ऐसे झटपट निकाल सकते हैं म्‍यूचुअल फंड से अपने पैसे, नहीं लगता है ज्‍यादा वक्‍त

मैं अपना धन कितनी बार निकाल सकता हूँ?

किसी निवेशक के लिए किसी ओपन ऐंडेड स्कीम से धन निकालने पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है। जबकि कुछ मामलों में निकाली भार हो सकता है जो अंतिम हासिल राशि को प्रभावित कर सकता है, सभी ओपन ऐंड योजनाएं, तरलता को बेहतरीन लाभ के रूप में प्रस्तुत करती हैं।

रिडम्पशन का निर्णय पूरी तरह से निवेशक के विवेकाधीन है। रिडम्पशन की संख्याओं या धनराशि की मात्रा पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होता है। फंड के रिडम्पशन के लिए खाते में पर्याप्त इकाइयां होनी चाहिए। स्कीम दस्तावेज आम तौर पर उस न्यूनतम राशि को दर्शाते हैं जिनको रिडीम किया जा सकता है।

किसी बैंक या संस्थान के धारण अधिकार में रखी गई इकाइयां तब तक रिडीम नहीं की जा सकती हैं जब तक कि वह धारण अधिकार हटा न दिया जाए। मोचनों को असाधारण परिस्थितियों में प्रतिबंधित किया जा सकता है, जिस पर बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ द्वारा निर्णय लिया जाता है।

क्लोस्ड ऐंड वाली योजनाएं केवल परिपक्वता पर ही AMC द्वारा रिडीम की जा सकती हैं। हालांकि वे परिपक्वता के पहले मान्यता प्राप्त एक्सचेंज में इकाइयों की बिक्री द्वारा तरलता के लिए मार्ग प्रदान करती है।

Investment: हर महीने 1000 रुपये का निवेश करके बनाएं लाखों, जानिए क्या हैं विकल्प

पैसे से हर किसी की जिंदगी खुशहाल बनी रहती है. पैसा नहीं होने पर लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. ऐसे में पैसे कमाने के साथ-साथ निवेश भी करते रहना चाहिए. ताकि भविष्य की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकें.

Published: October 29, 2020 5:08 PM IST

Rs 500 Note

आज के आधुनकि जीवन में हर किसी की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं. इसके साथ कोई भी व्यक्ति जीवन भर काम नहीं करना चाहता है. ऐसे में अपने भविष्य को सुरक्षित करने और सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए निवेश करना बहुत आवश्यक हो जाता है.

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लेकिन निवेश करने से पहले अपनी आय का आकलन करना पड़ता है. साथ ही यह भी तय करना पड़ता है कि किस जरूरत को पूरा करने के लिए आप निवेश करना चाह रहे हैं. यह भी तय करना होगा कि कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और कहां पर निवेश करना चाहते हैं.

पहले तो आपको निवेश और बचत के अंतर को समझना जरूरी है. अक्सर लोग बचत तो करते हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. जब आप निवेश करते हैं तो आप इसे केवल सुरक्षित नहीं रखते, बल्कि इसे बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं. निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेर सारे पैसे हों. आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं.
हम आपको यहां पर ऐसे ही पांच तरीके बता रहे हैं जहां हर महीने 1000 रुपये निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

कंपनियों के शेयरों में निवेश

शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे मैं अपना कितना निवेश निकाल सकता हूँ स्टॉक्स में निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और शेयर इस मकसद से खरीदें कि आपको इसे 7 से 10 साल के बाद बेचना है. इसलिए ऐसी कंपनी के शेयर खरीदें जिसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हों.

रेकरिंग टर्म डिपॉजिट

रेकरिंग डिपॉजिट (RD) एक तरह का टर्म डिपॉजिट है जो निवेशकों की रेगुलर सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है. RD अकाउंट में हर महीने मिनिमम 100 रुपये निवेश किया जा सकता है. इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है. इसमें ग्राहकों को 3 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक Interest मिलता है. यह भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट आप्शन है, लेकिन यहां निवेश के लिए अधिक सहूलियत है. FD में जहां एक मुश्त पैसा लगाना पड़ता है, RD में आप SIP की तरह अलग-अलग इंस्टालमेंट में मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड्स में निवेश

आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में हर महीने कम से कम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और वे कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड्स निवेश का एक अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Funds स्कीम चुन सकते हैं. Mutual Funds के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. SIP के जरिये आप इसमें निवेश कर सकते हैं. आप चाहें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund), डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं.

