नवभारत टाइम्स 13 घंटे पहले

वास्तु-ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल, December , 2022

।। साप्ताहिक राशिफल ।
दिनांक- 18 से 24 दिसम्बर 2022 तक ज्योतिषाचार्य पं0 नारायणशंकरनाथूराम व्यास,
कोतवाली बाजार, जबलपुर ;1ध्4द्धम0प्र0;1ध्2द्ध
मो0नं0 098266-21998
साप्ताहिक ग्रहस्थिति:–
इस सप्ताह सूर्य धनु राशि में, वक्री मंगल वृषभ राशि में, बुध धनु राशि में, गुरू मीन राशि में, शुक्र धनु राशि में, शनि मकर राशि में, राहु मेष राशि में केतु तुला राशि में और चन्द्रमा कन्या तुला वृश्चिक और मकर राशि में संचरण करेगा।
ग्रहयोगों का प्रभाव:–
सूर्य, बुध, शुक्र पर मंगल की दृष्टि होने से पाक अधिकृत कश्मीर पी.ओ.के. में राजनैतिक उपद्रव हो सकते है। ता. 19 को राहु भरणी नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करता है। इस समय कपास, गुड़, घी, खाड़, तेल, गेहूं, चावल में उत्तम-मध्यम तौर पर तेजी का रूख रहेगा। हिमालय के पूर्वोत्तर भारत और हिमालय में हिम वर्षा के प्रभाव से शीत प्रकोप और बढे़गा, कहीं कहीं छुटपुट वर्षा भी होगी। फसलों को कीट पतंगों से हानि हो सकती है तथा किटाणुआें से फसल को नुकसान हो सकता है।
पर्व/व्रत/त्यौहार :
सोमवार 19 दिसम्बर को- सफला एकादशी व्रत,
मंगलवार 20 दिसम्बर को- सुरूपा द्वादशी,
बुधवार 21 दिसम्बर को- प्रदोष व्रत, शिव चर्तुदशी व्रत,
शुक्रवार 23 दिसम्बर को- स्नानदान श्राद्ध अमावस्या,
शनिवार 24 दिसम्बर को- चन्द्रदर्शन

