स्टार्टअप इंडिया - एक स्टार्टअप क्रांति की शुरुआत

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स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।

स्टार्टअप एक इकाई है, जो भारत में पांच साल से अधिक से पंजीकृत नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक लाभ क्रांति कैसे काम करती है नहीं है। यह एक इकाई है जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नये उत्पादों या सेवाओं के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है।

सरकार द्वारा इस संबंध में घोषित कार्य योजना स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के सभी पहलुओं को संबोधित करने और इस आंदोलन के प्रसार में तेजी लाने की उम्मीद करती है।

कृत्रिम मेधा चिकित्सकीय अनुसंधान में क्रांति ला सकती है, लेकिन सतर्क दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत

(रीस हूकर, असिस्टेंट प्रोड्यूसर, 360 इंफो एशिया-प्रशांत) मेलबर्न, एक अगस्त (360 इंफो) एक ओर सोशल मीडिया यूजर कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करके बेहतरीन तस्वीरें ले रहे हैं और उन्हें साझा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हम 20 करोड़ से अधिक प्रोटीन की संरचनाओं के बारे में पूर्व में जानकारी देने की एआई की क्षमता के बारे में भी सुनते हैं। एआई चिकित्सकीय अनुसंधान में क्रांति लाने में सक्षम है। प्रौद्योगिकी दो अहम तरीकों से मदद करती है: यह अनुसंधान का सर्वोत्तम उपयोग करती है और यह ऐसी खोज कर सकती है, जो मनुष्य नहीं कर सकते। एआई उन सीमाओं

मेलबर्न, एक अगस्त (360 इंफो) एक ओर सोशल मीडिया यूजर कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करके बेहतरीन तस्वीरें ले रहे हैं और उन्हें साझा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हम 20 करोड़ से अधिक प्रोटीन की लाभ क्रांति कैसे काम करती है संरचनाओं के बारे में पूर्व में जानकारी देने की एआई की क्षमता के बारे में भी सुनते हैं।

एआई चिकित्सकीय अनुसंधान में क्रांति लाने में सक्षम है। प्रौद्योगिकी दो अहम तरीकों से मदद करती है: यह अनुसंधान का सर्वोत्तम उपयोग करती है और यह ऐसी खोज कर सकती है, जो मनुष्य नहीं कर सकते। लाभ क्रांति कैसे काम करती है एआई उन सीमाओं से परे है, जिनसे मनुष्य अनुसंधानकर्ता जूझते हैं। यह बड़े आंकड़ों को भी तेजी से खंगाल सकती है, इसे कभी आराम की आवश्यकता नहीं होती और न ही कभी बीमारी या थकान होती है।

ताइवान के कम्प्यूटर वैज्ञानिक, कारोबारी और लेखक काई-फु ली ने हाल में कहा, ‘‘मशीन लर्निंग एल्गोरिदम इतनी अच्छी तरह काम करता है कि हम स्वयं भी हैरान हैं। . ’’

एआई के लाभ के बावजूद इसकी तकनीकी सीमाएं है। एआई के क्षेत्र में अग्रणी योसुआ बेंगियो ने 2021 में कहा था कि ‘डीप लर्निंग’ ‘‘आज दो साल के बच्चे की बुद्धि के स्तर के करीब भी नहीं है।’’

‘डीप लर्निंग’ ‘मशीन लर्निंग’ का ही उप क्षेत्र और एआई का एक पहलू है, जो यह पता लगाता है कि मानव मस्तिष्क कोई ज्ञान हासिल करने के लिए कैसे काम करता है।

प्रौद्योगिकी को और सटीक बनाने के लिए और काम करने की आवश्यकता है। इसके अलावा एआई के साथ नैतिकता का मामला भी जुड़ा है।

वर्ष 2019 से 2000 के बीच अनुसंधानकर्ताओं के समुदाय ने एआई में अधिक दिलचस्पी ली। एआई पर विश्वभर में वर्ष 2019 में विभिन्न पत्रिकाओं में 52,000 अनुसंधान पत्र छपे, जबकि 2020 में यह संख्या बढ़कर लगभग 4,03,000 हो गई।

एआई के 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15,700 अरब डॉलर का लाभ क्रांति कैसे काम करती है योगदान देने का अनुमान है।

