Trading In Hindi – ट्रेडिंग क्या है और ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ?
Trading क्या होता है ? ( Trading in hindi )
Trading को हिंदी में हम व्यापार करना कहते हैं। इसका इस्तेमाल वित्तीय बाजार में सबसे अधिक किया जाता है। Trading का मतलब है किसी एक बाजार में किसी वस्तु की खरीद बिक्री करना।
परंतु यदि हम Trading शब्द को समझे तो इसका उपयोग सामान्य रूप से पैसा बनाने के लिए प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के रूप में किया जाता है।
जब भी लोग शेयर बाजार में शेयरों की खरीद बिक्री करते हैं, तो इसे Trading करते हैं। इसके साथ ही म्युचुअल फंड, सिक्योरिटीज, इत्यादि में निवेश करना भी Trading कहलाता है।
आजकल वित्तीय बाजार में शेयर मार्केट Trading काफी प्रचलन में है, क्योंकि इसके माध्यम से सबसे ज्यादा शेयरों की खरीद बिक्री की जाती है और मुनाफा कमाया जाता है। ऐसे हम ऑनलाइन स्टॉक Trading या ऑनलाइन Trading भी करते हैं।
Trader कौन होता है ?
जो व्यक्ति Trading करता है वह Trader कहलाता है। यानी कि वह व्यापारी कहलाता है, जो किसी भी वित्तीय बाजार में वित्तीय संपत्ति की खरीद और बिक्री करता है।
एक व्यापारी वह व्यक्ति होता है जो किसी संस्था के लिए या खुद के लिए इक्विटी में या किसी अन्य फंड में खरीद बिक्री करने में शामिल होता है।
बाजारों में किन संपत्तियो की ट्रेनिंग की जा सकती है ?
भारत में 17000 से भी ज्यादा संपत्तियां और बाजार है जहां पर कोई भी ट्रैडर Trading कर सकता है। इन में कुछ संपत्तियां शामिल है जैसे –
- शेयर
- इंडेक्स
- फॉरेक्स
- ईटीएफ
- बांड
- कमोडिटीज
- आईपीओ, इत्यादि
आप किसी भी जगह किसी भी वस्तु में व्यापार करें पर इसका उद्देश्य और परिणाम हमेशा एक Swing Trading काम कैसे करती है? ही होता है और वह है लाभ कमाना। यदि आप किसी भी वस्तु को कम कीमत पर खरीद कर अधिक कीमत पर बेचते हैं तो आपको लाभ ही होगा।
परंतु व्यापार काफी जोखिम भरा होता है, इसलिए एक व्यापारी को Risk Management की जानकारी जरूर होनी चाहिए तभी वह सफल व्यापारी बन सकता है।
Trading कैसे काम करती है ?
Trading केवल बाजार के आधार पर ही कार्य करती है। यदि आप किसी Swing Trading काम कैसे करती है? भी वस्तु का व्यापार कर रहे हैं और आप की स्थिति बाजार की मूल्य सही दिशा में चलता है तो आपको लाभ होगा। परंतु इसके विपरीत यदि आप की स्थिति बाजार के मूल्य की गलत Swing Trading काम कैसे करती है? दिशा में चलती है, तो आप अपने पैसे खो सकते हैं।
यहां पर ध्यान रखने योग्य बात यह है, कि बाजार में केवल मांग और आपूर्ति के आधार पर ही कार्य करता है।
बाजार में जिस भी शेयर की मांग अधिक है, उसका बाजार मूल्य अधिक होगा और यदि किसी शेरों की मांग कम है और आपूर्ति अधिक है तो उन शेयरों का मूल्य बहुत ही कम होगा।
किसी भी ट्रेनिंग में ट्रेडर और ब्रोकर दो लोग शामिल होते हैं जो कि किसी संपत्ति को खरीदने और बेचने के लिए किसी एक कीमत पर समझौता करते हैं। और इसके साथ ही यह कि स्टॉक एक्सचेंज भी शामिल होता है, जो कि Organized Marketplace है, यहां पर आप एक विशेष प्रकार के स्टॉक की सेटिंग सीधे कर सकते हैं।
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है ?
