डॉव 764.13 अंकों की गिरावट के साथ 33,202.22 पर बंद हुआ, जबकि टेक-हैवी नैस्डैक 360.36 अंकों की गिरावट के साथ 10,810.53 पर बंद हुआ।

Liquid fund क्या है ? - What is Liquid fund

वैश्विक रुख पर रहेगी शेयर बाजार की नजर

Stock Market, Sensex

मुंबई (एजेंसी)। दुनिया भर में ब्याज की दरें ऊंची रहने से सहमे निवेशकों की बिकवाली से बीते सप्ताह 1.36 प्रतिशत तक टूटे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह वैश्विक आर्थिक गतिविधियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख का असर रहेगा।

निफ्टी भी 227.6 अंक गिरा

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 843.86 अंक अर्थात 1.36 प्रतिशत लुढ़ककर सप्ताहांत पर 62 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 61337.81 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 227.6 अंक यानी 1.23 प्रतिशत गिरकर 18500 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 18269 अंक सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? रह गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों पर बिकवाली का दबाव रहा। इससे मिडकैप 356.35 अंक की गिरावट लेकट सप्ताहांत पर 25739.21 अंक पर रहा। हालांकि स्मॉलकैप की मामूली गिरावट से बाजार को समर्थन मिला। स्मॉलकैप महज 41.81 अंक फिसलकर 29516.75 अंक पर आ गया।

शेयर बाजार एक महीने के निचले स्तर तक गिरा

विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के ठीक एक दिन बाद यूरो क्षेत्र, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, मैक्सिको और ताइवान के केंद्रीय बैंक ने भी महंगाई पर लगाम लगाने का हवाला देते हुए गुरुवार को ब्याज दरें बढ़ा दी। साथ ही अगले साल भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाने के संकेत दिए। इससे दुनिया के शेयर बाजार एक महीने के निचले स्तर तक गिर गए। इसका असर दोनों स्थानीय मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी पर पड़े तथा कमोबेश अगले सप्ताह भी इसका प्रभाव देखा जा सकेगा।

इसके अलावा चीन से आने वाली खबरें, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर सूचकांक अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे। साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह पर भी बाजार की नजर रहेगी। एफआईआई ने दिसंबर में अबतक कुल 99,241.74 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 106,731.79 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।

केंद्र सरकार का कर्मचारियों को DA और DR देने से इंकार, इंतज़ार कर रहे कर्मियों पर आई आफत

Kavita Singh Rathore

सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आफत खड़ी कर दी है। दरअसल, कोविड के बाद से अटका 18 महीने का DA (Dearness Allowance) अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों को नहीं मिला है। जिस पर सरकार ने मंगलवार को साफ कर दिया है कि, बकाया महंगाई भत्ता दिया जाना यानी की एरियर को जारी करना व्यवहारिक नहीं है। आपको बता दें कि कोराना काल के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते और पेंशन भोगियों के लिए महंगाई राहत DR को रोक दिया गया था। इसे लेकर करीब 52 लाख कर्मचारी और 60 लाख पेंशनर आस लगाए बैठे थे कि, उन्हें DA और DR मिलेगा, लेकिन अब सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? सरकार के इस फैसले से मामला गड़बड़ लग रहा है।

अमेरिकी शेयर डूबे क्योंकि फेड के आक्रामक बने रहने के संकेत मिले

गुरुवार को वॉल स्ट्रीट और पूरे यूरोपीय बाजारों में शेयरों में गिरावट आई क्योंकि निवेशकों की चिंता बढ़ गई कि फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने के लिए मंदी का जोखिम उठाने को तैयार हैं।

बेंचमार्क इंडेक्स में 90% से अधिक स्टॉक लाल रंग में बंद होने के साथ एसएंडपी 500 2.5% गिर गया। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2.2% गिर गया और नैस्डैक कंपोजिट 3.2% टूट गया। व्यापक गिरावट ने प्रमुख सूचकांकों की सभी साप्ताहिक बढ़त मिटा दी।

बिक्री की लहर तब आई जब यूरोप में केंद्रीय बैंकों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपनी प्रमुख दर में फिर से बढ़ोतरी के एक दिन बाद ब्याज दरों में वृद्धि की, इस बात पर जोर दिया कि मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दरों को पहले की अपेक्षा अधिक जाना होगा।

नवबंर में घटी महंगाई दर, RBI और सरकार के लिए बड़ी राहत; थमेगा रेपो रेट का बढ़ने का सिलसिला?

नेशनल डेस्कः सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? सोमवार को नवबंर महीने की खुदरा महंगाई के आंकड़े सामने आए हैं। महंगाई के आकड़ों को देखकर सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जरूर थोड़ी राहत की सांस ली होगी। दरअसल, नवबंर महीने में खुदरा महंगाई दर 5.88 की औसत 11 महीने के निचले स्तर पहुंच गई है। यह आरबीआई के 6 फीसदी की दर के नीचे है। पिछले 11 महीने से महंगाई लगातार 7 और 8 प्रतिशत की दर से ऊंची बनी हुई थी। इससे नीतिगत ब्याज दर बढ़ाने का रिजर्व बैंक का सिलसिला थम सकता है।

भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ सौम्य कांति घोष ने सोमवार को जारी नवंबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर त्वरित टिप्पणी में कहा,‘ नवंबर के महीने में सीपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति भारत में नीतिगत दर में वृद्धि के चक्र को सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? समाप्त करने का प्रोत्साहन प्रदान कर रहीहै।' नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति गिर कर 5.88 प्रतिशत रही जो 11 माह का इसका न्यूनतम आंकड़ा है।

इन्हें भी पढ़ें

आज के इस आर्टिकल में हमने चर्चा की की लिक्विड फंड क्या होता है तथा यह कैसे काम करता है तथा इसमें निवेश करने से पहले हमें क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इत्यादि के बारे में आज हमने जाना।

मुझे पूर्ण उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके मन की सारी आशंकाएं दूर हो गई होगी। यदि आपको इसके बारे मे और भी अधिक जानकारी चाहिए तो आप हमें कॉमेंट के माध्यम से बता सकते हैं।

इस से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें फॉलो करना ना भूले।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs )

Ans. Liquid fund एक लचीले निवेश विकल्पों के साथ एक तरल, कम लागत तथा बहुत ही कम जोखिम वाला उत्पाद होता है। इसलिए यह सुरक्षित होता है।

Ans. उस व्यक्ति की आय तथा व्यय के आधार पर, एक आपातकालीन निधि आपकी मासिक आय के तीन से छह महीने तक की हो सकती है।

Q.3 liquid fund कितना return देते हैं?

Ans. 7 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक return देते है।

Ans. Liquid fund, डेट फंड की एक कैटेगरी होती है जो कि डेट तथा मनी मार्केट के इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कॉमर्शियल पेपर, कॉल मनी, सरकारी सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल वगैरह में निवेश करता है। इसमें 91 दिनों तक की मैच्योरिटी अवधि होती है। liquid fund में निवेश करने सबसे बड़ा फायदा liquidity का होता है।

रेटिंग: 4.43
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 419