2020 में 100 स्वास्थ्य सेवा अधिकारियों पर सर्वेक्षण किया गया और हर 10 में से नौ अधिकारियों ने कहा कि उनके अस्पताल लाभ क्रांति कैसे काम करती है में एआई और स्वचालन संबंधी रणनीति है।

‘ओकिनावा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ के हिरोआकी कितानो ने कहा, ‘‘लक्ष्य और अपेक्षा यह है कि एआई को बीमारियों संबंधी अनुंसधान में पूरी तरह समेकित करने से कई अज्ञात चीजें ज्ञात हो जांएगी। इससे पता चलेगा कि बीमारी क्यों फैलती है, स्थिति क्यों बिगड़ती है और क्यों बदलती है, बीमारी के वे शुरुआती लक्षण या संकेत क्या है, जिनके बारे में अनुसंधान से अभी तक पता नहीं लग पाया है।’’

ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के अलेक्जेंडर मर्किन ने कहा, ‘‘चिकित्सकीय फैसलों में एआई का इस्तेमाल अब भी नई चीज है और इसका व्यापक इस्तेमाल करने से पहले अब भी कई बाधाओं को पार करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा कि इसकी पूर्ण क्षमता तक पहुंचने के लिए व्यापक शोध की आवश्यकता है तथा अब नई प्रौद्योगिकियों के लाभ एवं जोखिम के बीच संतुलन बैठाने और इसके लिए मिलकर काम करने का समय आ गया है।

कृत्रिम मेधा चिकित्सकीय अनुसंधान में क्रांति ला सकती है, लेकिन सतर्क दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत

(रीस हूकर, असिस्टेंट प्रोड्यूसर, 360 इंफो एशिया-प्रशांत) मेलबर्न, एक अगस्त (360 इंफो) एक ओर सोशल मीडिया यूजर कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करके बेहतरीन तस्वीरें ले रहे हैं और उन्हें साझा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हम 20 करोड़ से अधिक प्रोटीन की संरचनाओं के बारे में पूर्व में जानकारी देने की एआई की क्षमता के बारे में भी सुनते हैं। एआई चिकित्सकीय अनुसंधान में क्रांति लाने में सक्षम है। प्रौद्योगिकी दो अहम तरीकों से मदद करती है: यह अनुसंधान का सर्वोत्तम उपयोग करती है और यह ऐसी खोज कर सकती है, जो मनुष्य नहीं कर सकते। एआई उन सीमाओं

मेलबर्न, एक अगस्त (360 इंफो) एक ओर सोशल मीडिया यूजर कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करके बेहतरीन तस्वीरें ले रहे हैं और उन्हें साझा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हम 20 करोड़ से अधिक प्रोटीन की संरचनाओं के बारे में पूर्व में जानकारी देने की एआई की क्षमता के बारे में भी सुनते हैं।

एआई चिकित्सकीय अनुसंधान में क्रांति लाने में सक्षम है। प्रौद्योगिकी दो अहम तरीकों से मदद करती है: यह अनुसंधान का सर्वोत्तम उपयोग करती है और यह ऐसी खोज कर सकती है, जो मनुष्य नहीं कर सकते। एआई उन सीमाओं से परे है, जिनसे मनुष्य अनुसंधानकर्ता जूझते हैं। यह बड़े आंकड़ों को भी तेजी से खंगाल सकती है, इसे कभी आराम की आवश्यकता नहीं होती और न ही कभी बीमारी या थकान होती है।

ताइवान के कम्प्यूटर वैज्ञानिक, कारोबारी और लेखक काई-फु ली ने हाल में कहा, ‘‘मशीन लर्निंग एल्गोरिदम इतनी अच्छी तरह काम करता है कि हम स्वयं भी हैरान हैं। . ’’

एआई के लाभ के बावजूद इसकी तकनीकी सीमाएं है। एआई के क्षेत्र में अग्रणी योसुआ बेंगियो ने 2021 में कहा था कि ‘डीप लर्निंग’ ‘‘आज दो साल के बच्चे की बुद्धि के स्तर के करीब भी नहीं है।’’

‘डीप लर्निंग’ ‘मशीन लर्निंग’ का ही उप क्षेत्र और एआई का एक पहलू है, जो यह पता लगाता है कि मानव मस्तिष्क कोई ज्ञान हासिल करने के लिए कैसे काम करता है।

प्रौद्योगिकी को और सटीक बनाने के लिए और काम करने की आवश्यकता है। इसके अलावा एआई के साथ नैतिकता का मामला भी जुड़ा है।