मेष– आपके अधिकारी व शुभचिन्तक धन कमाने में आपकी सहायता करेंगे, व्यापार से जुड़े लोग बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, घरेलू वित्तीय साधनों को समझना आयोजन आनन्ददायक रहेगा, आप अपने से जुड़े लोगों के साथ संवाद बनाये रखें, सकारात्मक दृष्टिकोण आपको सफलता दिलायेगा, कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी, आमदानी में वृद्धि होगी, जीवनसाथी की अपेक्षायें बढे़ंगी, माता पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
वृषभ– अकेले काम का बोझ उठा लेने से आपको नुकसान हो सकता है, अपने सहकर्मियों या अधिनस्थों के कारण कुछ परेशानी हो सकती है, नये कारोबार की शुरूआत ठीक रहेगी, पुकन्या गलती वित्तीय साधनों को समझना को सुधारकर आगे बढ़ें, जीवन आसान हो जायेगा, कार्यक्षेत्र में आप मुश्किलों का डटकर सामना करेंगे, सप्ताह में आपको प्रयासों में अच्छी सफलता मिलेगी।
मिथुन– इस सप्ताह सभी लोग आपसे प्रसन्न रहेंगे, अपने घर में आप निर्माण संबंधी कोई सुधार कर सकते हैं, पुराना घर बेचकर नया घर खरीदने पर विचार होगा। अविवाहितों को मनचाहा जीवनसाथी मिल सकता है, धार्मिक यात्रा होगी, छात्रों को कई मुश्किलों का सामना हो सकता है, व्यवसायिक वर्ग को नये अनुबंधों में शामिल होने के पहले गंभीरता से विचार करना चाहिये।
कर्क– इच्छित सफलता के लिये कार्य योजना में बदलाव संभव है, प्रापर्टी के कारोबार में अच्छा लाभ मिलेगा, व्यापारी आयात निर्यात के बारोबार की शुरूआत कर सकते हैं, आप अतिरिक्त जिम्मेदारी को आसानी से निभा लेंगे, सप्ताह के शुरूआत में आप भ्रमण की स्थिति में रहेंगे, परन्तु धीेरे धीरे आप नये आयामों की ओर बढ़ेंगे। वित्तीय स्थिति से संतुष्ट रहेंगे।
सिंह– अपने आसपास का माहौल खुशनुमा पायेंगे, मेहमानबाजी में आनन्द महसूस करेंगे, आफिस में आपके खुुले विचारों को कोई पसंद नहीं करेगा, अतीत से वर्तमान के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश करेंगे, शेयर में धन निवेश से परहेज करें, व्यवसाय में सावधानी बरतें, आपसी संबंधों में अनदेखी न करें, संतान की उन्नति होगी, गुमी वस्तु मिलने का योग है।
कन्या– आप अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहेंगे, घर के सदस्यों के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी परेशानी का सामना करना पडे़ेगा। आस पड़ौस या रिश्तेदारों के साथ संबंध सुधरेंगे, सप्ताह में व्यवसाय व्यापार के विस्तार की संभावना बनती है, मेल मुलाकात उपयोगी रहेगी, अधिनस्थ आपका सहयोग करेंगे।
तुला– कार्य क्षेत्र में आपको प्रतिभा दिखाने का बेहतर अवसर मिलेगा। आपको उत्तराधिकार का अवसर मिल सकता है, उदारता पर अंकुश रखे तो राहत मिलेगी। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी, सप्ताह में किसी रिश्तेदार से सुखद समाचार मिलेगा कामकाजी महिलाओं को परेशानी होगी, जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिन्ता रहेगी।
वृश्चिक– परिस्थिति के अनुकूल विनम्रता अच्छी सफलता दिला सकती है, बहसबाजी और मुंह पर बोलने की आदत पर रोक लगायें, कार्य और व्यापार को सिर्फ धन कमाने का साधन ही नहीं समझें, बल्कि प्रतिश्ठा का आधार भी मानें, सामाजिक जिम्मेदारी अच्छे से निभायेंगे,परिश्रम अधिक करना पड़ेगा, कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली सिद्ध होंगे।
धनु– आपको कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पडे़गा, निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिये अधिकारी दबाव बना सकते हैं, पद प्रतिष्ठा प्राप्ति का योग है, पारिवारिक जीवन में प्रेम आनन्द की अनुभूति मिलेगी, सप्ताह के मध्य विपरीत परिस्थिति से डटकर मुकाबला करना पड़ेगा, आप सही और गलत के बीच उलझ सकते हैं, जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मकर– पहिले से चले आ रहे कार्य जारी रहेंगे, नये कार्यो में हाथ न डालें, लंबे समय से जिस सफलता की उम्मीद कर रहे हैं, वह मिलेगी, कार्यक्षेत्र में आपको विरोधियों का सामना करना पड़ेगा। जोड़ों का दर्द, बुखार आदि से परेशानी हो सकती है, पारिवारिक कार्यो में सफलता मिलेगी। भावनात्मक संबंधों में निकटता आयेगी, प्रापर्टी से अच्छा लाभ मिलेगा।
कुम्भ– कुछ अच्छे दोस्त बन सकते हैं, जो आगे आपकी मदद कर सकते हैं, घरेलू कार्यो को जिम्मेदारी से करें, टालमटोल की प्रवृत्ति का परिणाम हानिप्रद हो सकता है, घरेलू माहौल खुशनुमा रहेगा, सप्ताह के मध्य बढ़ते हुये खर्च सामने आयेंगे, व्यापार की कार्य योजना का विस्तार होगा, अधिक जल्दबाजी से निर्णय न करना हितकर रहेगा, सत्संग में रूचि बढे़गी।
मीन– यदि आप अस्वस्थ्य और कमजोर हैं, तो स्वास्थ्य में सुधार होगा, नये पार्टनरशिप के साथ कार्य के लिये वित्तीय साधनों को समझना समय अनुकूल है, अपने कार्य की क्षमता को पहचानकर कार्य करें, घरेलू मामलों के लिये सप्ताह अच्छा है, सप्ताह के उत्तरार्ध में भाग्य वित्तीय साधनों को समझना साथ देगा, लक्ष्य की प्राप्ति के लिये आपको अत्याधिक खर्च और परिश्रम करना पड़ेगा।

हमें सांप को जगाने की जरूरत क्यों है

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 13 घंटे पहले

(एनी पोएलीना, नुलुंगु इंस्टीट्यूट रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ नोत्रे डेम यूनिवर्सिटी)