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप 100 रुपये से लेकर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं. इस समय इस पर 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. आप इसे पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक से खरीद सकते हैं. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है. अगर आप पांच साल के लिए NSC में हर महीने 1000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में इसमें 12,000 रुपये जमा होते हैं, लेकिन पांच साल के बाद यही अमाउंट 16,674 रुपये हो जाती है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने में सबसे कम जोखिम है. इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं रहता है. अभी PPF पर सालाना 7.मैं अपना कितना निवेश निकाल सकता हूँ 1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है और सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में निवेश करने पर 1.5 लाख तक का टैक्स लाभ भी देती है. इसका लॉक पीरियड 15 साल है. 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25457 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा टैक्स बेनिफिट अलग से मिलेगा.

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NPS Withdrawal Rules: बदल गए पैसे निकालने के नियम, जानिए कब निकाल सकेंगे पेंशन की पूरी रकम

NPS Withdrawal Rule Change : पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम के सब्सक्राइबर्स को अपना पूरा पैसा निकालने की इजाजत दे दी है.

  • NPS से निकाल सकते हैं पूरा पैसा, लेकिन होगी ये शर्त
  • सब्सक्राइबर्स का पेंशन पाने का अधिकार खत्म हो जाएगा
  • NPS में एंट्री-एग्जिट की उम्र बढ़ाई

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NPS Withdrawal Rules: बदल गए पैसे निकालने के नियम, जानिए कब निकाल सकेंगे पेंशन की पूरी रकम

नई दिल्ली: NPS Withdrawal Latest News Update: पेंशन पाने वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम के सब्सक्राइबर्स को अपना पूरा पैसा निकालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. PFRDA ने कहा है कि वो सब्सक्राइबर्स जिनका कुल पेंशन कॉर्पस 5 लाख रुपये या इससे कम है, वो बिना एन्युटी खरीदे अपना पूरा पैसा निकाल सकते हैं.

NPS से निकाल सकते हैं पूरा पैसा?

पेंशन रेगुलेटर PFRDA के अनुसार, जिन सब्सक्राइबर के परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट में इकट्ठा पेंशन राशि 5 लाख रुपये या इससे कम है या प्राधिकरण की तय सीमा के मुताबिक है, ऐसे सब्सक्राइबर्स के पास बिना एन्यूटी खरीदे ही पूरी पेंशन रकम निकालने का विकल्प होगा. यहां एन्यूटी खरीदने का मतलब इंश्योरेंस कंपनियों से पेंशन प्लान खरीदने से है.

क्या है पुराना नियम

मौजूदा वक्त में अगर NPS सब्सक्राइबर्स जिनका कुल कॉर्पस 2 लाख रुपये से ज्यादा है, रिटायरमेंट के वक्त या 60 साल के होने पर उन्हें इंश्योरेंस कंपनियों से एन्युटी खरीदना जरूरी होता है. सब्सक्राइबर्स अपना 60 परसेंट पैसा एकमुश्त निकाल सकते हैं, लेकिन बाकी 40 परसेंट पैसे से एन्युटी खरीदना अनिवार्य है..

आपको बता दें कि NPS सब्सक्राइबर्स तीन साल बाद ही अपने अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए भी कुछ शर्तें तय हैं. मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर ये रकम कुल योगदान का 25 परसेंट से ज्यादा नहीं हो सकती है. ये आंशिक निकासी बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, घर खरीदने या किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए की जा सकती है. NPS सब्सक्राइबर्स पूरी अवधि के दौरान तीन बार ही इस तरह की आंशिक निकासी कर सकते हैं. एक बात ध्यान देने वाली है कि ये सभी निकासियां इनकम टैक्स नियमों के तहत बिल्कुल टैक्स फ्री होती है.

सब्सक्राइबर्स का पेंशन का अधिकार हो जाएगा खत्म

हालांकि PFRDA ने ये बताया है कि इसके बाद NPS के तहत या सरकार या नियोक्ता से किसी भी पेंशन या अन्य राशि प्राप्त करने के लिए ऐसे ग्राहक का अधिकार समाप्त हो जाएगा. इसके अलावा पेंशन रेगुलेटर ने सब्सक्राइबर्स को एक और राहत भी दी है. गैजेट नोटिफिकेशन में PFRDA ने कहा है कि NPS में मैच्योरिटी से पहले एकमुश्त निकासी लिमिट को बढ़ाया गया है, पहले सब्सक्राइबर्स 1 लाख रुपये निकाल सकते थे, अब 2.5 लाख रुपये निकाल सकेंगे.

