क्या है ?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।
डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।
आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।
यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.
डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?
जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।
आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।
यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।
डीमैट अकाउंट का विवरण
आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :
डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।
डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।
पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।
ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट
डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.
लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।
डीमैट अकाउंट के प्रकार
अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:
रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।
रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।
नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।
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* इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।
Demat Account: आप भी हैं एक से अधिक डीमैट खातों से परेशान, ये है सभी शेयरों को एक अकाउंट में ट्रांसफर करने का तरीका
Demat Account: आप डीमैट खाते में शेयर ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपके पास दो विकल्प हैं। आप ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन मोड से शेयरों को एक अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: July 21, 2022 17:56 IST
Photo:PTI Dmat Account
Highlights
- आप ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड से एक अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं
- देश में डिपॉजिटरीज डीमैट खातों की देखरेख करते हैं, ये हैं NSDL और CDSL
- CDSL के साथ डीमैट खाता होने पर आप ऑनलाइन शेयर ट्रांसफर कर सकते हैं
Demat account: शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे पहली जरूरत होती है कि आपके पास अपना एक डीमैट अकाउंट हो। इसी डीमैट खाते से आप किसी आईपीओ में निवेश करने के अलावा शेयरों की खरीद बिक्री कर सकते हैं। देश में फिलहाल प्रति माह 8 लास से अधिक डीमैट खाते खोले जा रहे हैं। अक्सर लोग आईपीओ में अधिक लॉट खरीदने के चक्कर में एक से अधिक डीमैट खाते खोल लेते हैं। इसके अलावा कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? कई बार ऐजेंट के कहने पर भी हम दूसरा अकाउंट खोल ही देते हैं।
यदि आप एक्टिव ट्रेडर हैं तो एक से अधिक अकाउंट होने में कोई गुरेज कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? नहीं है, लेकिन यदि आप शौकिया मार्केट में निवेश करते हैं या फिर ज्यादा एक्टिव नहीं हैं तो यह आपके लिए मुसीबत का कारण भी बन सकता है। एक तो आपको डीमैट अकाउंट का वार्षिक चार्ज देना पड़ता है, इसके अलावा डीमैट खातों पर हैकिंग का खतरा भी होता है। हैकर्स आपके अकाउंट से शेयर खरीद में फर्जी वाड़ा कर सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा। ऐसे में अगर आपके पास भी एक से अधिक डीमैट खाते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपने शेयर्स को तुरन्त दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लें। आइए जानते हैं इसका क्या तरीका है:
आपके पास हैं दो विकल्प
आज डीमैट खाता पूरी तरह से डिजिटल हो चुका है। शेयर खरीद से लेकर पैसा ट्रांसफर तक सब कुछ डिजिटल है। लेकिन यदि आप डीमैट खाते में शेयर ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपके पास दो विकल्प हैं। आप ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन मोड से शेयरों को एक अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
ऑफलाइन मोड
देश में डिपॉजिटरीज डीमैट खातों की देखरेख करते हैं, ये हैं NSDL और CDSL, इनकी मदद से आप ऑफलाइन मोड में शेयर ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप (DIS) की जरूरत पड़ेगी। इस फॉर्म में ट्रांसफर किए जाने वाले शेयरों का ISIN नंबर, कंपनी का नाम और जहां इन्हें ट्रांसफर किया जा रहा है उस डीमैट अकाउंट और उसका DP Id दर्ज करना होगा। यहां पुराने वाले ब्रोकर के ऑफिस में आगे के प्रोसेस के लिए फॉर्म जमा कराना होगा।
Demat Account: आप भी हैं एक से अधिक डीमैट खातों से परेशान, ये है सभी शेयरों को एक अकाउंट में ट्रांसफर करने का तरीका
Demat Account: आप डीमैट खाते में शेयर ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपके पास दो विकल्प हैं। आप ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन मोड से शेयरों को एक अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: July 21, 2022 17:56 IST
Photo:PTI Dmat Account
Highlights
- आप ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड से एक अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं
- देश में डिपॉजिटरीज डीमैट खातों की देखरेख करते हैं, ये हैं NSDL और CDSL
- CDSL के साथ डीमैट खाता होने पर आप ऑनलाइन शेयर ट्रांसफर कर सकते हैं
Demat account: शेयर बाजार कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? में निवेश के लिए सबसे पहली जरूरत होती है कि आपके पास अपना एक डीमैट अकाउंट हो। इसी डीमैट खाते से आप किसी आईपीओ में निवेश करने के अलावा शेयरों की खरीद बिक्री कर सकते हैं। देश में फिलहाल प्रति माह 8 लास से अधिक डीमैट खाते खोले जा रहे हैं। अक्सर लोग आईपीओ में अधिक लॉट खरीदने के चक्कर में एक से अधिक डीमैट खाते खोल लेते हैं। इसके अलावा कई बार ऐजेंट के कहने पर भी हम दूसरा अकाउंट खोल ही देते हैं।
यदि आप एक्टिव ट्रेडर हैं तो एक से अधिक अकाउंट होने में कोई गुरेज नहीं है, लेकिन यदि आप शौकिया मार्केट में निवेश करते हैं या फिर ज्यादा एक्टिव नहीं हैं तो यह आपके लिए मुसीबत का कारण भी बन सकता है। एक तो आपको डीमैट अकाउंट का वार्षिक चार्ज देना पड़ता है, इसके अलावा डीमैट खातों पर हैकिंग का खतरा भी होता है। हैकर्स आपके अकाउंट से शेयर खरीद में फर्जी वाड़ा कर सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा। ऐसे में अगर आपके पास भी एक से अधिक डीमैट खाते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपने शेयर्स को तुरन्त दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लें। आइए जानते हैं इसका क्या तरीका है:
आपके पास हैं दो विकल्प
आज डीमैट खाता पूरी तरह से डिजिटल हो कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? चुका है। शेयर खरीद से लेकर पैसा ट्रांसफर तक सब कुछ डिजिटल है। लेकिन यदि आप डीमैट खाते में शेयर ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपके पास दो विकल्प हैं। आप ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन मोड से शेयरों को एक अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
ऑफलाइन मोड
देश में कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? डिपॉजिटरीज डीमैट खातों की देखरेख करते हैं, ये हैं NSDL और CDSL, इनकी मदद से आप ऑफलाइन मोड में शेयर ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप (DIS) की जरूरत पड़ेगी। इस फॉर्म में ट्रांसफर किए जाने वाले शेयरों का ISIN नंबर, कंपनी का नाम और जहां इन्हें ट्रांसफर किया जा रहा है उस डीमैट अकाउंट और उसका DP Id दर्ज करना होगा। यहां पुराने वाले ब्रोकर के ऑफिस में आगे के प्रोसेस के लिए फॉर्म जमा कराना होगा।
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