ब्रूम (ऑस्ट्रेलिया), 19 दिसंबर (360इंफो) संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुतारेस की मानें तो दुनिया “जलवायु नरक के राजमार्ग पर है” और हम उस पर काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

यह न केवल मानव जीवन और जलवायु अव्यवस्था के बीच खोई हुई प्रजातियों का नरक है, बल्कि मानसिक अस्वस्थता का भी नरक है जिसे विश्व स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. लिन फ्रीडली ने "सामाजिक मंदी की कीमत पर आर्थिक विकास" के रूप में वर्णित किया है। बहुत सी परिस्थितियों में हम वित्तीय लाभ को समुदायों और प्रकृति से आगे रख रहे हैं।

स्थानीय (मूल निवासी) नेता पुरजोर तरीके से आवाज उठाने वाले उन लोगों में सबसे वित्तीय साधनों को समझना वित्तीय साधनों को समझना आगे हैं जो यह स्पष्ट रूप से यह देख रहे हैं कि ऐसा लंबे समय तक नहीं चल सकता। वो डटे हुए हैं, ऐसे हालात में जब पश्चिमी कानून जलवायु परिवर्तन को रोकने और स्थानीय पवित्र स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इन अद्वितीय स्थानों के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, पर्यावरणीय, सामाजिक और विश्व विरासत मूल्यों को सुनिश्चित करने के कार्य के लिए अपर्याप्त हैं।

समाधान हालांकि हमारी आंखों के ठीक सामने हैं। यदि हमें जीवित रहना है तो हमें यह समझना होगा कि विभिन्न प्रणालियां एक साथ कैसे काम करती हैं और एकीकृत प्रणालियों में प्रतिभागियों की सापेक्ष भूमिकाएं और जिम्मेदारियां क्या होंगी। इनमें जैविक प्रणालियां जैसे कि पारिस्थितिक तंत्र के साथ ही मानव प्रणालियां जैसे-कानून भी शामिल हैं।

धन की राजनीति में सुधार किए बिना जलवायु परिवर्तन का समाधान असंभव है। अगर हम स्थानीय लोगों और प्रकृति के साथ शांति बनाना वित्तीय साधनों को समझना चाहते हैं तो यह महत्वपूर्ण है। स्थानीय दर्शन और प्रथम (स्थानीय स्तर पर) कानून सभी के लिए बेहतर कानूनी और संस्थागत व्यवस्था बनाने में मदद कर सकते हैं।

जैसा कि कानून के विद्वान क्रिस्टीन ब्लैक ने लिखा है, पहला कानून या प्रथागत नियम कहता है कि कानून भूमि से आता है न कि मनुष्य से। यह प्रकृति थी जिसने ये कानून प्रदान किए। प्राचीन (लेकिन अब भी जारी) प्रथागत कानून की कहानियां, निष्पक्षता बनाने के लिए जानवरों, पक्षियों, हवा, चंद्रमा और सितारों का उपयोग करते हुए लोगों को एक-दूसरे के लिए न सिर्फ अच्छा और सभ्य इंसान बनना सिखाती हैं, बल्कि अपने शिक्षकों का सम्मान करना भी सिखाती हैं।

समूची पृथ्वी के स्वदेशी नेता ‘प्रथम ऑस्ट्रेलियाई’ लोगों को ग्रह पर सबसे पुरानी जीवित संस्कृति के रूप में पहचानते हैं। प्रथम ऑस्ट्रेलियाई कहते हैं कि जलवायु समस्या के समाधान के लिए हमें एक ऐसी प्रणाली पर लौटना चाहिए जो लगभग 60,000 साल या उससे अधिक वक्त से समय की कसौटी पर खरी उतरी हो: एक बायोरीजनल गवर्नेंस मॉडल।

यह तय करता है कि क्षेत्राधिकार को मानचित्र पर मनमानी रेखाओं से नहीं बनाया जाता है बल्कि जीव विज्ञान और भूगोल द्वारा निर्धारित किया जाता है। जैव क्षेत्रों के लिए शासन स्थानीय अधिकारों, पर्यावरण अधिकारों को जोड़ता है।

