मूल प्रवत्तियाँ 14 प्रकार की होती हैं, मूल प्रवत्ति से संवेग उत्पन्न होते हैं, मूल प्रवत्ति तथा उससे उत्पन्न संवेग निम्नवत दिए गए हैं।

सामान्य प्रवृत्तियों का अर्थ | Meaning of General Tendencies in Hindi

प्रवृत्ति है? परिभाषा और प्रकार

प्रवृत्ति क्या है? हम सही ढंग से समझ, जब हम शब्द कहना है, और हम समझाने के लिए है कि यह विशेष रूप से था अब कहना है? के बाद से शब्द "प्रवृत्ति" कई अर्थ है और मानव गतिविधि के विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है दूसरा विकल्प, बहुत संभव है।

लैटिन शब्द से "प्रवृत्ति" के रूप में अनुवाद किया है "अभिविन्यास।" इसलिए, आम तौर पर डेटा शब्द के विकास और एक घटना या विचार के विकास की दिशा का संकेत है। इसके अलावा, यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष हो सकता है। की प्रवृत्ति - यह हमेशा एक सकारात्मक घटना नहीं है। इस तरह के एक पल सभी क्षेत्रों में इसे इस आशय की पहचान करना संभव है में प्रकट होता है।

अर्थव्यवस्था में रुझान

शेयर बाजार उद्धरण और अन्य चीजें हैं जो आम तौर पर पूरी तरह से लोगों के लिए स्पष्ट अब तक निवेश से दूर नहीं कर रहे हैं में प्रवृत्ति क्या है। फिर, सीधे शब्दों में, बाजार चाल की दिशा नहीं है। एक सशर्त ग्राफ पर एक नजर डालें।

यह पूरी तरह से प्रदर्शित किया जाता है, प्रवृत्ति - यह शीर्ष करने के लिए प्रारंभिक बिंदु से एक सीधा रास्ता नहीं है। यह वृद्धि और गिरावट। चोटियों बुलाया चोटियों और troughs कर रहे हैं - चढ़ाव।

अर्थव्यवस्था में रुझान अधिक वैश्विक। इस पर प्रमुख स्थान में बदलाव हो सकता है दुनिया के बाजार, एक उदाहरण है कि देश किसी भी वस्तुओं के उत्पादन में एक नेता बनने या प्रमुख स्थान को बरकरार रखे हुए है। अमेरिका हमेशा उत्पादन और के रखरखाव में एक नेता रहे प्रवृत्ति के प्रकार हैं एक बाजार अर्थव्यवस्था, लेकिन हाल के वर्षों में तथ्य यह है कि इस जगह इस तरह चीन, कोरिया और दूसरों के रूप में देशों पर कब्जा करने शुरू कर रहा है की प्रवृत्ति वहाँ है।

फैशन के रुझान

यह सबसे सक्रिय क्षेत्र है। कई लोग,, फैशन के रुझान से अवगत रहने के लिए खरीदने के चमकदार पत्रिकाओं, शो में भाग लेने, स्टाइलिस्ट के साथ परामर्श। एक विशेष शैली के लिए प्रतिबद्धता मौसमी अंतरराष्ट्रीय स्टाइलिस्ट द्वारा दिया जाता है। यह सब वर्गीकरण दुकानों में क्रमश: अपने आसपास के लोगों के लिए में दिखाई देता है।

फैशन के प्रति रुझान उनकी पुनरावृत्ति अच्छे हैं। सभी शैलियों पहले से ही आविष्कार किया गया है और अब वे कुछ हद तक एक संशोधित रूप में दोहराया जाता है। आधुनिक डिजाइनरों कोर्स करने के लिए कुछ स्वाद बनाने के लिए और यह मौसम या उससे अधिक समय के लिए जनसंख्या कैप्चर करता है।

तो क्या फैशन में प्रवृत्ति करता है? यह एक विशेष बात यह है कि या कपड़े और सामान आदमी की शैली का एक मौसमी प्रसार है।

साहित्य में रुझान

जैसा कि पहले उल्लेख, प्रवृत्ति - एक प्रवृत्ति। साहित्य की दुनिया भी इस घटना के लिए अतिसंवेदनशील है। अक्सर वह किसी भी फैशन और सामाजिक प्रवृत्तियों पर निर्भर कर सकते हैं। मसलन, कई कार्यों में लोकप्रिय बॉलरूम शाम के युग में, आप गेंदों का विवरण देखने के और देखें कि वे कैसे थे कर सकते हैं। फिलहाल, इस तरह के एक प्रवृत्ति साहित्य में मनाया जाता है।