अभी हमने ट्रेनिंग के बारे में जानकारी दी और ऑनलाइन Trading भी इसी से संबंधित होता है। Online Trading के अंतर्गत सबसे ज्यादा स्टॉक मार्केट Trading की जाती है।
ऑनलाइन ट्रेनिंग में से भी शामिल होता है। कोई भी ब्रोकर जिनके माध्यम से हम Trading करते हैं उन्हे SEBI में रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होता है।
यदि कोई भी ब्रोकर जो SEBI द्वारा पंजीकृत है उसके साथ हम डिमैट अकाउंट खोलकर Trading कर सकते हैं, यही ऑनलाइन Trading कहलाता है।
ऑनलाइन Trading हम अपनी इच्छा अनुसार किसी भी समय किसी भी जगह पर आराम से कर सकते हैं। इसके साथ हम अपने ऑनलाइन होकर के माध्यम से भी ट्रेड ऑर्डर दे सकते हैं या उसे कैंसिल भी कर सकते हैं।
Trading के क्या फायदे हैं ?
शेयर बाजार में Trading करने के कई फायदे हो सकते हैं जो कि इस प्रकार है :-
यदि हम शेयर बाजार में Trading करते हैं तो हमें काफी ज्यादा लाभ देखने को मिलता है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था मैं भी लाभ होता है। जब भी कोई अर्थव्यवस्था बढ़ती है तो कारपोरेट आय में भी वृद्धि होती है।
जो कि आर्थिक विकास और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करता है। इस तरह किसी भी Trader के लिए स्टॉक में Trading करके पैसे कमाना काफी आसान हो जाता है।
एवं Trading करते हैं तो हमें कम राशि में निवेश करने का लचीलापन भी प्राप्त होता है। यानी कि हम केवल ₹500 से भी Trading शुरू कर सकते हैं।
इसके लिए हमें हजारों या लाखों रुपए की जरूरत नहीं है। यदि हम Trading करने की शुरुआत करना चाहते हैं तो छोटी कानों में केवल कुछ पैसे ही खर्च करके Trading आसानी से किया जा सकता है।
Trading के माध्यम से शेयरों को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफ़ी आसान बन गई है। खासकर ऑनलाइन Trading हमारे लिए इस निवेश प्रक्रिया को आसान बनाता है। क्योंकि ऑनलाइन Trading के अंतर्गत हमें केवल एक Demate Account open करने की जरूरत होती है और उसके बाद हम ब्रोकर की सहायता के माध्यम से शेयर बाजार में Trading कर सकते हैं।
FAQ’S :
प्रश्न 1 – ट्रेडिंग कैसे सीखे ?
प्रश्न 2 – ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है, इन हिंदी
प्रश्न 3 – ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ?
प्रश्न 4 – Trading के पांच प्रकार कौन से हैं ?
प्रश्न Swing Trading काम कैसे करती है? 5 – Trading के क्या लाभ हैं ?