कानूनी विद्वान कबीर बाविकाटे और टॉम बेनेट ने जैव-सांस्कृतिक अधिकारों का वर्णन किया है - जो कि, “प्रथागत कानूनों के अनुसार, इसकी भूमि, जल और संसाधनों को बचाने के लिए समुदाय का लंबे समय से स्थापित अधिकार है”। अधिकारों के एक अलग क्रम के रूप में, जैव-सांस्कृतिक अधिकार कानूनी व्यवस्थाओं को एक साथ लाने का एक तरीका प्रदान करते हैं।

जैव-सांस्कृतिक अधिकार दायित्व के नैतिक कानून पर आधारित हैं। पश्चिमी कानूनी अर्थों में जैव-सांस्कृतिक अधिकार 'स्वामित्व' वित्तीय साधनों को समझना नहीं हैं, बल्कि देखभाल और सुरक्षा का कर्तव्य है। कॉरपोरेट गवर्नेंस के अग्रदूत शान टर्नबुल, इन अधिकारों और जिम्मेदारियों को “स्वामित्व” के बजाय “स्वामित्व के साथ आने वाले दायित्व” के रूप में समझाते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के किम्बरली क्षेत्र में स्वदेशी राज्यों के लिए एक जैव-सांस्कृतिक दृष्टिकोण स्वदेशी कानूनों पर भरोसा करता है।

ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पश्चिम के मूल निवासी सहस्राब्दियों से रह रहे हैं और उन्होंने एक सतत ज्ञान प्रणाली बनाई है। मानवता को एक नए युग में ले जाने के लिए ज्ञान को अधिक व्यापक रूप से लागू किया जा सकता है जहां अर्थव्यवस्था एक दोहन प्रणाली पर आधारित नहीं है, बल्कि उस सामूहिक ज्ञान और गैर-स्थानीय और स्थानीय लोगों के बीच संसाधनों को साझा करने पर आधारित है।

जैसा कि किम्बरली के लोग कहते हैं, हमें उस ज्ञान के “सांप को जगाने” की आवश्यकता है। सांप को जगाना सबको साथ ले आता है।

विदेश की खबरें | हमें सांप को जगाने की जरूरत क्यों है

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ब्रूम (ऑस्ट्रेलिया), 19 दिसंबर (360इंफो) संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुतारेस की मानें तो दुनिया “जलवायु नरक के राजमार्ग पर है” और हम उस पर काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

विदेश की खबरें | हमें सांप को जगाने की जरूरत क्यों है

ब्रूम (ऑस्ट्रेलिया), 19 दिसंबर (360इंफो) संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुतारेस की मानें तो दुनिया “जलवायु नरक के राजमार्ग पर है” और हम उस पर काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

यह न केवल मानव जीवन और जलवायु अव्यवस्था के बीच खोई हुई प्रजातियों का नरक है, बल्कि मानसिक अस्वस्थता का भी नरक है जिसे विश्व स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. लिन फ्रीडली ने "सामाजिक मंदी की कीमत पर आर्थिक विकास" के रूप में वर्णित किया है। बहुत सी परिस्थितियों में हम वित्तीय लाभ को समुदायों और प्रकृति से आगे रख रहे हैं।

स्थानीय (मूल निवासी) नेता पुरजोर तरीके से आवाज उठाने वाले उन लोगों में सबसे आगे हैं जो यह स्पष्ट रूप से यह देख रहे हैं कि ऐसा लंबे समय तक नहीं चल सकता। वो डटे हुए हैं, ऐसे हालात में जब पश्चिमी कानून जलवायु परिवर्तन को रोकने और स्थानीय पवित्र स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इन अद्वितीय स्थानों के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, पर्यावरणीय, सामाजिक और विश्व विरासत मूल्यों को सुनिश्चित करने के कार्य के लिए अपर्याप्त हैं।

समाधान हालांकि हमारी आंखों के ठीक सामने हैं। यदि हमें जीवित रहना है तो हमें यह समझना होगा कि विभिन्न प्रणालियां एक साथ कैसे काम करती हैं और एकीकृत प्रणालियों में प्रतिभागियों की सापेक्ष भूमिकाएं और जिम्मेदारियां क्या होंगी। इनमें जैविक प्रणालियां जैसे कि पारिस्थितिक तंत्र के साथ ही मानव प्रणालियां जैसे-कानून भी शामिल हैं।

