एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा के बारे में
एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा से, अपने प्रॉडक्ट को ज़्यादा देशों तक पहुंचाया जा सकता है. यह खास तौर पर आपके लिए तब अहम हो सकता है, जब एक से ज़्यादा देशों में अपने प्रॉडक्ट बेचे और शिप किए जाते हैं. हालांकि, आपकी वेबसाइट पर हर देश की मुद्रा के लिए अलग प्रॉडक्ट पेज नहीं होते हैं. Merchant Center के सभी खातों में एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की व्यापारिक विदेशी मुद्रा सुविधा अपने-आप चालू रहती है. बस वे प्रॉडक्ट और कीमतें सबमिट करें जो आपकी वेबसाइट पर इस्तेमाल की जाती हैं. इसके बाद, टूल आपके लिए विज्ञापनों में एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदले जाने का अनुमान लगा लेगा.
इस लेख में बताया गया है कि एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा कैसे काम करती है.
फ़ायदे
- आपके प्रॉडक्ट के विज्ञापनों को आपकी वेबसाइट में बिना कोई बदलाव किए, अपने-आप दूसरे देश में दिखाती है. जिस देश में सामान बेचा जा रहा है अगर आपके पास उसकी मुद्रा स्वीकार करने की सुविधा नहीं है, तो एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा से आपको अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद मिलती है.
यह सुविधा कैसे काम करती है
एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा, आपके प्रॉडक्ट डेटा में दी गई कीमत को अपने-आप टारगेट किए गए नए देश की मुद्रा में बदल देती है. साथ ही, आपके विज्ञापनों और मुफ़्त में दिखाई जाने वाली प्रॉडक्ट लिस्टिंग में दोनों कीमतें दिखती हैं. इससे आपकी लिस्टिंग और विज्ञापन, दूसरे देशों के लोगों को भी समझ में आ जाते हैं. साथ ही, कम से कम बदलाव करके, अपनी मौजूदा वेबसाइट और लैंडिंग पेजों का इस्तेमाल करना जारी रखा जा सकता है.
अगर अपने कैंपेन में, टारगेट किए गए देश की मुद्रा से अलग मुद्रा में कीमतें दी जाती हैं, तो कीमतें अपने-आप बदल जाएंगी और स्थानीय मुद्रा में दिखेंगी.
आपके विज्ञापन या लिस्टिंग में दिख रही, बदली हुई कीमत का अनुमान, Google Finance की विनिमय दरों के मुताबिक होगा.
आपके विज्ञापनों और लिस्टिंग में आपकी मुद्रा को उस व्यापारिक विदेशी मुद्रा देश की मुद्रा में बदल दिया जाएगा जहां प्रॉडक्ट को बेचा जाना है. हालांकि, किसी नए देश को टारगेट करने के लिए, आपको उस देश की भाषा से जुड़ी ज़रूरी शर्तों को अब भी पूरा करना होगा. ध्यान रखें कि आपको अपने टारगेट किए गए देश की शिपिंग से जुड़ी ज़रूरी शर्तों को पूरा करने के लिए, अपनी शिपिंग की सेटिंग भी अपडेट करनी होंगी. शिपिंग की जानकारी सेट अप करने का तरीका जानें
आपकी वेबसाइट आपकी मौजूदा मुद्रा में शुल्क लेती है, इसलिए उपयोगकर्ता की खरीदारी की आखिरी कीमत उपयोगकर्ता के क्रेडिट कार्ड या पैसे चुकाने की सेवा देने वाली दूसरी कंपनी की विनिमय दरों के हिसाब से होती है. इसका मतलब है कि खरीदारी की आखिरी कीमत और अनुमान अलग-अलग हो सकते हैं. पक्का करें कि आपके पूरे लैंडिंग पेज और वेबसाइट पर कीमत, सबसे पहले चुनी गई मुद्रा में साफ़ तौर पर दिख रही हो.