निष्कर्ष :-
आज के इस लेख के माध्यम से हमने Trading in hindi के बारे में जानकारी प्राप्त की।
उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको रीडिंग से संबंधित कई जानकारियां मिल पाई होंगी। यदि आप इस विषय से संबंधित और भी जानकारी आप आना चाहते हैं, तो हमें कमेंट करके बताएं।
Best Option Strategy For New Investors In Range Bound Market
BEST OPTION STRATEGY FOR NEW INVESTORS IN RANGE BOUND MARKET
अगर आप बाज़ार में नए इन्वेस्टर है और आपको ऑप्शन्स के जरिये पैसे कमाने है तो आज हम बताएँगे की ऑप्शन्स की कौनसी STRARTEGY सही है।
बाजार ऊपर जा रहा हो या निचे दोनों समय में ये तरीका आपको एक अच्छा रिटर्न दे सकता है। ऑप्शन में इन्वेस्ट करने से पहले हमे इसके पॉजिटिव और नेगेटिव पॉइंट का ध्यान होना चाहिए साथ ही साथ ऑप्शन्स में कैसे रिस्क मैनेजमेंट कर सकते है।
इस स्ट्रेटेजी को स्टॉक मार्केट के साथ साथ क्रिप्टो करेंसी में भी इस्तेमाल कर सकते है।
इस स्ट्रैटेजी का नाम है STRANGLE
इस विधि में हम स्टॉक ऑप्शन सेल करेंगे हम CALL भी सेल करेंगे और साथ ही साथ PUT भी सेल करेंगे। पर दोनों में फ़र्क़ इतना है की ये दोनों हम OUT OFF THE MONEY जाकर सेल करेंगे। ये AT THE MONEY नहीं करेंगे।
EXAMPLE – मान लेते है की अभी रिलायंस चल रहा है 2300 पर। हमारी स्ट्रेटेजी ये है की हमें इसका CALL और PUT दोनों सेल करना है |
अब हम OUT OFF THE MONEY जाकर 2500 वाला CALL सेल कर देंगे और दूसरी तरफ OUT OFF THE MONEY जाकर 2000 वाला PUT सेल कर देंगे। हम हमेशा OUT OFF THE MONEY जाकर ही सेल करेंगे AT THE MONEY में जाकर काम नहीं करना है
जैसा की हमने बताया की हम OUT OFF THE MONEY जाकर ये सेल कर रहे है हमारी सेफ्टी बढ़ चुकी है
रिलायंस अभी चल रहा है 2300 पर हमने call सेल किया है 2500 का इसका मतलब ये है की अगर इस ट्रेड में हमको loss भी होना होगा तो सबसे पहले रिलायंस को 2300 से बढ़ते हुए 2500 पर आना होगा उसके बाद जितना हमने प्रीमियम कलेक्ट किया है उतना और आगे बढ़ना होगा फिर हमारा loss होना स्टार्ट होगा।
और वही दूसरी तरफ हमने 2000 वाला put सेल किया है इसके अंदर loss होने के लिए सबसे पहले रिलायंस को 2500 से 2000 तक आना होगा जब तक ये 2000 तक नहीं आ जाता तब तक हमको कोई नुकसान नहीं होगा
मतलब ये की reliance अगर 2000 से लेकर 2500 तक के बीच में ट्रेड करता रहता है तो हम हमेशा प्रॉफिट में रहेंगे।
सामान्यता लोग या तो Call BUY करते है या फिर Put सेल करते है इन दोनों ही ट्रेड में प्रॉफिट तभी होगा जब मार्केट किसी एक डायरेक्शन में मूवमेंट देगा ये
लेकिन हमनें जो स्ट्रेटेजी बताई है उसके अंदर हमारा स्टॉक मूव करे या नहीं दोनों तरफ से हमको प्रॉफिट ही होगा
अभी का बाजार SWING TRADING का है RANGE BOUND है तो स्टॉक में ये स्ट्रेटेजी एक अच्छा प्रॉफिट देकर जायगी
जब कभी भी मार्केट एक छोटी सी RANGE में ही काम करे एक छोटे से SWING में काम करे और हमे समझ नहीं आता की BUY करते है तो वो स्टॉक गिर जाता है और sale करे तो स्टॉक बढ़ जाता है और वही हम देखते है की बाजार कोई मूवमेंट दे ही नहीं रहा है ऐसे समय में ये STRANGLE STRATEGY सही काम करती है
Bearish Harami candle Swing Trading काम कैसे करती है? क्या होती है और कैसे काम करती है?
Bearish Harami candle क्या होती है और कैसे काम करती है?