वर्ष 2019 से 2000 के बीच अनुसंधानकर्ताओं के समुदाय ने एआई में अधिक लाभ क्रांति कैसे काम करती है दिलचस्पी ली। एआई पर विश्वभर में वर्ष 2019 में विभिन्न पत्रिकाओं में 52,000 अनुसंधान पत्र छपे, जबकि 2020 में यह संख्या बढ़कर लगभग 4,03,000 हो गई।

एआई के 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15,700 अरब डॉलर का योगदान देने का अनुमान है।

2020 में 100 स्वास्थ्य सेवा अधिकारियों पर सर्वेक्षण किया गया और हर 10 में से नौ अधिकारियों ने कहा कि उनके अस्पताल में एआई और स्वचालन संबंधी रणनीति है।

‘ओकिनावा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ के हिरोआकी कितानो ने कहा, ‘‘लक्ष्य और अपेक्षा यह है कि एआई को बीमारियों संबंधी अनुंसधान में पूरी तरह समेकित करने से कई अज्ञात चीजें ज्ञात हो जांएगी। इससे पता चलेगा कि बीमारी क्यों फैलती है, स्थिति क्यों बिगड़ती है और क्यों बदलती है, बीमारी के वे शुरुआती लक्षण या संकेत क्या है, जिनके बारे में अनुसंधान से अभी तक पता नहीं लग पाया है।’’

ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के अलेक्जेंडर मर्किन ने कहा, ‘‘चिकित्सकीय फैसलों में एआई का इस्तेमाल अब भी नई चीज है और इसका व्यापक इस्तेमाल करने से पहले अब भी कई बाधाओं को पार करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा कि इसकी पूर्ण क्षमता तक पहुंचने के लिए व्यापक शोध की आवश्यकता है तथा अब नई प्रौद्योगिकियों के लाभ एवं जोखिम के बीच संतुलन बैठाने और इसके लिए मिलकर काम करने का समय आ गया है।

औद्योगिक क्रांति क्या है?

Industrial Revolution

क्रांति ने मानव सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संरचना में एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित किया। यह हाथ श्रम पर आधारित वस्तुओं के उत्पादन से मशीनीकृत कारखानों में संक्रमण को संदर्भित करता है, जिसके कारण लोगों के जीवन जीने के तरीके में बदलाव आया।

औद्योगिक क्रांति सारांश

औद्योगिक क्रांति 18वीं शताब्दी में ग्रेट ब्रिटेन में शुरू हुई और पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में फैल गई, अंततः पूरी दुनिया को प्रभावित किया। 1765 में जेम्स वाट द्वारा भाप इंजन के आविष्कार ने मनुष्यों के लिए काम करने के लिए भारी मशीनरी प्राप्त करना आसान बना दिया। यह मशीन इससे पहले के किसी भी अन्य इंजन की तुलना में बहुत अधिक शक्ति का उत्पादन कर सकती थी, जिससे 1804 में अन्य आविष्कार, जैसे कि लाभ क्रांति कैसे काम करती है रेलमार्ग, हो गए।

पहली औद्योगिक क्रांति

पहली औद्योगिक क्रांति 1800 के दशक में भाप से चलने वाली मशीनरी में सुधार के साथ हुई थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लोगों ने यह देखना शुरू कर दिया कि मशीनें उनके काम के कुछ पहलुओं को उनके हाथों से काम करने के बजाय उनके लिए कर सकती हैं। ये मशीनें हर तरह के काम करती थीं जैसे ऊन कातना या लट्ठों पर लकड़ी फेरना। इसने वस्त्रों और अन्य वस्तुओं के उत्पादन को यंत्रीकृत करने में मदद की।

प्रथम औद्योगिक क्रांति के तीन मुख्य कारण थे:

  1. मशीन टूल्स का विकास, जिससे बड़े पैमाने पर उत्पादन हुआ।
  2. बिजली के स्रोत के रूप में कोयले के उपयोग ने लोगों को इसकी उपलब्धता और आसान परिवहन के कारण पहले की तुलना में बहुत तेज दर पर वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने की क्षमता प्रदान की।
  3. भाप इंजन के आविष्कार ने लोगों के लिए पूरी तरह से पानी की मिलों या पवन चक्कियों पर निर्भर रहने के बजाय कारखानों में बिजली का उत्पादन करना संभव बना दिया।