मटिल्डा का स्टोर अमेरिका में है और उनकी वेबसाइट पर प्रॉडक्ट की कीमतें अमेरिकन डॉलर में दिखती हैं. वह अमेरिका में विज्ञापन करने के लिए शॉपिंग विज्ञापनों का इस्तेमाल करती हैं, इसलिए उनके प्रॉडक्ट डेटा में कीमतें अमेरिकन डॉलर में होती हैं. वह कनाडा में भी प्रॉडक्ट को बेचती और शिप करती हैं, लेकिन उनकी वेबसाइट पर कीमतें कैनेडियन डॉलर में नहीं दिखतीं.
हालांकि, एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा के साथ, मटिल्डा कनाडा में विज्ञापन देने के लिए अपना अमेरिका का प्रॉडक्ट डेटा और लैंडिंग पेज इस्तेमाल कर सकती हैं, जिस पर कीमतें अमेरिकन डॉलर में दिखती हैं. प्रॉडक्ट डेटा सबमिट करने के बाद, वे अपने Google Ads खाते में एक नया शॉपिंग कैंपेन बनाती हैं. अब उनके पास दो कैंपेन हैं, एक अमेरिका के लिए और दूसरा कनाडा के लिए. इसके लिए, उन्होंने वही लैंडिंग पेज और खास तौर पर वही प्रॉडक्ट डेटा इस्तेमाल किया है.
मटिल्डा के कनाडा वाले कैंपेन में, उनके विज्ञापन पर प्रॉडक्ट की कीमतें कैनेडियन डॉलर में दिखती हैं और दूसरी मुद्रा के तौर पर अमेरिकी डॉलर वाली कीमतें भी होती हैं. दूसरी मुद्रा में बदली गई कीमतों से कनाडा के संभावित ग्राहकों को प्रॉडक्ट और उसकी कीमत को अपनी जानी-पहचानी मुद्रा में समझने में मदद मिलती है. लोग जब किसी विज्ञापन पर क्लिक करते हैं, तो उन्हें मटिल्डा का लैंडिंग पेज दिखता है जिसमें कीमत अमेरिकी डॉलर में होती हैं. वे अपनी खुद की मुद्रा में साफ़ तौर पर कीमत की जानकारी पाकर, चेकआउट प्रोसेस को पूरा कर सकते हैं.
नीति और ज़रूरी शर्तें
उपयोगकर्ताओं को आपकी मुफ़्त में दिखाई जाने व्यापारिक विदेशी मुद्रा वाली लिस्टिंग और विज्ञापन, उनकी मुद्रा से अलग मुद्रा में दिखते हैं. इसलिए, उन्हें लग सकता है कि वे किसी दूसरे देश की कंपनी या व्यापारी से खरीदारी कर रहे हैं. लोगों के अनुभव को एक जैसा रखने के लिए, आपको उस देश की कीमत और टैक्स से जुड़ी ज़रूरी शर्तों का पालन करना होगा जिसकी मुद्रा का इस्तेमाल आपके प्रॉडक्ट डेटा में हुआ है.
उदाहरण के लिए, अगर आपका प्रॉडक्ट डेटा अमेरिकी डॉलर में सबमिट किया गया है और आपकी वेबसाइट अमेरिकी डॉलर में शुल्क ले रही है, तो आपको अमेरिका की कीमत और टैक्स से जुड़ी ज़रूरी शर्तों का पालन करना होगा. दूसरी सभी ज़रूरी शर्तों के बारे में जानने के लिए, उस देश की स्थानीय ज़रूरी शर्तें देखें.
यह किन सुविधाओं के साथ काम करता है
Merchant Center और Google Ads की इन सुविधाओं के साथ, एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा का इस्तेमाल किया जा सकता है.
व्यापार
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ग्रहयोगों का प्रभावः– यहां सूर्य बुध पर शनि की दृष्टि है, इसके प्रभाव से अनावृष्टि दुर्भिक्ष की स्थिति बनेगी.