इसके अलावा, प्रवृत्तियों देश में राजनीतिक स्थिति पर निर्भर करते हैं। यह के दौरान और क्रांति के बाद लिखा काम करता है याद लायक है। या फिर सैन्य। वे प्रवृत्ति के प्रकार स्पष्ट रूप से समय की एक विशेष अवधि को प्रतिबिंबित सब कर रहे हैं। मसलन, प्रवृत्ति क्रांति की एक न्यूनतम उत्पाद समर्पित करने के लिए अब है।

अब साहित्य में प्रवृत्ति क्या है? वे मौजूद हैं? बेशक, और अपनी सांस्कृतिक विरासत की पुनर्विचार साथ जुड़ा हुआ है, प्रौद्योगिकी के विकास का एक नया दौर के साथ। प्रत्येक देश और पूरी दुनिया के साहित्य बहुआयामी हैं। वहाँ नए निर्देश हैं और पुराने याद।

प्रवृत्ति के प्रकार

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किस प्रकार के तत्व इलेक्ट्रॉन .

Updated On: 27-06-2022

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Aap ko kya acha nahi laga

दोस्तों हमारे प्रश्न है कि किस प्रकार के तत्व इलेक्ट्रॉन के आदमी की प्रवृत्ति रहते हैं दोस्तों में या फिर बोला गया है कि इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति के बारे में पूछा गया ठीक है तो हमें आप पर दोस्तों इलेक्ट्रॉन त्यागना ठीक है इस प्रवृत्ति के बारे में पूछा गया कि यह जो हमारे इलेक्ट्रॉन त्याग दें कौन से तत्व हैं ठीक है दोस्तों जानते कि इलेक्ट्रॉन त्यागने का जो गुण होता है वह मारी किसमें पाया जाता है तो यह हमारी धातुओं में पाई जाती है ठीक है क्योंकि दोस्तों हमारी क्यों धातु है जिसे हमने कौन से ब्लॉक कर रखा है इसे दोस्तों ने आवर्त में एस ब्लॉक के तत्व पर रखा है ठीक है जो हमारी जो एस ब्लॉक के तत्व होती है इन में क्या होता है इनमें दोस्तों इलेक्ट्रॉन के होते हैं बाहर निकलते हैं ठीक है तो दोस्तों कैसे हैं कि यहां पर जो हमें इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति के बारे में पूछा गया जो कि हमारी धातुओं में पाई जाती है तो दोस्तों हमारे जो एस ब्लॉक में कौन से होते हैं यह दोस्तों हमारे वर्ग एक और हमारे वर्ग दो समूह के तत्व होते हैं ठीक है तो जो हमारे जो वर्ग एक समूह और वर्ग दो शब्द और हमारी किस्मत है एस ब्लॉक में जहां पर भारी

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Gayatri Pariwar

शास्त्रों में काम को भी धर्म, अर्थ और मोक्ष जैसे पुरुषार्थों के समान वन्दनीय माना गया है। सामान्यतया काम का अर्थ यौन लिप्सा से लिया जाता है। प्रचलित मान्यता के अनुसार काम को सन्तति उत्पादन का आधार माना गया है। यह काम की एकाँगी व्याख्या है। भौतिकवादी प्रतिपादनों में फ्रायड जैसे मनोवैज्ञानिकों ने तो काम को मानवी चेतना की मूल प्रवृत्ति ही ठहरा दिया है। कितने ही मनोवैज्ञानिकों ने तो कामुकता की पूर्ति पर बहुत जोर दिया है। इसे प्रकृति की प्रेरणा मानते हुए बच्चे के स्तनपान तक में काम-क्रीड़ा का दर्शन किया है। इस प्रकार की भ्रान्तियों का मूल कारण काम के श्रेष्ठ स्वरूप को न समझ पाने के कारण ही है। कामुकता के धरातल पर ला पटकने के कारण ही उसका वह स्वरूप लुप्त हो गया जो मनुष्य को श्रेष्ठ बनाता है।

काम वस्तुतः प्रत्येक वाणी के अन्तराल में कार्य करने वाला एक उल्लास है। जो आगे बढ़ने, ऊँचे उठने के लिए सदा प्रेरित करता है। साहसिक प्रयासों, प्रचण्ड पुरुषार्थों के रूप में वही उभरता दिखायी पड़ता है। सरसता एवं सौंदर्य का यही कारण है। इसे आकर्षण शक्ति भी कहते हैं। जड़ पदार्थों में ऋण और धन विद्युत के रूप में कामशक्ति ही हलचल करती दृष्टिगोचर होती हैं। सृष्टि की समस्त गतिविधियों का उद्गम स्त्रोत यही है।

मूल प्रवत्तियाँ क्या होती हैं

1. यह जन्मजात होती हैं- जैसे भूख प्यास निद्रा
2. मूल प्रवृत्तियां प्रयोजन युक्त होती हैं तथा या किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए होती हैं।
3. मूल प्रवृत्तियां प्रयोजनयुक्त होती हैं यह सभी
प्राणियों में पायी जाती हैं।
4. मूल पर्वतीय जीवन भर नष्ट नहीं होती।
5. मूल प्रवृत्ति किसी एक संवेग से जुड़ी होती है।