दोस्तो, अगर आप शेयर मार्केट में अच्छे निवेशक और ट्रेडर बनना चाहते है तो आपको Fundamental Analysis के साथ साथ Tecnical Analysis का भी ज्ञान होना जरूरी है।
जो Trader प्रतिदिन ट्रेड करके या फिर एक हफ्ते या एक महीने के ट्रेड ले कर मुनाफा कमाना चाहता है उसको Fundamental analysis से ज्यादा Tecnical Analysis को समझना जरूरी होता है।
आज हम Tecnical Analysis के candlestick pattern के प्रकार में से एक Bearish Harami candle के बारेमे विस्तार से जानेंगे जिससे आपको इसे समझ कर अच्छा मुनाफा कमा Swing Trading काम कैसे करती है? सके और Loss की संभावना कम हो जाए।
Bearish Harami candle क्या है
यह कैंडल एक मल्टीप्ल कैंडल पैटर्न है यानी यह कैंडल के बनने के लिए एक से ज्यादा कैंडल की आवश्यकता होती है।
यह कैंडल का नाम जापान के लोगो ने Bullish Harami candle की तरह ही प्रेग्नेट महिला के ऊपर रखा है। यहां दूसरी कैंडल को बच्चा और पहली कैंडल को मां कहा जाता है।
जैसा कि नाम से जाहिर है Bearish Harami candle एक Bearish यानी गिरावट को प्रदर्शित करने वाली कैंडल पैटर्न है।
जब भी चार्ट में यह कैंडल बनती है तब शेयर में Buyer की पकड़ कमजोर हो जाती है और Seller की पकड़ मजबूत हो जाती है जिससे शेयर या कमोडिटी में मंदी की सरुआत हाेती है।
Bearish Harami candle कैसे बनता है
Bearish Harami candle के बनने के लिए सबसे पहले शेयर का Up trend में होना जरूरी है Swing Trading काम कैसे करती है? क्युकी यह एक Bearish यानी मंदी की कैंडल है इसीलिए up trend में बहुत ही अच्छे से काम करती है।
आप ऊपर कैंडल वाले फोटो देखिए यहां पहली Candle Long bullish है जो लंबी तेजी को दिखाती है और इसके तुरंत बाद वाली कैंडल Bearish है।
कई बार ट्रेडर को लंबी bullish कैंडल चार्ट में पहली बनेगी तब हमे हमारी मानसिकता से ऐसा लगता है कई बार ऐसे लगता है की शेयर यहां से और ऊपर जायेगा लेकिन जब चार्ट में दूसरी कैंडल बनती है इसीलिए पहले पूरे पैटर्न को बनने दे उसके बाद अपने risk management और risk Reword Ratio के हिसाब से उसके stop Loss के साथ निवेश करे।
यहां Risk Managment इसीलिए जरूरी है की अगर प्रॉफिट हुआ तो अच्छा रहेगा लेकिन अगर Loss हुआ तो बड़ा लॉस होगा।
Bearish Harami candle में वॉल्यूम का भी महत्व होता है इसमें दूसरी कैंडल का वॉल्यूम पहली कैंडल सेबज्यादा होना चाहिए यानी बढ़ते हुआ क्रम में होना चाहिए।
यह कैंडल सभी प्रकार के बाजार मे बनता है जैसे की Indian market, Forex Market, cripto market, Comodity market सभी मार्केट।
अगर आप यह कैंडल की मदद से Intraday Trading करते हैं तो आप इसको 5 मिनिट, 10 मिनिट और 15 मिनिट के Time Frame में देख सकते है और यह अच्छा परिणाम दे देता है।
अगर आप Swing Swing Trading काम कैसे करती है? Trading करते है तो आप यह कैंडल को Hourly के टाइम फ्रेम या Day के टाइम फ्रेम में देख सकते है।
- पहली कैंडल Long bullish होनी चाहिए।
- दूसरी कैंडल Small Bearish होनी चाहिए।
- दूसरी कैंडल पहली कैंडल के High Prise और Open Prise के बीच में होनी चाहिए।