दूसरी औद्योगिक क्रांति

शब्द "दूसरी औद्योगिक क्रांति", जिसे "अमेरिकी औद्योगिक क्रांति" के रूप में भी जाना जाता है, 1870 से 1914 तक चली। अमेरिकी बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रणाली को दुनिया भर में अपनाया गया, साथ में कई अमेरिकी उपभोक्ता उत्पाद जैसे ऑटोमोबाइल, टेलीफोन और इलेक्ट्रिक लाइटिंग। यह वैश्विक के लिए एक बहुत बड़ा वरदान रहा हैअर्थव्यवस्था क्योंकि इससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि हुई और वृद्धि हुईआर्थिक विकास.

नई तकनीकों को तेजी से अपनाना, हमारे भुगतान और वितरण प्रणाली में सुधार, और नए व्यापार मॉडल जैसे ई-कॉमर्स, ई-बिजनेस, ऑनलाइन मार्केटिंग, मोबाइल कॉमर्स आदि के विकास लाभ क्रांति कैसे काम करती है लाभ क्रांति कैसे काम करती है ने इसे प्रभावित किया है। इस समय, बिजली व्यापक हो गई, जिससे परिवहन और संचार में आविष्कार और नवाचार हुआ।

तीसरी औद्योगिक क्रांति

तीसरी औद्योगिक क्रांति का उपयोग विनिर्माण-आधारित अर्थव्यवस्था से सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था में संक्रमण का वर्णन करने के लिए किया जाता है। तीसरी औद्योगिक क्रांति नैनो प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और संज्ञानात्मक विज्ञान के अभिसरण की विशेषता है। अभिसरण प्रौद्योगिकियां हमारे जीने, काम करने और खेलने के तरीके को बदल रही हैं जिसकी हम अभी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

इसका सबसे उल्लेखनीय उदाहरण सेल्फ ड्राइविंग कारें हैं। जल्द ही, वे हमारी सड़कों पर अपनी अगली मुलाकात के लिए लोगों को इकट्ठा करेंगे या हमारे किराने का सामान दरवाजे तक पहुंचाएंगे। इस नई तकनीक के लिए अवसर अनंत हैं जिसने परिवहन और रसद जैसे उद्योगों को पहले ही बाधित कर दिया है।

चौथी औद्योगिक क्रांति

चौथी औद्योगिक क्रांति विश्व अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्गठन की ओर ले जाएगी और हम आधुनिक युग में कैसे काम करते हैं। चौथी औद्योगिक क्रांति पारंपरिक विनिर्माण से डिजिटल विनिर्माण में बदलाव है जो हमारे जीने और काम करने के तरीके को बदल देगा।

इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और नैनो टेक्नोलॉजी जैसी कई उभरती हुई तकनीकों को शामिल करने की उम्मीद है। उद्योग के विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि 2025 तक, सभी नई नौकरियों में से 75% डिजिटल अर्थव्यवस्था में सृजित होंगे। इसका मतलब यह है कि कई लोगों को डेटा-संचालित दुनिया में काम करने के लिए प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होगी क्योंकि प्रोग्रामिंग, डिजाइन थिंकिंग और सांख्यिकी जैसे कौशल सेट सफलता के लिए महत्वपूर्ण होंगे। शारीरिक श्रम-आधारित नौकरियों से अधिक विश्लेषणात्मक पदों में बदलाव आया है। श्रमिकों से उच्च शिक्षा और कौशल की अपेक्षा की जाती है क्योंकि अब कई उद्योगों में मानव श्रम के बजाय रोबोट का उपयोग किया जाता है।

औद्योगिक क्रांति - पक्ष और विपक्ष

औद्योगिक क्रांति कई फायदे और नुकसान लेकर आई। इसमें शामिल है:

पेशेवरों

  • सस्ता, बड़े पैमाने पर उत्पादित माल
  • अधिकांश लोगों के लिए उच्च आय
  • गुलामी का उन्मूलन
  • सामंतवाद का अंत
  • शहरों में स्वच्छता की स्थिति
  • मजदूरों का शोषण
  • समाज में दरार का कारण बनता है
  • कार्यबल में सिकोड़ें
  • शहरी जनसंख्या में वृद्धि