मूल प्रवृत्ति के 3 पक्ष होते हैं।

1. संज्ञानात्मक पक्ष।
2. संवेगात्मक पक्ष /भावात्मक पक्ष।
3. क्रियात्मक या मनोगधात्मक पक्ष

सामान्य प्रवृत्तियों का अर्थ (Meaning of General Tendencies)

मैक्डूगल ने सुझाव, अनुकरण और सहानुभूति को ‘सामान्य, स्वाभाविक प्रवृत्तियों’ (General Innate Tendencies) प्रवृत्ति के प्रकार की संज्ञा दी है। डमविल ने इनको मानव स्वभाव की सामान्य प्रवृत्तियाँ बताया है। ये जन्मजात होती है और सामान्य रूप से सभी सामान्य परिस्थितियों में सभी व्यक्तियों में पाई जाती हैं।

रेबर्न (Reyburn) के अनुसार- “सामान्य प्रवृत्तियाँ, मूलप्रवृत्तियाँ नहीं हैं। ये विशेष प्रकार का व्यवहार नहीं हैं पर ऐसी विधियाँ हैं, जिनके द्वारा अनेक विभिन्न प्रकार का व्यवहार जाग्रत किया जा सकता है। इसीलिए इनको सामान्य न कि विशिष्ट प्रवृत्तियाँ कहा गया है। दोनों प्रवृत्तियों में से प्रत्येक का अपना स्वयं का विशिष्ट स्वरूप है। इनमें जो सामान्य बात है, वह स्वयं प्रवृत्तियाँ नहीं हैं, वरन् वे प्रतिक्रियाएँ हैं, जिनको वे उत्पन्न करती हैं। “

मूलप्रवृत्तियों तथा सामान्य प्रवृत्तियों में अन्तर (Distinction between Instincts & General Tendencies)

भाटिया (Bhatia) के अनुसार- “मूलप्रवृत्तियों और सामान्य प्रवृत्तियाँ सभी प्राणियों में स्वाभाविक, जन्मजात और सामान्य होती हैं।” फिर भी, दोनों को एक नहीं माना जा सकता है, क्योंकि इनमें निम्नांकित अन्तर मिलता है—

1. मूलप्रवृत्तियाँ विशेष परिस्थितियों में जाग्रत होती हैं। सामान्य प्रवृत्तियाँ किसी भी परिस्थिति में जायत हो सकती हैं।

2. मूलप्रवृत्तियों से एक विशेष प्रकार का संवेग सम्बद्ध रहता है। सामान्य प्रवृत्तियों से कोई संवेग सम्बद्ध नहीं रहता हैं।

3. मूलप्रवृत्तियाँ, व्यवहार की विशिष्ट विधियाँ हैं। सामान्य प्रवृत्तियाँ व्यवहार को जाग्रत करने की विशिष्ट विधियाँ हैं।

ड्रेवर को मूलप्रवृत्तियों और सामान्य प्रवृत्तियों में अन्तर मानने में आपत्ति है। इसका कारण यह है कि कुछ विशेष मूलप्रवृत्तियों में, जैसे—जिज्ञासा, रचनात्मकता और संचय (Curiosity, Constructiveness & Acquisition) में इनसे सम्बन्धित संवेग की अभिव्यक्ति नहीं होती है। अतः मूलप्रवृत्तियों और सामान्य प्रवृत्तियों में केवल मात्रा का अन्तर है, प्रकार का नहीं। इसी आधार पर ड्रेवर का कथन है- “मूलप्रवृत्तियों और सामान्य प्रवृत्तियों में अन्तर पूर्ण नहीं जान पड़ता है।”

सामान्य प्रवृत्तियों के प्रकार (Kinds of General Tendencies)

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, सामान्य प्रवृत्तियाँ मुख्यतः चार प्रकार की हैं, जैसे-

  1. सुझाव :- (Suggestion),
  2. अनुकरण : (Imitation),
  3. सहानुभूति : (Sympathy),
  4. खेल : (Play)

इन प्रवृत्तियों के अतिरिक्त रॉस (Ross) ने “आदत” अथवा “जानी हुई बात को दोहराने की प्रवृत्ति” (“The tendency to repeat to the familiar”) को और डमविल (Dumville) ने “सुख को खोजने और दुःख से बचने की प्रवृत्ति” (“The tendency to seek pleasure and to avoid pain”) को ‘सामान्य प्रवृत्तियों में स्थान दिया है। ये प्रवृत्तियाँ ही मानव-व्यवहार की मूलाधार हैं।

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