- यह कैंडल का volume बढ़ते हुआ क्रम में होना चाहिए।
Bearish Harami candle की मदद से ट्रेड कैसे करे
जब आपको मार्केट में कैंडल पूरी तरह से बन जाए उसके बाद ही आपको ट्रेड लेना है वरना उसमे ट्रेड नही लेना है।
जब Bearish Harami candle बन जाए उसके बाद की कैंडल Bearish Harami candle से gape up या फिर gape down खुलनी चाहिए।
जब Bearish Harami candle के बाद की कैंडल का भाव जबतक Bearish Harami candle के पहली कैंडल के Low के नीचे close हो जाए उसके बाद उसमे entry ले सकते है।
अब ट्रेड लेने के लिए सबसे पहले आपको यह देखना होगा की Bearish Harami candle के बाद की नई कैंडल Gape down open हुई है या नहीं।
अगर नई कैंडल gape down open हुई है तो आप ट्रेड ले सकते है वरना जब तक नई कैंडल का भाव Bearish Harami candle की Long bullish यानी पहली कैंडल के Low के नीचे जा के बंद हो जाए उसके बाद ट्रेड लेना है।
अब प्रॉफिट बुकिंग के लिए आपको चार्ट में जब तक कोई ट्रेंड बदलने वाला सिग्नल ना दिखाई दे तब तक प्रॉफिट बुकिंग नही करना।
जैसे जैसे आपका प्रॉफिट बढ़ता जाए वैसे वैसे आप अपना Srop Loss Prise के नजदीक ले जाए जिससे अचानक आने वाली तेजी से आपका पहले बना हुआ प्रॉफिट safe रहेगा।
अगर आप एक अच्छे निवेशक के जैसे Tecnical Analysis को अच्छे से समझना चाहते है तो हमारी website को देखे।
अगर यह पोस्ट या अन्य कोई शेयर मार्केट से जुड़ा हुए सवाल के सही और सटीक उत्तर के लिए आप हमे comment कर सकते है।
शेयर बाज़ार में टिप्स से नहीं सीखकर काम करिये
टिप पूछने वाले तो खैर अपने पैर पर ख़ुद ही कुल्हाड़ी मार रहे होते हैं, क्योंकि उनको ही नहीं पता है कि वे क्या ख़रीदने वाले हैं अपनी उस रक़म से जो कि उन्होंने दिन रात काम करके, परिवार के समय के साथ समझौता करके, किसी न किसी अपनी इच्छा को मारकर, किसी ऐसे व्यक्ति के कहने पर कहीं भी पैसा लगाने को तैयार रहते हैं जिन्हें वे मार्केट एक्सपर्ट समझते हैं। यहाँ शेयर बाज़ार में Swing Trading काम कैसे करती है? ऐसा कोई नहीं जो कि हमेशा ही लाभ में होता हो, सभी को घाटा होता है, यह भी एक व्यापार ही है।
बस हमें अपने लाभ को घाटे से ज़्यादा रखना होता है, तो हम शेयर बाज़ार में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। नहीं तो जो रक़म गाढ़ी कमाई की है उसे बाज़ार में आकर गँवा देंगे। बाज़ार में कोई भी एक्सपर्ट नहीं है, शेयर बाज़ार सर्वोपरि है, भगवान है, कब क्या हो जाये कोई भी प्रिडिक्ट नहीं कर सकता है।
मैं ख़ुद उतने वर्षों से बाज़ार में रहते हुए, सीखने के लिये लालायित रहता हूँ, जो तरकीबें आज से १० साल पहले काम करती थीं, वे अब काम नहीं करती, बाज़ार में काम करने का तरीक़ा, बाज़ार का ट्रेंड बदलता रहता है, और जब सीखेंगे तभी कुछ अच्छा कर पायेंगे।
बाज़ार को सीखने के लिये रोज़ समय देना होता है, मैं आज भी लगभग रोज़ २ घंटे बाज़ार को सीखने के विश्लेषण करने के देता हूँ, तभी आज थोड़ा बहुत सफल हो पाता हूँ। बाज़ार ऐसी जगह है जहाँ सभी तरह के लोग हैं कोई ट्रेडर है तो कोई निवेशक, सबकी अपनी अपनी ज़रूरत और सीखने की अपनी प्रक्रिया होती है। सीखना एक लंबी प्रक्रिया है, फिर उसे प्रेक्टिस करके, बैकटेस्ट करके ही कुछ सफलता हाथ लग सकती है।