साप्ताहिक राशिफल
दिनांक- 15 से 21 अगस्त-2021 तक ज्योतिषाचार्य पं0 नारायणशंकरनाथूराम व्यास, कोतवाली बाजार, जबलपुर (म0प्र0) मो0नं0 098266-21998 साप्ताहिक ग्रहस्थितिः– इस सप्ताह सूर्य कर्क राशि में 3/32 दिन से सिंह राशि में, मंगल सिंह राशि में, बुध सिंह राशि में, बक्री गुरू क्रुंभ राशिमें शुक्र कन्या राशि में, बक्री शनि मकर राशि में, राहु वृषभ्रा राशि में केतु वृश्चिक राशि में, और चन्द्रमा वृश्चिक धनु और मकर राशि में संचरएा करेगा। Read More
भारत नई विदेश व्यापार नीति लाने में क्यों कर रहा है देरी?
सरकार ने बीते दो साल से व्यापार नीति नहीं जारी की है. पहले भी कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए व्यापारिक विदेशी मुद्रा मौजूदा पॉलिसी को ही बढ़ा दिया गया था.
By: ABP Live | Updated at : 27 Sep 2022 06:06 PM (IST)
केंद्र सरकार ने सोमवार यानी 26 सितंबर को इस समय लागू विदेश व्यापार नीति (2015-20) को छह महीनों के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया है. जिसका मतलब है कि नई विदेश व्यापार नीति (FTP) लाने में अभी 6 महीने का और समय लगेगा.
दरअसल वर्तमान में लागू विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2015-20, 30 सितंबर तक थी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि इस समय सीमा के खत्म होते ही केंद्र सरकार नई विदेश व्यापार नीति लागू करेगी. लेकिन सरकार ने पुरानी नीति को ही छह महीने और बढ़ा दिया है. यह 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा.
बता दें कि सरकार ने बीते दो साल से व्यापार नीति नहीं जारी की है. पहले भी कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मौजूदा पॉलिसी को ही बढ़ा दिया गया था और अब एक बार फिर नई व्यापार नीति को लाने की समयसीमा 6 महीने आगे बढ़ा दी गई है. इस बीच सवाल उठता है कि आखिर भारत नई विदेश व्यापार नीति लाने में देरी क्यों कर रहा है?
दरअसल विदेश व्यापार से जुड़े तमाम संगठनों का ऐसा मनना है कि विश्व की चुनौतियों और रुपये की स्थिति में आ रहे भारी उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए फिलहाल मौजूदा नीति को ही जारी रखना सही होगा. संगठनों का कहना है कि दुनियाभर के कई देश फिलहाल मंदी के हालात से गुजर रहा है और मुद्राओं में भी बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है. यह एक नई व्यापार नीति लाने का वक्त नहीं है.'
विदेश व्यापार से जुड़े तमाम संगठनों के अनुसार नई विदेश व्यापार नीति को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू करना वाजिब होगा. मौजूदा नीति को अगले छह महीनों के लिए बढ़ाए जाने के बारे में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) एक अधिसूचना जारी करेगा.
इस फैसले को लेने के बाद वाणिज्य विभाग ने एक बयान जारी करते हुए संवाददाताओं को बताया कि, निर्यात संवर्धन परिषदों और निर्यातकों से बार-बार अनुरोध प्राप्त करने के बाद, सरकार से ऐसा करने का आग्रह करने के बाद विस्तार दिया गया.
वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमित यादव कहा कि वर्तमान में चल रहे विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसकी अवधि 30 सितंबर को ही समाप्त होने वाली थी. यादव ने कहा कि उद्योग संगठनों और निर्यात संवर्धन परिषदों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से मौजूदा व्यापार नीति को ही फिलहाल बनाए रखने का अनुरोध किया गया था. उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार से जुड़े सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया है.
क्या होती है विदेश व्यापार नीति
विदेश व्यापार नीति सरकार द्वारा जारी किया गया एक कानूनी दस्तावेज है, यह दास्तावेज विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम 1992 के तहत प्रवर्तनीय है. आसान शब्दों में समझे तो विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम 1992 के तहत इस नीति में बदलाव किया जा सकता है.
विदेश व्यापार नीति को बनाने का मुख्य उद्देश्य व्यापारिक विदेशी मुद्रा भारत में लागत, लेन-देन, समय को कम करके व्यापार को सुविधाजनक बनाना है. इस नीति में व्यापार करने के नियम होते हैं और प्रौद्योगिकी प्रवाह, अप्रत्यक्ष संपत्ति जैसे कई नियम को लेकर सरकार की स्थिति को दर्शाती है.
