स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग का वो तरीका है जिसमें कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक किसी स्टॉक (या किसी फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट) में निवेश करके प्रॉफिट बनाया जाता है।
शेयर मार्केट में इन ग्रहों पर निर्भर करती है आपकी हार-जीत
शेयर मार्केट (Share Market) में हार-जीत का दौर तो चलता ही रहता है। आज हम आपको बताएंगें कि कुंडली (Kundali) के किन ग्रहों पर शेयर मार्केट में नफा-नुकसान निर्भर करता है और किस तरह से ये ग्रह शेयर मार्केट में आपकी किस्मत चमकाने में आपकी मदद कर सकते हैं। तो आइए एक नज़र डालते हैं कुंडली (Kundali) के ग्रहों पर जो शेयर मार्केट में फायदे और नुकसान को नियंत्रित करते हैं -:
– राहु और चंद्रमा शेयर मार्केट (Share Market) नुकसान के कारक हैं तो गुरु और बुध फायदे के कारक ग्रह माने जाते हैं।
– ग्रहों का उदय और शेयर मार्केट के फायदे अस्त शेयर मार्केट (Share Market) पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। वहीं ग्रहण का भी शेयर मार्केट (Share Market) पर भी असर पड़ता है।
– जन्मकुंडली (Janamkundali) का पांचवां भाव मजबूत हो तो शेयर मार्केट में सफलता मिलती है। वहीं कुंडली (Kundali) में राहु के मजबूत होने पर भी स्टॉक मार्केट में मुनाफा होता है।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? | Swing Trading in Hindi
आसान भाषा में कहें तो स्विंग ट्रेडिंग में एक से अधिक ट्रेडिंग सत्र में मध्यम या छोटी अवधि के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता है, लेकिन आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग में ये होल्डिंग पीरियड कई हफ्तों या कुछ महीनों से अधिक नहीं होना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग का टारगेट कम समय में शेयर का प्राइस बढ़ने पर प्रॉफिट बुक कर लाभ कमाना है। स्विंग ट्रेडिंग में कुछ ट्रेडर काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले स्टॉक की तलाश करते हैं, तो कुछ स्टेबल रहने वाले स्टॉक को सेलेक्ट करते हैं लेकिन दोनों ही कंडीशन में टारगेट अल्प अवधि में प्रॉफिट बुक कर लाभ कमाना ही होता है।
एक अच्छा स्विंग ट्रेडर किसी एक स्टॉक से बहुत ज्यादा प्रॉफिट की उम्मीद नहीं रखता बल्कि छोटे प्रॉफिट को बुक कर अपने दुसरे स्टॉक की तलाश शुरू कर देता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए अच्छे स्टॉक का चयन कैसे करें?
एक स्विंग ट्रेडर के तौर पर आपको ये बिल्कुल साफ़ होना चाहिए कि आपको कितने प्रतिशत प्रॉफिट के बाद निकल जाना है, 4 से 15% का प्रॉफिट स्विंग ट्रेडिंग के लिए पर्याप्त है लेकिन ट्रेड लेने से पहले आपको ध्यान रखना है कि आपको केवल ऐसे स्टॉक का चयन करना है जिसका फंडामेंटल स्ट्रांग हो।
आपको स्विंग ट्रेड लेने से पहले रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो को भी ध्यान में रखना होगा। जैसे मान लीजिए आपने कोई ट्रेड लिया जिसमें हर शेयर में आप ज्यादा से ज्यादा 100 रुपए का रिस्क लें सकते हैं और कम से कम प्रति शेयर 300 रुपए के प्रॉफिट के बाद ही आप पोजीशन से एग्जिट लेंगें। 100 रुपए का रिस्क लेकर केवल 75 रुपए का प्रॉफिट लेकर शेयर मार्केट के फायदे निकल जाना बिल्कुल भी बुद्धिमानी नहीं है। आप चाहे तो टोटल इन्वेस्ट किए गए Amount के परसेंटेज के आधार पर भी रिस्क और रिवॉर्ड तय कर सकते हैं। यानी तब आपका रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो 1:3 का होना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
- स्विंग ट्रेडिंग में आपको कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
- कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
- स्टॉक में एंट्री लेने के लिए उसके गिरने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
- स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभवना कम होती है।
- यह एक लेस स्ट्रेस यानी कम तनाव वाली ट्रेडिंग है।
- अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो भी इसे Try कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
- शार्ट टर्म में एग्जिट लेने के कारण आपको शेयर मार्केट के फायदे बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पता है।
- स्टॉक से जुडी रोजाना आने वाली हर छोटी बड़ी खबर से शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव आता है।
- एक दिन से ज्यादा होल्ड करने के कारण शेयर में गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
- डे ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक में बने रहने में प्रॉब्लम आती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग के बीच का अंतर (Swing trading vs Day trading) आमतौर पर होल्डिंग टाइम का है। स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर कम से कम एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर को होल्ड किया जाता है, जबकि डे ट्रेडिंग में बाजार बंद होने से पहले पोजीशन को क्लोज करना होता हैं।
क्योंकि हमें स्विंग ट्रेडिंग में एक दिन से ज्यादा के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता है इसलिए हमें गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
Paytm शेयर मार्केट के फायदे Share Buyback: पेटीएम शेयरों के बायबैक पर फैसले के लिए बोर्ड की बैठक आज, हो सकता है बड़ा फैसला