अब तो यूट्यूब चैनल हैं सीखने के लिये, मैं अमूमन जब सीखता हूँ, तो मुझे १ घंटे के वीडियो को ख़त्म करने में ही ४ घंटे से ज़्यादा वक़्त लग जाता है, क्योंकि मैं साथ ही प्रैक्टिस भी करता जाता हूँ। शेयर बाज़ार जितना आसान है, उतना ही मुश्किल। बस एक बात अपनी जोखिम क्षमता को ज़रूर परख लें, और शेयर बाज़ार लत है, रोज़ ट्रेड नहीं करने की आदत भी डालनी चाहिये, मार्केट ट्रेंड के साथ कभी कभी ट्रेड करके अपने पैसे को मात्र ४-५ घंटे में १०-११ गुना भी बनाया जा सकता है, बस आपकी स्टडी अच्छी होनी चाहिये, और सबसे बड़ी बात कि अपनी स्टडी पर ख़ुद को ही कॉन्फ़िडेंस होना चाहिये।
What is Stock Trading and types of trading ? स्टॉक ट्रेडिंग क्या है ओर कितने प्रकार कि होती है ?
आज हम ट्रेडिंग के बारे में जान ने वाले है । दोस्तो आप अगर शेयर मार्केट में नये हो तो आपको इस कन्सेप्ट को समझना बहुत जरुरी है। क्यू कि शेयर मार्केट में हम नये होते है कुछ समझ में नहीं आता क्या करना है। ऐसें वक्त में हमे शेयर मार्केट कि एक एक concept को समझना जरुरी होता है उसके सीवा हम आगे बड नहीं सकते ओर यह समझना भी जरुरी हि है । दोस्तो अगर हमे बेसिक कन्सेप्ट के बारे में हि पता नहीं होगा तो हम आगे काम कैसे करेंगे ओर शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमा सकते है इसलीये इन कन्सेप्ट को समझना चाहीए।
What is Stock Trading and types of trading ? |
शेयर / स्टॉक ट्रेडिंग क्या है ?
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना यांनी किसी कंपनी के शेयर को कम किंमत पर खरीदना ओर उसका भाव यांनी किंमत बड ने पर बेच देना इससे जो लाभ होता हे उसे मूनाफा कहते है, लेकिन कही बार शेयर कि किंमत घट जाती है तो नुकसान भी हो सकता है । इसके लिए हमें उस कंपनी के बारे में अच्छे से जानकारी होनी चाहीए उस पर रिसर्च किया होणा चाहिए।
यह उसी प्रकार है जैसे हम किसी चीज का व्यापार या धंदा करते है जीसमे कम टाइम में हमे वह चीज को बेच ना होता है जेसें मंडी मार्केट में हम Swing Trading काम कैसे करती है? सुबह कोई सब्जी 10 रु kg के भाव से बेचने के लिए लेते है ओर शाम तक उसे 20 रु kg के हिसाब से बेच देते है जिससे हमे मूनाफा हो जाता है । लेकिन कही बार सब्जी अगर बेची नहीं गयी तो हमे नुकसान भी उठाना पडता है । उसी प्रकार शेयर ट्रेडिंग भी होती है। शेयर ट्रेडिंग में भी कही सारे प्रकार कि ट्रेडिंग होती है उन्हे हम आगे समझ लेते है ।
ट्रेडिंग के प्रकार :
1 ) Intraday Trading
( इंट्राडे ट्रेडिंग):