निर्यातक संगठनों के महासंघ फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि केंद्र के इस फैसले पर बात करते हुए कहा कि नई विदेश व्यापार नीति को लागू करने से टालने का यह फैसला समझदारी भरा है. उन्होंने कहा, “फिलहाल रूस यूक्रेन युद्ध, आर्थिक स्थिति खराब होने जैसे तमाम कारणों के बाद कई देशों में मंदी के हालात बन रहे हैं और मुद्राओं में भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है. यह एक नई व्यापार नीति लाने का वक्त नहीं है.”
बता दें कि भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 17.68 प्रतिशत बढ़कर 193.51 अरब डॉलर रहा है. इसी दौरान आयात कहीं ज्यादा 45.74 प्रतिशत बढ़कर 318 अरब डॉलर हो गया. इस तरह अप्रैल-अगस्त की अवधि में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो गया है.
उद्योग को बढ़ावा देने पर फोकस
नई विदेश व्यापार नीति के तहत केंद्र सरकार छोटे और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने पर काम कर सकती है. इसमें मुक्त व्यापार समझौता पर जोर रहेगा. फिलहाल सरकार FTA को लेकर कई देशों के साथ बात कर रही है. इस बीच ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौते पर बात चल रही है. ऐसे में छोटे और मध्यम उद्योगों को मदद मिलेगी.
हर जिले में बनेगा एक्सपोर्ट हब
मिली जानकारी के अनुसार नई व्यापार विदेश नीति के तहत हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाने की कोशिश होगी. वाणिज्य मंत्रालय ने हर जिले के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन कमेटी बना दी है अब उसके लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम चल रहा है. इसमें लगभग 2500 करोड़ तक का खर्च आने की संभावना है.
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Published at : 27 Sep 2022 06:06 PM (IST) Tags: Commerce Ministry foreign trade policy हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
क्या कोई विदेशी मुद्रा से व्यापार कर रहा है ?
हां, ऐसे कई प्लेटफ़ॉर्म हैं जहां आप आसानी से विदेशी मुद्रा बाजारों में व्यापार कर सकते हैं। बाजार में कूदने से पहले, मैं आपको विदेशी मुद्रा व्यापार के बारे में अध्ययन करने, बुनियादी सिद्धांतों को सीखने की सलाह दूंगा। एक योजना बनाएं और अनुशासित व्यापार करें।सही निर्णय लेने के लिए अपने कौशल को हमेशा तेज़ करते रहना जारी रखें।
एक निश्चित बिंदु पर प्रमुख विफलता दर को ध्यान में रखते हुए, अधिकांश खिलाड़ी मध्य में भाग जाते हैं। याद रखें कि सफलता और विफलता एक खेल का हिस्सा हैं। जैसा कि किसी भी अनुभवी व्यापारी को पता चलेगा कि आपकी सफलता बाजार के ज्ञान से कम है, और आप एक व्यापारी के रूप में कौन हैं। ट्रेडिंग भावनाएं, अनुशासन, व्यापार मनोविज्ञान विफलता और सफलता के बीच मुख्य अंतरफलक बन गया है।
कड़ी मेहनत करें, रातों रात कोई भी सफल नहीं हुआ। विदेशी मुद्रा से व्यापार के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता है। शेयर बाजारों के विपरीत, जहां भी छोटे निवेशक कुछ पैसे कमा सकते हैं, विदेशी मुद्रा व्यापार में आपको कुछ नकद कमाने में सक्षम होने के लिए वॉल्यूम में निवेश करना होगा।
एक विदेशी मुद्रा व्यापारी के रूप में, आपको एक अंतरिक्ष यात्री की तरह सोचना चाहिए: जितना हो सके उतना तैयार रहें | आप दृढ़ रहें, इससे आपको सही निर्णय लेने, स्थिरता प्राप्त करने और अंततः विदेशी मुद्रा बाजार में लगातार लाभ प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक
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