धन की राजनीति में सुधार वित्तीय साधनों को समझना वित्तीय साधनों को समझना किए बिना जलवायु परिवर्तन का समाधान असंभव है। अगर हम स्थानीय लोगों और प्रकृति के साथ शांति बनाना चाहते हैं तो यह महत्वपूर्ण है। स्थानीय दर्शन और प्रथम (स्थानीय स्तर पर) कानून सभी के लिए बेहतर कानूनी और संस्थागत व्यवस्था बनाने में मदद कर सकते हैं।

जैसा कि कानून के विद्वान क्रिस्टीन ब्लैक ने लिखा है, पहला कानून या प्रथागत नियम कहता है कि कानून भूमि से आता है न कि मनुष्य से। यह प्रकृति थी जिसने ये कानून प्रदान किए। प्राचीन (लेकिन अब भी जारी) प्रथागत कानून की कहानियां, निष्पक्षता बनाने के लिए जानवरों, पक्षियों, हवा, चंद्रमा और सितारों का उपयोग करते हुए लोगों को एक-दूसरे के लिए न सिर्फ अच्छा और सभ्य इंसान बनना सिखाती हैं, बल्कि अपने शिक्षकों का सम्मान करना भी सिखाती हैं।

समूची पृथ्वी के स्वदेशी नेता ‘प्रथम ऑस्ट्रेलियाई’ लोगों को ग्रह पर सबसे पुरानी जीवित संस्कृति के रूप में पहचानते हैं। प्रथम ऑस्ट्रेलियाई कहते हैं कि जलवायु समस्या के समाधान के लिए हमें एक ऐसी प्रणाली पर लौटना चाहिए जो लगभग 60,000 साल या उससे अधिक वक्त से समय की कसौटी पर खरी उतरी हो: एक बायोरीजनल गवर्नेंस मॉडल।

यह तय वित्तीय साधनों को समझना करता है कि क्षेत्राधिकार को मानचित्र पर मनमानी रेखाओं से नहीं बनाया जाता है बल्कि जीव विज्ञान और भूगोल द्वारा निर्धारित किया जाता है। जैव क्षेत्रों के लिए शासन स्थानीय अधिकारों, पर्यावरण अधिकारों को जोड़ता है।

कानूनी विद्वान कबीर बाविकाटे और टॉम बेनेट ने जैव-सांस्कृतिक अधिकारों का वर्णन किया है - जो कि, “प्रथागत कानूनों के अनुसार, इसकी भूमि, जल और संसाधनों को बचाने के लिए समुदाय का लंबे समय वित्तीय साधनों को समझना से स्थापित अधिकार है”। अधिकारों के एक अलग क्रम के रूप में, जैव-सांस्कृतिक अधिकार कानूनी व्यवस्थाओं को एक साथ लाने का एक तरीका प्रदान करते हैं।

जैव-सांस्कृतिक अधिकार दायित्व के नैतिक कानून पर आधारित हैं। पश्चिमी कानूनी अर्थों में जैव-सांस्कृतिक अधिकार 'स्वामित्व' नहीं हैं, बल्कि देखभाल और सुरक्षा का कर्तव्य है। कॉरपोरेट गवर्नेंस के अग्रदूत शान टर्नबुल, इन अधिकारों और जिम्मेदारियों को “स्वामित्व” के बजाय “स्वामित्व के साथ आने वाले दायित्व” के रूप में समझाते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के किम्बरली क्षेत्र में स्वदेशी राज्यों के लिए एक जैव-सांस्कृतिक दृष्टिकोण स्वदेशी कानूनों पर भरोसा करता है।

ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पश्चिम के मूल निवासी सहस्राब्दियों से रह रहे हैं और उन्होंने एक सतत ज्ञान प्रणाली बनाई है। मानवता को एक नए युग में ले जाने के लिए ज्ञान को अधिक व्यापक रूप से लागू किया जा सकता है जहां अर्थव्यवस्था एक दोहन प्रणाली पर आधारित नहीं है, बल्कि उस सामूहिक ज्ञान और गैर-स्थानीय और स्थानीय लोगों के बीच संसाधनों को साझा करने पर आधारित है।

जैसा कि किम्बरली के लोग कहते हैं, हमें उस ज्ञान के “सांप को जगाने” की आवश्यकता है। सांप को जगाना सबको साथ ले आता है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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