NPS में एंट्री-एग्जिट की उम्र बढ़ाई

पेंशन रेगुलेटर PFRDA ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में एंट्री के लिए उम्र की सीमा को 65 साल से बढ़ाकर 70 साल कर दिया है, यानी कोई 70 साल का व्यक्ति भी NPS में निवेश की शुरुआत कर सकता है. जबकि एग्जिट लिमिट को PFRDA ने 75 साल कर दिया है. यानी वो अब NPS खाता 75 साल की उम्र तक चालू रख सकते हैं. बाकी सभी दूसरे सब्सक्राइबर्स के लिए मैच्योरिटी की सीमा 70 साल है.

ऐसे झटपट निकाल सकते हैं म्‍यूचुअल फंड से अपने पैसे, नहीं लगता है ज्‍यादा वक्‍त

आज हम आपको बताएंगे कि म्‍यूचुअल फंड के यूनिटों को मैं अपना कितना निवेश निकाल सकता हूँ भुनाकर आप अपने पैसे कैसे निकाल सकते हैं। तरीका आसान है, मुश्किल नहीं।

Manish Mishra
Published on: September 09, 2017 10:44 IST

ऐसे झटपट निकाल सकते हैं म्‍यूचुअल फंड से अपने पैसे, नहीं लगता है ज्‍यादा वक्‍त- India TV Hindi

ऐसे झटपट निकाल सकते हैं म्‍यूचुअल फंड से अपने पैसे, नहीं लगता है ज्‍यादा वक्‍त

नई दिल्‍ली। म्‍यूचुअल फंड न सिर्फ बैंकों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं बल्कि ये निवेशकों के चहेते इसलिए भी हैं क्‍योंकि इससे पैसे निकालना आसान है। पिछले दो लेखों में आपने पढ़ा कि म्‍यूचुअल फंडों में निवेश कैसे किया जाए और बेहतरीन फंडों का चयन कैसे किया जाए। आज हम आपको बताएंगे कि म्‍यूचुअल फंड के यूनिटों को भुनाकर आप अपने पैसे कैसे निकाल सकते हैं। तरीका आसान है, मुश्किल नहीं।

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म्‍यूचुअल फंड यूनिट भुनाने की यह है प्रक्रिया

अगर आप म्‍यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। अगर आप खुद जाकर यह काम करना चाहते हैं तो आपको म्‍यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट से पहले ट्रांजैक्‍शन स्लिप डाउनलोड कर लीजिए और उसे अच्‍छी तरह भर लीजिए। इय रिडेंप्‍शन अप्लिकेशन को आप म्‍यूचुअल फंड कंपनी के आधिकारिक कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। आप चाहें तो म्‍यूचुअल फंड कंपनियों की ऑनलाइन सुविधा का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं। कई म्‍यूचुअल फंड कंपनियां अपनी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन रिडेंप्‍शन (म्‍यूचुअल फंड यूनिट भुनाने) की सुविधा उपलब्‍ध कराती हैं। अगर आपने ऑनलाइन पोर्टल के जरिए निवेश किया है तो आप ऑनलाइन फैसिलिटी का इस्‍तेमाल करते हुए अपने यूनिट भी भुना सकते हैं।

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इतने समय में मिल जाएंगे म्‍यूचुअल फंड के पैसे

अगर आपने लिक्विड या डेट ओरिएंटेड म्‍यूचुअल फंडों में निवेश किया हुआ है तो आपको एक से दो दिनों में पैसे मिल जाएंगे। इक्विटी फंडों का पैसा 4-5 दिनों में निवेशकों के पास आ जाता है। हां, ध्‍यान रखने लायक बात यह है कि अगर आपने इक्विटी फंडों में निवेश किया हुआ है और यूनिट खरीदने के 365 दिनों के भीतर उसे भुना रहे हैं तो आपको एक फीसदी का एक्जिट लोड देना पर सकता है। लिक्विड फंड, अल्‍ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स आदि पर कोई एक्जिट लोड नहीं लगता है।

यह भी पढ़ें : Step by Step Guide : ऐसे करें म्‍यूचुअल फंडों में छोटे निवेश से शुरुआत, कम रिस्‍क में मिलेगा बेहतरीन रिटर्न

आपके पास ऐसे आते हैं म्‍युचुअल फंड के पैसे

म्‍यूचुअल फंड का यूनिट भुनाने से प्राप्‍त होने वाले पैसे सीधे आपके बैंक खाते में हैं अगर आपने निवेश के समय बैंक की सारी डिटेल दी हुई है। अगर म्‍यूचुअल फंड कंपनी के पास आपकी बैंक की पूरी डिटेल नहीं है तो फिर आपको चेक से पैसे भेज दिए जाएंगे।

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