Intraday trading यांनी मान लो हमने आज किसी कंपनी के शेयर को खरीदा ओर मार्केट बंद होणे से पहले उसे बेच दिया इसे intraday trading कहा जाता है। इस तरह के ट्रेडिंग के प्रकार में आपको उसी दिन शेयर को बेच ना होता है । फिर चाहे आपको प्रॉफिट हो या लॉस हमे उसी दिन अपनी position को बंद करना होता है , इस ट्रेडिंग के प्रकार में रिस्क बहुत जादा होता है ओर प्रॉफिट भी ज्यादा कमा सकते है । यह ट्रेडिंग उन्हे हि करणी चाहीए जिनोने शेयर मार्केट को अच्छे से समझ लिया हो या फिर किसी के गाईडन्स में यांनी जो व्यक्ती को इसका अच्छा अनुभव हो उनसे आप सिख सकते हो । intraday में हमे ब्रोकर कि ओर से मार्जिन money कि facility भी मिलती है । यांनी हम हमारे कॅपिटल से ज्यादा शेयर खरीद सकते है। जेसें अगर हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में 10 हजार रु है ओर हमे 3× मार्जिन मिल रही है तो हम Swing Trading काम कैसे करती है? 30 हजार किंमत के शेयर खरीद सकते है यह अलग अलग ब्रोकर कि कम जादा हो सकती है। लेकिन मार्जिन मनी का फायदा ओर नुकसान दोनो है । इसे आपको समझना होगा । अगर आपको मार्केट के उतार चढाव के बारे में अच्छे से जानकारी हो तभी आप यह facility ले ।
2 ) Swing Trading
( स्विंग ट्रेडिंग ) ;
इस प्रकार कि ट्रेडिंग कुछ दिन या कुछ हफ्ते के लिए कि जाती है जो कि intrday जेसे हि होती है लेकिन इसमें आपको उसी दिन शेयर को बेचना नहीं होता है । हम कुछ दिनो या हफ्तो के लिये position होल्ड कर सकते है ओर मूनाफा होणे के बाद बाहर निकाल सकते है । यह ट्रेडिंग बहुत हि पॉप्युलर type है। यह ट्रेडिंग पार्ट टाइम ट्रेडर के लिए बहुत हि फायदेमंद है क्यू कि वह intraday trading जेसे मार्केट Swing Trading काम कैसे करती है? पुरे दिन watch नहीं कर सकते है । यह ट्रेडिंग के प्रकार में हम हमारे प्रॉफिट टार्गेट सेट कर सकते है, achive होणे पर हम exit हो सकते है । स्विंग ट्रेडिंग में हमे अच्छे रिटर्न मिलने के चान्स ज्यादा होते है ओर रिस्क कम होती है । इस ट्रेडिंग को ट्रेडिंग किंग भी कहते है ।
3) Short Term Trading :
( शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग ) :
Short Term Trading इस ट्रेडिंग का नाम हि हमे इसके बारे में बता देता है कि यह ट्रेडिंग type में कुछ weeks से लेकर कुछ months तक हम हमारा ट्रेंड ऍक्टिव्ह रख ते है ओर जेसे हि हमे हमारे शेयर का टार्गेट price मिल जाता है तो हम ट्रेंड को close कर देते है। यह ट्रेडिंग भी बहुत पॉप्युलर है ।बस आपको किसी भी शेयर में यह ट्रेडिंग करणी हो तो आपको उस शेयर कि काफी रिसर्च करणी होती है । तब जाकर आप अच्छे से प्रॉफिट बना सकते हो ।
4 ) Long Term Trading
( लोन्ग टर्म ट्रेडिंग ) :
Long Term Trading भी एक अच्छा option है जीसमे कुछ माहिनो से लेकर कुछ साल तक हम ट्रेड ले सकते है । ओर टार्गेट Achive होणे पर हम position exit कर देते है । इसमें हमे daily के मार्केट उतार चढाव पर नजर नहीं रखनी होती है । यह एक बेस्ट option है जिनके पास कम टाइम है ओर वह रोजाना मार्केट को watch नहीं कर सकते । इसमें रिस्क ज्यादा नहीं होता है,ओर कही बार अगर कंपनी अगर डिवीडेन्ट ओर बोनस प्रदान करती है तो उसका भी लाभ हमे मिल जाता है ।
आपको यह जानकारी कैसी लगी कॉमेंट में अपनी राय जरूर दे और अपने दोस्तो से शेयर करना न भुले
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