निष्कर्ष

औद्योगिक क्रांति ने उच्च उत्पादन दर पैदा की, अधिक प्रदूषण पैदा किया और वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हुई। दुनिया अब बहुत छोटी हो गई है कि दुनिया भर के देशों के साथ व्यापार संभव है। इसने जनसंख्या में वृद्धि और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले भोजन और आवश्यकताओं की उपलब्धता की अनुमति दी।

औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप कई सामाजिक परिवर्तन हुए जो पहले तो प्रगतिशील थे लेकिन बाद में समाज के लिए हानिकारक हो गए। इसने उत्पादों को बनाने के तरीके को बदल दिया है, और जैसा कि हम जानते हैं, इसने दुनिया को बदल दिया है।

CM Udyam Kranti Yojana: सीएम शिवराज ने किया मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का शुभारंभ

CM Udyam Kranti Yojana: सीएम शिवराज ने किया मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का शुभारंभ

CM Udyam Kranti Yojana: भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मुख्यमंत्री उद्यम लाभ क्रांति कैसे काम करती है क्रांति योजना का शुभारंभ किया। प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सरकार बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाएगी। इसमें अधिकतम पचास लाख रुपये का बैंक से ऋण दिलाया जाएगा। सरकार वित्तीय सहायता के रूप में तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान और सात साल तक के लिए बैंक ऋण गारंटी शुल्क देगी।

राज्य स्तरीय कार्यक्रम भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हो रहा है। योजना के तहत वर्ष 2022-23 में एक लाख युवाओं को लाभांवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें युवाओं को विनिर्माण गतिविधियों के लिए अधिकतम 50 लाख रूपये, सेवा और व्यवसाय गतिविधियों के लिए 25 लाख रुपये तक बैंकों से ऋण दिलवाया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवपुरी, जबलपुर, खंडवा और पन्ना के हितग्राहियों से संवाद किया और कार्यक्रम स्थल पर अनेक उद्यमियों को लाभांवित भी किया।

सीएम शिवराज ने खंडवा के अजीत सूर्यवंशी से बात की और पूछा कि उद्योग विभाग वालों ने चक्कर तो हनीं लगवाए। इसी के साथ जबलपुर की खुशबू ने कहा कि थोड़ा बहुत तो चलता है काम होना चाहिए। इस पर सीएम ने बैंकर्स से कहा कि ये थोड़ा बहुत भी न चले। उन्होंने कहा कि महीने में एक दिन रोजगार दिवस के रूप में मनाना जाएगा। विभिन्न योजनाओं का लाभ युवाओं को देना है। तीन महीने में 13.63 लाख हितग्राहियों को कर्ज दिलाया गया है। किसी को निराश होने की जरुरत नहीं है। 35000 युवाओं की सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया गया है। खाली पद भरने को कहा गया है, रोजगार के वैकल्पिक विकल्प तैयार करना होंगे। प्राइवेट सेक्टर में एक लाख नौकरी मिलेगी, कलस्टरों पर काम कर रहे हैं।

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सीएम शिवराज ने कहा कि लोन की गारंटी सरकार लेगी। सरकार लोन की राशि के एक प्रतिशत राशि सरकार जमा करती है। इसमें 140 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मध्य प्रदेश के युवा रोजगार मांगने वाले नहीं देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि आज तो दूल्हे की शेरवानी भी किराए पर मिल जाती है। यह भी इनोवेटिव आइडिया है। शादी के बाद वे कपड़े कौन कितने दिन पहनता है। सीएम ने कहा कि आप नया सोचो हम भरपूर सहयोग देंगे। स्टार्टअप शुरू करो। मन में कोई विचार आए तो उसे मरने मत दो। बल्कि उस पर और सोचो।

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सीएम शिवराज ने कहा कि 40 हजार करोड़ रुपये का निर्यात इस बार अकेले मध्य प्रदेश ने किया है।हमारे बासमती चावल की सुगंध अमेरिका और आस्ट्रेलिया में फैल रही है। मैं इसी प्रयास में लगा हूं कि एक्सपोर्ट कैसे बढ़ाया जाए। 12 लाख रुपये वार्षिक आय वालों को योजना का लाभ मिलेगा। ब्याज राशि का तीन प्रतिशत अनुदान सात साल तक दिया जाएगा। 2019 युवाओं को करीब 108 करोड़ रुपये का कर्ज प्रदेश में आज दिया गया। एक लाख युवाओं को योजना के माध्यम से रोजगार देने का लक्ष्य है।

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