अपने आईपीओ के फ्लाॅप होने के लगभग एक वर्ष बाद पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस शेयर बायबैक करने की योजना बना रही है। कंपनी की ओर से जानकारी दी गई थी कि आज यानी (13 दिसंबर) को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में शेयर बायबैक के मसले पर विचार-विमर्श किया जाएगा। बता दें कि शेयर बाजार में पेटीएम के शेयरों की लिस्टिंग डिस्काउंट के साथ हुई थी। अब तक कंपनी के शेयर 70 प्रतिशत तक टूट चुके हैं। आपको बता दें कि कंपनी के पास फिलहाल करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है।
# पेटीएम ने शेयर बाजार को दी जानकारी
विस्तार
अपने आईपीओ के फ्लाॅप होने के लगभग एक वर्ष बाद पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस शेयर बायबैक करने की योजना बना रही है। कंपनी की ओर से जानकारी दी गई थी कि आज यानी (13 दिसंबर) को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में शेयर बायबैक के मसले पर विचार-विमर्श किया जाएगा। बता दें कि शेयर बाजार में पेटीएम के शेयरों की लिस्टिंग डिस्काउंट के साथ हुई थी। अब तक कंपनी के शेयर 70 प्रतिशत तक टूट चुके हैं। आपको बता दें कि कंपनी के पास फिलहाल करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है।
# पेटीएम ने शेयर बाजार को दी जानकारी
पेटीएम की पैरेंट कंपनी की ओर से शेयर बाजार को बताया गया है कि वह अपने इक्विटी शेयरों के बायबैक के प्रस्ताव पर विचार करेगी। वन 97 कम्युनिकेशंस के मुताबिक मैनेजमेंट का मानना है कि कंपनी की मौजूदा लिक्विडिटी/वित्तीय स्थिति को देखते हुए बायबैक हमारे शेयरधारकों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। बाजार के जानकारों के मुताबिक पेटीएम का बायबैक साइज 800 करोड़ रुपये से 1,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।
शेयर मार्केट निवेशिको के लिए बड़ी खुशखबरी 18 साल बाद Tata ला रहा है नया Mega IPO, होंगे फायदे ही फायदे
Tata Group: शेयर शेयर मार्केट के फायदे मार्केट निवेशिको के लिए बड़ी खुशखबरी 18 साल बाद Tata ला रहा है नया Mega IPO, होंगे फायदे ही फायदे। देश की दिग्गज कंपनी टाटा ग्रुप पूरे 18 साल के अंतराल के बाद अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रहा है. Tata Motors ने अपने सहायक कंपनी Tata Technologies में अपनी हिस्सेदारी को विनिवेश करने की मंजूरी दे दी है.
स्टॉक मार्केट में TCS ने 2004 में की थी एंट्री (TCS entered the stock market in 2004)शेयर मार्केट के फायदे
इससे पहले साल 2004 में टाटा की TCS ने स्टॉक मार्केट में एंट्री की थी. इसके बाद से ही टाटा ग्रुप की किसी भी कंपनी ने शेयर मार्केट में अपना IPO लॉन्च नहीं किया है. इस आईपीओ के बारे में जानकारी देते हुए Tata Motors ने कहा कि वह अपने आईपीओ संबंधित जानकारी वह मार्केट में जल्द ही उपलब्ध कराएंगे.
टाटा मोटर्स ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि IPO समिति (टाटा मोटर्स लिमिटेड के निदेशक मंडल के जरिए विधिवत गठित) ने 12 दिसंबर 2022 को हुई अपनी बैठक में टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड में कंपनी के निवेश का विनिवेश करने के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. कंपनी ने कहा कि वह आईपीओ से संबंधित सभी भौतिक विकासों की जब भी आवश्यकता होगी तब ऐलान करेगी.
जानिए कब हुई थी Tata Technologies की स्थापना (Know when Tata Technologies was established)
बता दें कि Tata Technologies एक वैश्विक उत्पाद इंजीनियरिंग और डिजिटल सेवा कंपनी है. वहीं साल 2004 में तकनीकी दिग्गज TCS के बाद से टाटा समूह का यह पहला आईपीओ होगा. यह टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के कार्यकाल में भी पहला आईपीओ होगा, जिन्होंने जनवरी 2017 में पदभार संभाला था. बता दें कि Tata Technologies की स्थापना 1989 में Tata Motors की एक इकाई के रूप में हुई थी.
शेयर मार्केट के फायदे
नई दिल्ली: शेयर बाजार में दो दिनों की तेजी पर विराम लग गया है। आज सेंसेक्स 147 अंकों की गिरावट के साथ 62530 पर और निफ्टी 45 अंकों की गिरावट के साथ 18614 अंकों पर खुला। बैंक निफ्टी 109 अंकों की गिरावट के साथ 44 हजार के नीचे फिसल गया और यह 43940 पर खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 62550 के स्तर पर और निफ्टी 18650 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। बैंक निफ्टी 44 हजार के ऊपर मेंटेन है। वहीं IRCTC का शेयर 5 फीसदी लुढ़ गया है।
निफ्टी के टॉप गेनर्स और लूजर्स
वहीं आज निफ्टी के टॉप गेनर्स कि लिस्ट में एसबीआई लाइफ, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉप, बजाज फाइनेंस, ब्रिटानिया, बीपीसीएल, एचडीएफसी लाइफ, एनटीपीसी, एमएंडएम, एलटी, इंडसइंड बैंक, ओएनजीसी, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, अदानी पोर्ट्स, अदानी एंटरप्राइजेज रहे है। साथ ही निफ्टी के टॉप लूजर्स की लिस्ट मेंटेकम, इंफी, एचसीएल टेक, हिंडाल्को, टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा स्टील, कोल इंडिया, टीसीएस, टाटा कंज्यूमर, जेएसडब्ल्यू स्टील, आयशर मोटर्स, आईटीसी, नेस्ले, विप्रो, यूपीएल, पावर ग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, डीआर रेड्डी, रिलायंस है।
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